सुनील राठी पिछले कुछ महीनों से उत्तराखंड के रुड़की जेल में बंद था, उसने पुलिस प्रशासन से गुहार लगाया कि उसे दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया जाए, रुड़की में उसकी जान को खतरा है।
New Delhi, Jul 13 : सुनील राठी ये वही शख्स है, जिसने यूपी के बागपत जेल में माफिया प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी को गोलियों से भून दिया। सुनील राठी ने क्राइम की दुनिया में पहली बार दिसंबर 1999 में कदम बढाया था। जब अपराधियों ने बागपत जिले के टिकरी नगर पंचायत के तत्कालीन अध्यक्ष की हत्या कर दी थी। सुनील के पिता की हत्या के समय उनकी उम्र सिर्फ 21 साल थी, लेकिन तभी उन्होने पिता के हत्यारों से बदला लेने की ठान ली थी।
पिता की हत्या
बागपत के बड़ौत कस्बे के टिकरी गांव के रहने वाले सुनील राठी के पिता नरेश राठी की उनके दो सहयोगियों के साथ हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में कथित तौर पर दिल्ली पुलिस का निलंबित अधिकारी रणवीर राठी भी शामिल था। पिता की हत्या के बाद सुनील ने अपनी मां राजबाला को नगर पंचायत के चुनाव में उतारा। चुनाव में राजबाला का विरोधी प्रत्याशी महक सिंह था, जो नरेश राठी के हत्या के आरोपी सोमपाल का छोटा भाई था।
पिता की हत्या का बदला
नाम ना लिखने की शर्त पर एक स्थानीय शख्स ने बताया कि 21 जून 2000 को सुनील राठी ने अपने पिता की हत्या का बदला लेते हुए महक सिंह और उसके भाई की हत्या कर दी। इस केस में उसे हत्या का दोषी पाया गया और उम्रकैद की सजा हुई। साल 2000 के अगस्त महीने में सुनील राठी और उसके साथियों ने शोरुम लूटने के बाद तीन लोगों की हत्या कर दी, जिससे इलाके में उसका दबदबा बढने लगा ।
हरिद्वार से गिरफ्तार
सुनील राठी को उसी साल हरिद्वार के कनखल इलाके से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जब पुलिस ने सुनील को पकड़ा, तो उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड भी बरामद किये गये थे। उसके बाद सुनील राठी का जेल से अंदर-बाहर होता रहा, फिर उसने जेल से रंगदारी मांगने का धंधा शुरु किया, इस माफिया डॉन के निशाने पर ज्यादातर डॉक्टर रहे, वो जेल के भीतर से डॉक्टरों को फोन कर धमकाता था और पैसे की मांग करता था।
रंगदारी मांगने के आरोप में मां गई जेल
सुनील राठी रुडकी जेल में बंद था, तभी उसने रुड़की के एक बड़े प्रतिष्ठित डॉक्टर को फोन कर धमकाया और उसकी मां को पचास लाख रुपये पहुंचाने को कहा, जिसके बाद डॉक्टर पुलिस के पास पहुंच गये। इस केस में सुनील राठी की मां राजबाला को भी जेल जाना पड़ा था, हालांकि जल्दी ही उन्हें जमानत मिल गई।
जान को खतरा
सुनील राठी पिछले कुछ महीनों से उत्तराखंड के रुड़की जेल में बंद था, उसने पुलिस प्रशासन से गुहार लगाया कि उसे दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया जाए, रुड़की में उसकी जान को खतरा है, उस पर हमला किया जा सकता है, जिसके बाद बीते रविवार को सुनील राठी को रुड़की से बागपत लाया गया, सोमवार सुबह 6 बजे मुन्ना बजरंगी के साथ उसका विवाद हुआ और उसने माफिया की गोली मारकर हत्या कर दी।
गटर में फेंका हथियार
आपको बता दें कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुनील राठी ने तुरंत हथियार गटर में फेंक दिया। पुलिस को दिये बयान में सुनील ने बताया कि सुबह 6 बजे मुन्ना ने मोटा कहकर उसे चिढाया, फिर दोनों में बहस होने लगी। जिसके बाद मुन्ना बजरंगी ने उस पर हथियार तान दिये, उसे हथियार को छिनकर राठी ने माफिया की हत्या कर दी और हथियार को गटर में फेंक दिया।