इन फूलों में छिपा है सेहत का खजाना, खुशबू, सुंदरता और हेल्थ का डेडली कॉम्बिनेशन

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फूलों की खुशबू और खूबसूरती के बारे में आप जानते ही हैं, लेकिन क्या ये जानते हैं कि कई फूलों में सेहत का खजाना छिपा होता है, जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं।

New Delhi, Nov 13: फूलों के रंग से दिल की कलम से, खिलते हैं गुल यहां, खिल के बिखरने को, फूल तुम्हें भेजा है खत में, ना जाने कितने गाने हैं जिनमें फूलों का इस्तेमाल किया गया है। फूल और खूबसूरती एक दूसरे का पर्याय माने जाते हैं। हमेशा से हम फूलों की खुशबू और खूबसूरती पर ही ध्यान देते आए हैं, लेकिन कभी ये सोचा है कि फूल सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं। फूलों का इस्तेमाल करके हम कई बीमारियों को मात दे सकते हैं. चेहरे की सुंदरता को बढ़ा सकते हैं, और भी कई फायदे होते हैं फूलों के, जिनके बारे में हम आपको बताएंगे। हम कुछ फूलों की बात करंगे जो हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।

नीम का फूल
नीम तो वसे ही सेहत का खजाना है। इस के हर भाग से कुछ ना कुछ होता है। नीम के फूलों की लुगदी किसी भी तरह के त्वचा रोग में फायदा करती है। नीम का पेड़ कल्पवृक्ष के नाम से जाना जाता है, इसकी टहनियों से दातून किया जाता है, जो दांतों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। नीम की पत्तियों को पीसकर रस निकालकर पीने से कई बीमारियाँ दूर होती हैं, इसके लेप से मुहाँसे और अन्य चर्म रोगों में फायदा होता है।

गुलाब का फूल
गुलाब के फूलों के महत्व के बारे में तो आपको पता ही होगा। गुलाब के फूल का गुलकंद गर्मी की कई बीमारियों से बचाता है। गुलाबजल से आँखों को धोने से आँखों की जलन में आराम मिलता है। गुलाब का तेल दिमाग को ठंडा रखता है और गुलाबजल का प्रयोग उबटनों और फेसपैक में किया जा सकता है। जिस से त्वचा निखर जाती है, गुलाब के फूल में सेहत से जुड़े कई राज हैं।

चमेली का फूल
चमेली का फूल खुशबू देने के साथ साथ कई तरह के रोगों में भी असरदार होता है। चमेली का तेल कई तरह की बीमारियों में फायदा करता है। चमेली का तेल चर्म रोग, दंत रोग, घाव आदि पर गुणकारी है। इसके अलावा चमेली के पत्ते चबाने से मुँह के छालों में तुरंत राहत मिलती है। चमेली के फूलों का आयुर्वेद में कई तरह से प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में इन फूलों का बहुत महत्व है।

गेंदे का फूल
गेंदे का फूल बहुत आम फूल है, इसका इस्तेमाल पूजा में अक्सर किया जाता है। पीले और लाल रंग का ये फूल देखने में बेहद आकर्षक लगता है। चर्म रोग होने या शरीर के किसी हिस्से में सूजन आ जाने पर इन फूलों का पेस्ट बनाकर लगाने से फायदा होता है। अगर मच्छरों की समस्या से निजात पानी हो तो घर के आसपास गेंदे की झाड़ी लगाएँ। इसकी गंध से मच्छर दूर भागते हैं।

मोगरे का फूल
मोगरा ये शब्द ही खूशबू का अहसास दिला जाता है। इस फूल की कई खासियत होती हैं। आप भी घर में अगरबत्ती जलाते होंगे तो मोगरे की खुशबू वाली जलाते होंगे। ये बहुत खुशबूदार फूल होता है, ये गर्मी के मौसम में होता है। मोगरे के फूलों को अपने पास रखने से पसीने की दुर्गंध नहीं आती है। इसकी कलियाँ चबाने से महिलाओं को मासिक धर्म में होने वाली परेशानी कम होती है।

पारिजात का फूल
परिजात का फूल बहुत ही नाजुक होता है, ये देखने में बहुत खूबसूरत दिखते हैं। इसका पौराणिक महत्व भी बताया जाता है। इन फूलों की छोटी-छोटी डंडियाँ केसरिया रंग की होती हैं। इन डंडियों को शरीर पर मलने से गठिया में लाभ होता है। इन फूलों का काढ़ा कई तरह के रोगों में लाभ पहुँचाता है। देवताओं को भी ये फूल पसंद है, इसे दैवीय फूल भी कहा जाता है।

कमल का फूल
कमल का फूल भी दैवीय महत्व का होता है। कमल का फूल वैसे तो कई रंगों में होता है, लेकिन ज्यादातर लाल और सफेद ही होता है। इसकी पँखुड़ियों को पीसकर चेहरे पर मलने से सुंदरता बढ़ती है, इनके फूलों के पराग से मधुमक्खियाँ शहद बनाती हैं। मां लक्ष्मी के हाथों में भी कमल का ही फूल होता है। कहते हैं कि कमल का फूल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

चंपा का फूल
चमेली के फूलों का जिक्र हो और चंपा के फूलों का ना हो, ये कैसे हो सकता है। चंपा का फूल तीन रंगों सफेद, लाल और पीले में पाया जाता है। पीली चंपा को स्वर्ण चंपा कहा जाता है और ये बहुत ही कम नजर आती है। चंपा के फूलों का चूर्ण बनाएँ और तेल में मिलाकर खुजली वाले हिस्से पर लगाएँ, तुरंत राहत मिलती है। स्वर्ण चंपा कुष्ठ रोग में भी बेहद कारगर साबित होती है।