एड्स से भी खतरनाक है ये बीमारी, ऐसे संकेत दिखें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं

WHO की रिसर्च के मुताबिक पूरी दुनिया में एड्स के मुकाबले ये बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है । परेशानी की बात ये है कि इसके संकेत आम बीमरियों जैसे हैं ।

New Delhi, Jan 25 : सेहत को लेकर भारतीय अब भी पीछे वाली बेंच पर बैठे नजर आते हैं । जब तबीयत बहुत ज्‍यादा खराब हो जाए तब जाकर डॉक्‍टर के दरवाजे पर दस्‍तक देते हैं । यही गलती मां-बाप बच्‍चों के केस में भी करते हैं । हैल्‍थ इंश्‍योरेंस तो भूल ही जाइए, रेगुलर चेकअप के लिए जाना भी लोग जरूरी नहीं समझते । ऐसे में कोई गंभीर बीमारी शरीर में दस्‍तक दे रही हो तो कैसे पता लगे । भारत में पिछले कुछ सालों में संक्रामक रोगों का खतरा लगातार बढ़ रहा है और ऐसी ही एक बीमारी है जो पूरे भारत में पांव पसार रही है ।

एड्स से ज्‍यादा खतरनाक है हैपेटाइटिस बी
WHO की ताजा रिसर्च के मुताबिक ग्‍लोबली एड्स से ज्यादा मौतें हेपेटाइटिस B नाम की बीमारी के कारण हो रही है । ये बीमारी एक  संक्रामक रोग है, जिसका पता बहुत देर में चलता है । आमतौर पर इसके संकेत पीलिया से मिलते जुलते हैं, जिसके लिए आज भी झाड़-फूंक का सहारा लिया जाता है । लेकिन इस बीमारी को पहचानने में हुई देरी मरीज के लिए जानलेवा बन सकती है ।

वायरस के कारण होता है हेपेटाइटिस बी
यह बीमारी बॉडी में HBV वायरस फैलने की वजह से होती है । इस वायरस संक्रमण के कारण हो सकते हैं – हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित व्‍यकित का खून चढ़ाना, संक्रमित सुई का इस्‍तेमाल करना, इंफेक्टेड पार्टनर के साथ इंटरकोर्स या फिर संक्रमित सुई से टैटू आदि बनवाना । वायरस एक बार बॉडी में अटैक कर देता है तो फिर ये लिवर पर अटैक करता है । इसके चलते लिवर में इन्फेक्शन फैल जाता है । स्थिति गंभीर होने पर लिवर फेलियर या कैंसर जैसे हालात भी बन सकते हैं ।

हेपेटाइटिस के संकेत
हेपेटाइटिस बी होने के संकेत बहुत ही आम हैं, ये आपको सामान्‍य सी बीमारियों में भी नजर आते हैं । लेकिन ये संकेत अगर लंबे समय तक दिखने लगे तो मामला गंभीर जानकर आपको डॉक्‍टर के पास जरूर जाना चाहिए । हेपेटाइटिस के संकेतों में आम लक्षण है स्किन और आंखों का रंग पीला हो जाना । पेशाब का रंग बदल जाना, जैसे भूरा या गाढ़ा नारंगी रंग का ।

ये भी हैं संकेत
हेपेटाइटिस बी से संक्रमित व्‍यक्ति लंबे समय तक बुखार से पीडि़त रह सकता है । लगातार कई महीनों तक थकान और कमजोरी बने रहना भी इस संक्रमण के संकेत हैं । इसके अलावा जी मिचलाना और बार-बार उल्टी आना, खाना खाने का मन ना करना , पेट में दर्द और सूजन रहना हेपेटाइटिस के संकेतों में से कुछ हैं । इसके अलावा बुखार लगातार रहना और सिर में दर्द बने रहना इस बीमारी के संकेत हैं ।

हेपेटाइटिस बी की जांच
हेपेटाइटिस बी की जांच बेहद आसान है । बीमारी के संकेत दिखें तो उन्‍हें नजरअंदाज बिलकुल ना करें, इस बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्‍टर साधारण सी रक्‍त की जांच करते हैं । जांच में बीमारी के संक्रमण के बारे में पता लगने पर अगला नंबर आपकी लीवर की सेहत को जांचने का आता है । लिवर की जांच लिवर बायोप्‍सी के जरिए की जाती है जो एक दर्द रहित प्रक्रिया है ।

जांच के बाद इलाज
कई केसेज में हेपेटाइटिस बी खुद से भी ठीक होता पाया गया है । क्‍योंकि ये एक तरह का संक्रमण है इसलिए इसे अच्‍छे खान-पान की सहायता से निपटा जा सकता है । शराब और नशे की दूसरी वस्‍तुओं से पूरी तरह परहेज करना होता है । लेकिन कई बार मामला गंभीर हो जाता है । अगर इनफेक्‍शन बहुत ज्‍यादा हो तो लिवर डैमेज का खतरा बना रहता है । जिससे बचने के लिए डॉक्‍टर लिवर ट्रांसप्‍लांट की सलाह देते हैं ।

हेपेटाइटिस बी से कैसे बचें
इस बीमारी से बचाव के वैक्‍सीन अब बाजार में उपलब्‍ध हैं । नवजात शिशु से लेकर युवावस्‍था तक में इसके वैक्‍सीन लेकर इनका फायदा उठाया जा सकता है । हेपेटाइटिस बी की तरह हेपेटाइटिस ए से बचाव के वैक्‍सीन भी उपलब्‍ध हैं, इनकी 3 से 4 डोज लेनी होती है और आप इस गंभीर बीमारी से बच सकते हैं । इस बीमारी से बचाव के कुछ और तरीके हैं आपका सावधान रहना ।

सावधानी ही बचाव है
यौन संबंध बनाते हुए हमेशा कॉन्‍डोम का प्रयोग करें । किसी की यूज की हुई सुई के संपर्क में ना आएं । यदि आप ऐसे पेशे में हें जहां आप खून के संपर्क में आते हैं तो हमेशा ऐसा तब ही करें जब आपने ग्‍लव्‍स पहने हुए हों । एक दूसरे के टूथब्रश और रेजर्स का इस्‍तेमाल ना करें । टैटू बनवाने से पहले यूज होने वाली सुईयों को स्‍टेरलाइज जरूर करवाएं । इन बातों का ध्‍यान रखकर आप इस खतरनाक बीमारी से दूर रह सकते हैं ।