ठीक हो सकता है गर्भाशय का कैंसर, बस अपनाएं ये उपाय

पूरी दुनिया में ब्रेस्‍ट कैंसर के बाद महिलाओं को जिस कैंसर का सबसे ज्‍यादा खतरा है वो है गर्भाशय का कैंसर । लेकिन क्‍या आप जानती हैं, इस कैंसर से भी बचाव के उपाय हैं ।

New Delhi, Jan 09 : गर्भाशय के कैंसर का खतरा भारतीय महिलाओं में हर साल बढ़ता ही जा रहा है । शायद आप नहीं जानतीं लेकिन 15 वर्ष की आयु से लेकर 44 साल की आयु तक की महिलाओं में इस कैंसर का खतरा सबसे ज्‍यादा होता है । हाल ही में हुए शोध के अनुसार भारतीय महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और, कैंसर से होने वाली मौतों में दूसरा सबसे आम कारण सर्वाइकल कैंसर बनकर उभरा है । समय रहते इस ओर ध्‍यान दिया जाए तो आप भी इस खतरे से बच सकते हैं ।

क्‍या कहते हैं आंकड़ें
गर्भाशय कैंसर को लेकर हुई शोध बताती है कि भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं । हर साल 68,000 महिलाएं इस जानलेवा बीमारी की शिकार होती हैं । हर साल 11.1  फसदी महिलाओं की मौत की वजह सर्वाइकल कैंसर ही है । ये आंकड़े हैरान करते हैं, लेकिन इससे भी हैरान करने वाला आंकड़ा ये है कि क्‍योंकि देश में कैंसर से पीडित केवल 3.1 फीसदी महिलाओं की ही जांच हो पाती है ।

सर्वाइकल कैंसर को कितना जानते हैं ?
सवाईकल कैंसर को ही गर्भाशय का कैंसर या ग्रीवा का कैंसर कहते हैं । यह यूटरस के मुंह को प्रभावित करता है । ग्रीवा का कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, इसकी सही समय पर जांच हो तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है । गर्भाशय का कैंसर मानव पैपीलोमा वायरस यानी एचपीवी के कारण होता है । ये एक लॉन्‍ग ड्यूरेशन इनफेक्‍शन है, जो धीरे-धीरे संक्रमण पैदा करता है ।

वायरस के कारण और जांच
ह्यूमन पैरीलोमा वायरस यौन संपर्क के कारण फैलता है । महिलाओं में इसके होने के चांसेज संबंध बनाने के बाद से बनने शुरू हो जाते हैं ।इसीलिए इससे बचने के टीके तब लेने सही माने जाते हैं जब तक महिला ने किसी पुरुष से जिस्‍मानी संबंध ना बनाए हों । इस रोग का पता पैप स्‍मीयर टेस्‍ट के द्वारा पता लगाया जा सकता है । फिजिकल रिलेशन्‍स में एक्टिव किसी भी महिला को 30 या 35 की आयु के बाद ये टेस्‍ट जरूर करवाना चाहिए ।

कैसे होता है पैप स्‍मीयर टेस्‍ट ?
टेस्‍ट एक पीड़ाहीन प्रकिया है । इस जांच में एक राउंड स्पैचुला को गर्भाशय की बाहरी परत के ऊप्‍र धीरे-धीरे घिसा जाता है । इसके बाद स्‍पेचुला पर जमा हुए सेल्‍स की जांच की जाती है । जाना जाता है कि इन सेल्‍स में कोई अबनॉर्मल सेल तो नहीं या फिर कोई नया सेल तो नहीं बन रहा है । कोशिकाओं में किसी भी तरह के परिवर्तन को इस टेस्‍ट के जरिए जाना जा सकता है ।

यूटरस कैंसर का बढ़ता खतरा
पैप स्‍मीयर टेस्‍ट यूटरस कैंसर यानी गर्भाशय के कैंसर को जांचने का सबसे सरल और कारगर तरीका है । 30 की उम्र में इसे करना इसलिए जरूरी बताया जाता है क्‍योंकि इस उम्र तक आते-आते महिलाएं वर्जिन नहीं रहतीं । पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद महिलाओं की शारीरिक अवस्‍था बदल जाती है । 30 के बाद इस टेस्‍ट के जरिए कैंसर के शुरुआती खतरे को भांपकर ही इसे बहुत पहले ही जड़ से खत्‍म किया जा सकता है ।

इनफेक्‍शन से शुरू होता है कैंसर
यूटरस में कैंसर एक इनफेक्‍शन से शुरू होता है । इसे एचपीवी इनफेक्‍शन कहते हैं । एक बार ये इन्फेक्शन होने के बाद करीब 5 से 8 साल में ये एक्टिव होना शुरू होता है । यूटरस के मुहाने पर ये एक दाने की तरह बन जाता है । महिलाएं जब भी अपने पार्अनर के साथ संबंध बनाती है तो इससे ब्‍लीडिंग होने लगती है । ये इनफेक्‍शन धीरे-धीरे बढ़ता है, जिसे इस टेस्‍ट के जरिए पता लगाया जा सकता है ।

गर्भाशय की अवस्‍था
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन साल 2012 में करीब 2 लाख महिलाओं की मौत गर्भाशय के कैंसर से हुई थी । हजारों महिलाओं के गर्भाशय को ही निकालना पड़ा । पिछले 5 से 6 सालों में यूटरस कैंसर के मामले बढ़े ही हैं । पैप स्‍मीयर टेस्‍ट के जरिए गर्भशय की अवस्‍था का पता चल जाता है और अगर परेशानी हो तो समय रहते उसका निदान भी हो पाता है ।

सर्वाइकल कैंसर का इलाज
आजकल सर्वाइकल कैंसर से बचाव के टीके उपलब्‍ध हैं जिन्‍हें टीन एज में ही लड़कियों को दिया जाने लगा है । इससे भविष्‍य में उन्‍हें इसbreast cancer बीमारी के खतरे से बचाया जा सकता है । सर्वाइकल कैंसर का इलाज कैंसर की अवस्‍था, इससे जुड़ी दूसरी समस्‍याओं को ध्‍यान में रखकर किया जाता है । इसके इलाज के लिए सर्जरी, रेडिएशन , कीमो आदि तरीकों का प्रयोग होता है ।

सावधानी ही बचाव है
गर्भाशय का कैंसर आपको ना हो इसके लिए असुरक्षित यौन संबंधों से बचें । कंडोम के बिना कई व्यक्तियों के साथ यौन संपर्क ना रखें । हर 3 साल में पेप टेस्‍ट जरूर करवाएं । धूम्रपान छोड़ दें, एक स्‍वस्‍थ आहार को अपनी डायट का हिस्‍सा बनाएं । वजन ज्‍यादा है तो इसे घटाने की ओर ततपर रहें । खुद को हेल्‍दी रखें ताकि इस कैंसर के खतरे से आप खुद को बचा सकें ।