क्या आप खुश रहना चाहते हैं ? तो नए साल पर नेगेटिव सोच ऐसे हटाएं  

अगर आप जिंदगी में हमेशा खुशहाल रहना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको आपको अपनी नेगेटिव सोच को अलविदा कहना होगा। रिसर्च ये ही कहती है।

New Delhi, Dec 27: क्या आप चाहते हैं कि नए साल पर आपका वजन घटे, क्या आप ये तय कर चुके हैं कि नए साल पर आप अपने शरीर को सुडौल बनाएंगे ? अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो सबसे पहले अपने शरीर को लेकर नेगेटिव सोच को खुद से दूर करें। वैज्ञानिकों ने इस बारे में कुछ खास बाते बताई हैं और हमारा मानना है कि आपका भी इस बारे में जानना बेहद जरूरी है।

वैज्ञानिकों ने बताई खास बात
वैज्ञानिकों ने इस बारे में कुछ खास बातें बताई हैं। उनका कहना है कि अपने शरीर के बारे में नकारात्मक धारणा रखना सबसे बड़ा खतरा होता है। इस बारे में कभी भी ना सोचें कि आपका शरीर बेडोल है या विकृत है। बल्कि इस पर विचार कीजिए कि जिंदगी को आगे खुशहाल बनाने के लिए क्या करना होगा। नकारात्मक सोच का त्याग करना ही सबसे बेहतर विकल्प है।

गलत विचारों को मन से निकालें
आपने भी देखा होगा कि हर साल हममें से कई ऐसे लोग लोग होते हैं, जो स्वस्थ रहने के लिए कठोर परिश्रम करने का संकल्प लेते हैं। इसके अलावा ऐसे लोग वजन घटाने और साग-सब्जियां ज्यादा खाने का संकल्प लेते हैं। लेकिन इस बारे में फ्लॉरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी यानी FSU के शोधकर्ताओं ने कुछ खास बातें दुनिया के सामने रखी हैं, जो कि सोचने वाली बात है।

गलत सोच शरीर को बेडौल बनाती है
वैज्ञानिकों ने शरीर को जस का तस स्वीकार करने को प्रोत्साहित करने वाले नये एक नये प्रोग्राम का टेस्ट किया। इसमें वैज्ञानिकों को कुछ हैरान करने वाले नतीजे दिखे। FSU की प्रॉफेसर पामेला कील ने इस बारे में कुछ खास बातें बताई हैं। उन्होंने कहा कि ‘आप विचार कीजिए कि साल 2018 में कौन सी बात आपको सबसे ज्यादा खुशहाल और स्वस्थ बनाने जा रही है।

बुरे विचारों को त्याग लें
उन्होंने कहा कि 10 पाउंड वजन कम करना अलग बात है और अपने शरीर के बारे में बुरे विचारों को त्यागना अलग बात है। उन्होंने बताया कि ऐसी समस्या खास तौर पर महिलाओं में होती है। महिलाओं में अपने फिगर को लेकर असंतुष्टि एक नॉर्मल समस्या है। उन्होंने कहा कि बीते 35 सालों में आदर्श फिगर हासिल करना ज्यादातर लोगों के लिए मुश्किल रहा है।

ये परिणाम आए सामने
इस वजह से वास्तविकता से उसका मिलान नहीं हो पाता है। इसलिए उनका कहना है कि अगर लोग अपने शरीर के बारे में बुरा ना सोचकर अच्छा सोचने लगेंगे तो इसके कुछ अलग ही परिणाम सामने आएंगे। वो कहती हैं कि लोगों को अपने बारे में अच्छा महसूस करने की रणनीति पर काम करना चाहिए। शरीर के बारे में बुरा सोचने से कई नेगेटिव विचार मन में आते हैं।

शोध में ये कहा गया
ओरेगन रिसर्च इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक एरिक स्टीस और टेक्सास के ट्रिनिटी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कैरोलीन बेकर ने एक स्टडी की है। इस स्टडी का नाम द बडी प्रोजेक्ट रखा गया है। इसके बाद उन्होंने इस बारे में कुछ खास बातें लोगों को बताई हैं। इस स्टडी में बताया गया है कि कभी भी अपने शरीर के बारे में बुरा ना सोचें और नेगेटिव सोच को अलविदा कह दें।