लगान और गंगाजल जैसी सुपरहिट फिल्म में महत्वपूर्ण रोल कर चुके बॉलीवुड एक्टर यशपाल शर्मा के संघर्ष की कहानी बेहद दिलचस्प है।
New Delhi, May 18 : स्कूल के फीस चुकाने के लिये साइकिल के पंक्चर बनाये, कोठियों में बर्तन मांजे, किराने की दुकान पर काम किया, आटे की चक्की चलाई, जी हां, लगान और गंगाजल जैसी सुपरहिट फिल्म में महत्वपूर्ण रोल कर चुके बॉलीवुड एक्टर यशपाल शर्मा के संघर्ष की कहानी बेहद दिलचस्प है। एक्टिंग में नाम कमा चुके यशपाल अब निर्देशन में अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। ये फिल्म हरियाणा के शेक्सपीयर कहे जाने वाले फोक ऑर्टिस्ट और कवि लखमीचंद के जीवन पर आधारित होगी।
हरियाणा के रहने वाले हैं यशपाल
आपको बता दें कि बॉलीवुड एक्टर मूल रुप से हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं, उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का शौक था, एक्टिंग को लेकर उनके अंदर ऐसी धुन थी, कि अखबार में नाटक अंधा युग के मंचन की खबर पढकर उसे देखने का मन बना लिया, और इसे देखने के लिये वो घर से भाग गये। उन्हें नाटक इतना पसंद आया था कि 4 महीने तक वो घर लौटकर ही नहीं आये थे।
चार महीने बाद लौटे घर
चार महीने इधर-उधर बिताने के बाद जब वो घर लौटे तो लोगों ने उनसे पूछा कि भई कहां चला गया था ? तो उन्होने अपने परिवार वालों और पड़ोसियों को पूरी कहानी बताई, उन्होने कहा कि अब वो एक्टिंग लाइन में जाना चाहते हैं, उनके ऐसा कहने से घर में कोई खुश नहीं हुआ, उन्होने बताया कि उनके घर वालों को लगता था कि एक्टिंग बस नौटंकी है, इसमें कोई पैसा नहीं मिलेगा।
पढाई के लिये पार्ट टाइम जॉब
यशपाल शर्मा ने बताया कि 10वीं पास करने के बाद उनकी मां गुजर गई थी। पिताजी लापरवाह थे, इस वजह से वो उनकी पढाई पर उतना ध्यान नहीं देते थे। उन्होने आगे की पढाई के लिये पार्ट टाइम काम करना शुरु किया। वो कोठियों में बर्तन मांजते थे, साइकिलों में पंक्चर लगाते थे, आटे की चक्की और किराने की दुकान में भी काम किया। ऐसे ही संघर्ष करते -करते यशपाल दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा पहुंचे।
लोग पूछते थे फिल्मों में कब आएंगे
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढाई पूरी कर जब वो अपने गांव पहुंचे, तो लोग उनसे पूछते थे कि फिल्मों में कब आओगे ? कुछ लोग उन पर तंज कसते थे और चिढाते थे कि जब फिल्म की ट्रेनिंग ले ली, तो फिल्मों में क्यों नहीं आते ? कुछ लोगो को सब कुछ झूठ लगता था, खैर, वो 3 सितंबर 1996 को मुंबई आ गये, कि अब फिल्म में काम करना है।
फिल्म कर रहे हैं, किसी को नहीं हुआ यकीन
यशपाल ने पुराने दिन याद करते हुए बताया कि उनकी पहली फिल्म हजार चौरासी की मां थी, फिर उन्हें शूल मिली। तीसरी फिल्म उनकी अर्जुन पंडित थी। इस फिल्म में जब उन्हें काम मिला, उन्होने खुश होकर घर फोन किया और बताया कि सनी देओल के साथ फिल्म की शूटिंग कर रहा हूं, लेकिन उनके घर वालों को यकीन ही नहीं हुआ, घर वालों ने सिर्फ इतना कहा कि अपना ध्यान रखना। जब सिल्वर स्क्रीन पर दिखने लगे, तब लोगों को विश्वास हुआ कि एक्टिंग करने लगा हूं।
इस साल तीन फिल्में
इस साल उनकी कौन-कौन सी फिल्में आने वाली है, इस सवाल पर बॉलीवुड एक्टर ने कहा कि इस साल उनकी तीन फिल्में आएंगी, एक मेरी और जिम्मी शेरगिल स्टारर बायोपिक फिल्म एसपी चौहान एन अनटोल्ड स्टोरी अगस्त में रिलीज होगी। दूसरी फिल्म विजय भोला निर्देशित मिस्टर पानवाला है। जिसमें वो लखनऊ के पानवाले का किरदार कर रहे हैं। तीसरी बांग्ला फिल्म फागुन हवाएं है, इसके अलावा एक तिग्मांशु धुलिया की फिल्म मिलन टाकीज है, जो अगले साल रिलीज होगी।