चीनी को क्‍यों कहते हैं सफेद ज़हर ?

चीनी को सफेद जहर कहा जाता है, लेकिन शुगर कितनी मात्रा में खाना सही है ये भी जानना आवश्‍यक है । आगे जानिए शुगर से होने वाले नुकसान ।

New Delhi, Dec 23 : चीनी जितनी मीठी होती है सेहत की नजर से देखें तो ये उतनी ही कड़वी भी साबित होती है । शुगर का बहुत अधिक प्रयोग आपके शरीर में बीमारियों की कड़वाहट घोल सकता है । इसे जितना कम खाने की आदत डालो उतना ही अच्‍छा । लेकिन शुगर का प्रयोग तो कई वर्षों से किया जा रहा है, अब इसके सेहत पर असर को इतना गंभीर क्‍यों माना जा रहा है । इस सवाल का जवाब आपकी जीवनशैली में छिपा है ।

एसिड बनाती है चीनी
शुगर शरीर में एसिड पैदा करती है, ये पेट में गैस का कारण बनती है । शुगर को पचाने में 500 कैलोरी खर्च होती है । यानी इसे डायजेस्‍ट करने में अधिक मेहनत की जरूरत होती है । शुगर खाने के बाद शारीरिक मेहनत ना की जाए तो ये बॉडी में हानिकारक रासायनिक प्रक्रिया शुरू करता है । जो पाचन प्रक्रिया को स्‍लो करता है ।

मधुमेह का कारक
चीनी अधिक मात्रा में खाने से डयबिटीज की समस्‍या हो जाती है । ये शरीर में इंसुलिन को इम्‍बैंलेस कर देती है । सफेद चीनी बनाने के प्रोसेस में इसमें मौजूद आवश्‍यक फास्‍फोरस जल जाता है, जबकि गुड़ में ये मौजूद रहता है । मीठे के लिए शुगर की जगह गुड़ का प्रयोग करना अधिक सुरक्षित रहता है । अच्‍छी सेहत के लिए शुगर की जगह गुड़ का इस्‍तेमाल करने की सलाह दी जाती है ।

हाई बीपी की प्रॉब्‍लम बढ़ाता है
चीनी पूर्ण रूप से कार्बोहाइड्रेट होती है, यह ब्‍लड में सीधे पहुंचकर रकत के दबाव पर असर डालती है । शुगर की अधिक मात्रा हाई बीपी जैसी प्रॉब्‍लम की वजह बनती है । हाई ब्‍लड प्रेशर से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ती है । बीपी कई दूसरी बीमारियों की भी जड़ है । शुगर की संतुलित मात्रा सेहत के लिए बहुत आवश्‍यक है, इसका अधिक सेवन जानलेवा हो सकता है ।

ब्रेन अटैक का खतरा
अधिक शुगर का सेवन रक्‍त के दबाव को प्रभावित करता है, ये हाई बीपी का कारण है । ब्‍लड में कोई भी असंतुलन होते ही इसका असर मस्तिष्‍क पर पड़ने लगता है और व्‍यक्ति को ब्रेन अटैक या ब्रेन हैमरेज तक हो सकता है । शुगर मधुमेह रोगियों के लिए जहर की तरह है, थोड़ी भी लापरवाही बरतने का नतीजा जानलेवा हो सकता है ।

पचने में मुश्किल
जैसा कि हमने ऊप्‍र भी बताया है शुगर को पचाने में 500 कैलोरी की ऊर्ज खपत होती है यानी अगर आप इतनी मेहनत नहीं करेंगे तो ये आपके शरीर में अम्‍ल पैदा करना शुरू कर देगी और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाएगी । शुगर में मौजूद मीठापन रासायनिक भाषा में सूक्रोज कहलाता है इसे जानवर और इंसान दोनों ही नहीं पचा पाते ।

हानिकारक रसायनों का होता है प्रयोग
सफेद चीनी को चमकदार बनाने की प्रक्रिया में चूना, कार्बन डाई ऑक्साइड, कैल्शियम, फॉस्फेट, फॉस्फोरिक एसिड, अल्ट्रा मरिन ब्लू और पशुओं की हड्डियों का चूर्ण उपयोग में लिया जाता है । इसे इतने तापमान पर पकाया जाता है कि इसमें मौजूद पोषक तत्‍व निर्माण प्रक्रिया में ही खत्‍म हो जाते हैं । इसलिए इसका सेवन करने से अच्‍छा है शुगर से छुटकारा पाना ।

चीनी की जगह गुड का करें सेवन
भारत में लंबे समय से मीठे के लिए गुड़ का प्रयोग होता आया है । गन्‍ने से शुगर चीनी बनाने की प्रकिया का ही एक हिस्‍सा है गुड़ बनाना । गुड़ को आज भी पारंपरिक विधि से ही बनाया जाता है, ये खाने में अधिक स्‍वादिष्‍ट होता है और पोषक तत्‍वों से भरपूर होता है । बस डायबिटीज के पेशेंट्स को गुड़ नहीं खाना चाहिए उनके लिए ये शुगर जितना ही हानिकारक होता है ।
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