डायबिटीज के मरीजों को जरूर खानी चाहिए ये चीजें, कंट्रोल में रहेगा ब्लड शुगर

डायबिटीज एक लाइफस्‍टाइल डिजीज है, अगर समय रहते आप इसके लिए जगरूक नहीं हुए तो ये आपके जीवन पर भारी पड़ सकता है । मधुमेह, शुगर जैसी बीमारी से बचाव के उपाय, और इसके लक्षण आदि आगे जानिए ।

New Delhi, Nov 26 : दुनिया में आधे से ज्‍यादा लोग उम्र के किसी ना किसी पड़ाव पर शुगर की बीमारी से दो चार होते ही हैं । आखिर ये बीमारी है क्‍या । दरअसल, जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है

कयों खतरनाक है मधुमेह ?
मधुमेह की बीमारी जानलेवा मानी जाती है, ऐसा इसलिए क्‍योंकि डायबिटीज के मरीजों में सबसे
ज्यादा मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक से होती है। जो व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा आम व्यक्ति से पचास गुना ज्यादा बढ़ जाता है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से हार्मोनल बदलाव होता है और कोशिशएं क्षतिग्रस्त होती हैं जिससे खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित होती हैं। डायबिटीज का लंबे समय तक इलाज न करने पर यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे व्यक्ति हमेशा के लिए अंधा भी हो सकता है। किसी को डययबिटीज हो जाए तो उसकी हल्‍की चोटें भी जल्‍दी ठीक नहीं होती हैं ।

डायबिटीज के लक्षण
डायबिटीज के कुछ यामान्‍य लक्षण हैं, जो शुरुआती समय में उभरते हैं । अगर आपने इन्‍हें समझ
लिया तो आपको इससे बचने में आसानी होगी । ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब का आना, आँखों की रौशनी कम होना, कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना, हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म, बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण देखे जा सके हैं ।

मधुमेह से बचाव है जरूरी
डायबिटीज से बचना चाहते हैं, या अगर शुगर की समस्‍या हो गई हे तो उसे कंट्रोल में रखना चाह
ते हैं, अगर हां तो अपनी जीवनशैली में जल्‍द से जल्‍द बदलाव करें और शारीरिक श्रम करना शुरू करें। जिम नहीं जाना चाहते हैं तो दिन में तीन से चार किलोमीटर तक जरूर पैदल चलें या फिर योग करें। कम कैलोरी वाला भोजन खाएं। भोजन में मीठे को बिलकुल खत्म कर दें। सब्जियां, ताज़े फल, साबुत अनाज, डेयरी उत्पादों और ओमेगा-3 वसा के स्रोतों को अपने भोजन में शामिल कीजिये। इसके अलावा फाइबर का भी सेवन करना चाहिए।

खाने में इन चीजों का करें सेवन
दिन में तीन समय खाने की बजाय उतने ही खाने को छह या सात बार में खाएं। गेहूं और जौ 2-2
किलो की मात्रा में लेकर एक किलो चने के साथ पिसवा लें। इस आटे की बनी चपातियां ही भोजन में खाएं। मधुमेह रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रौकोली, टमाटर, बंद गोभी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद, संतरा, मौसमी, जायफल, नाशपाती को शामिल करें। आम, केला, सेब, खजूर तथा अंगूर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनमें शुगर ज्यादा होता है।