पीपल के पेड़ से सेहत को होते हैं ढेरों फायदे, एक-एक कर पढ़ें और आजमाएं

पीपल के पेड़ की पूजा प्राचीन समय से होती आ रही है, ऐसा इसलिए क्‍योंकि ये पेड़ सिर्फ धार्मिक रूप से ही नहीं बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है ।

New Delhi, Dec 10 : पीपल का पेड़ बहुत ही शुभ माना जाता है, इस पेड़ के नीचे बैठकर ध्‍यान करने से समस्‍त रोग दूर होने का दावा किया जाता है । पीपल का पेड़ सबसे ज्‍यादा ऑक्‍सीजन का उत्‍सर्जन करता हैय ये किसी भी व्‍यकित की सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद है जितना कि सांस लेना आवश्‍यक है । पीपल के पेड़ के पत्‍ते भी सेहत के लिए बहुउपयोगी हैं । इस वृक्ष का उपयोग अस्थमा, गुर्दे, कब्ज, पेट दर्द जैसी बीमारियों में किया जाता है ।

हार्ट से जुड़ी बीमारियां
आयुर्वेद में पीपल के पत्‍ते का इस्‍तेमाल हार्ट से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है । इसके लिए जो उपाय बताया गया है वो कुछ इस प्रकार है – पीपल की 15 ताजी हरी पत्तियां लेकर इन्‍हें एक गिलास साफ पानी में अच्छी तरह से उबाल लें । इस पानी को तब तक उबालना है जब तक वो एक तिहाई ना हो जाए । अब इसे ठंडा करके छान लें, इस काढ़े की तीन खुराक बना लें । सुबह जब उठें तब से लेकर हर तीन घंटे में इस काढ़े की खुराक लें । इस उपाय को अपनाकर आप दिल के रोगों की आशंका से मुक्ति पा सकते हैं ।

दांतों की प्रॉब्‍लम दूर करे
पुराने समय में पेड़ों की टहनियों दातून बनाई जाती थी । रोज सुबह सभी लोग इस दातून को दांतो तले दाबाकर अपने दांत साफ करते थे । पीपल के तने से बनी दातून दांतों को मजबूत करती है और उन्‍हें सफेद बनाए रखती है । पीपल की दातून का इस्‍तेमाल दांतों में दर्द होने पर भी किया जा सकता है । दातून बनाने के लिए पेड़ की पतली टहनियों को तोड़ें और उन्‍हें दांतो के नीचे दबाकर इस्‍तेमाल करें ।

अस्‍थमा में असरदार
दमा के रोगियों के लिए पीपल के तने की छाल के अंदर के हिस्‍से को सुखाकर चूरन तैयार किया जाता है । इस चूरन का नियमित रूप से एक समय सेवन करने से दमा के रोग में राहत मिलती है । इस चूरन को पानी के साथ लेना होता है । इस चूरन का इस्‍तेमाल पुराने से पुराने दमे को भी ठीक कर सकता है ।

खांसी – जुकाम
हर बड़ी बीमारी की शुरुआत खांसी, जुकाम से ही शुरू होती है । शरीर पर वायरल इनफेक्‍शन के चलते हमारी इम्‍यूनिटी वीक हो जाती है और हम बीमार पड़ जाते हैं । इस बीमारी को दूर रखने के लिए पीपल के 5 पत्‍ते लेकर उन्‍हें दूध के साथ अच्छी तरह उबाल लें । अब इस काढ़े में एक चम्‍मच चीनी डालकर सुबह-शाम पिएं । आराम जरूर मिलेगा। खांसी – जुकाम को पहले चरण पर ही रोक लेना जरूरी है, वरना इसका परिणाम गंभीर भी हो सकता है ।

पीलिया रोग में रामबाण
जॉन्डिस की प्रॉब्‍लम में पूरा शरीर मानों टूटने लगता है । कमजोरी इतनी होती है कि व्‍यक्ति खड़ा ना हो सके । पीलिया बिगड़ जाए तो हैपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है । इस बीमारी में पीपल के पत्‍ते रामबाण इलाज हैं । किसी को पीलिया हो जाए तो उसके भोजन में अनाज को सबसे पहले बंद किया जाता है । पीपल के पत्‍ते का रस मिश्री डालकर पीने से पीलिया जल्‍दी दूर भागता है और रोगी जल्‍दी स्‍वस्‍थ हो जाता है ।

फटी एड़ियों को कोमल बनाएं
सर्दियों के मौसम में एड़ी फटना एक आम समस्‍या है । लेकिन कई लोगों को फटी एड़ियों से बहुत अधिक परेशानी होती है । फटे पैरों से खून तक निकलने लगता है । ऐसे में पीपल की पत्तियों का रस या उसका दूध लगाएं इससे यह समस्या दूर हो जाएगी । गर्मियों में भी आप इस उपाय का प्रयोग कर सकते हैं । ये पैरों की स्किन को कोमल बनाता है ।

खून साफ होना
पीपल के पत्‍तों का इसतेमाल कई प्रकार की औषधियों के निर्माण में होता है । पीपल के बीजों का पाउडर आयुवेर्दिक औषधियों में इसतेमालImprove-Blood-Circulation होता है । अगर आपको खून से जुड़ी कोई समस्‍या है तो 1-2 ग्राम पीपल बीज पाउडर लें और इसमें शहद मिलाकर रोजाना दो बार खानएं । इसे खाने से ब्‍लड प्‍यूरीफज्ञई होगा और पिंपल्‍स आदि की प्रॉब्‍लम दूर हो जाएगी ।

पेट में दर्द, कब्‍ज
पेट में दर्द हो तो आप एक औषधि खुद ही तैयार कर सकते हैं । पीपल के पेड़ की 2-5 पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे 50 ग्राम गुड़ में मिलाकर मिश्रण बना लें । इस मिश्रण की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर दिन में 3-4 बार खाने से पेट दर्द में राहत मिलती है । कब्‍ज से राहत पाने के लिए पीपल के 5 से 10 फल रोजाना खाएं ।