एक्‍टर-डायरेक्‍टर-राइटर नीरज वोरा का निधन, 10 महीने से कोमा में थे

फिर हेराफेरी और खिलाड़ी 420 के डायरेक्‍टर और कई फिल्‍मों के राइटर नीरज वोरा का मुंबई में निधन हो गया है । नीरज 54 साल के थे ।

New Delhi, Dec 14 : हिंदी फिल्‍म इंडस्‍ट्री में हंसाने वाले कहां भूले जाते हैं । बॉलीवुड का ये चेहरा भी पहचान का मोहताज नहीं । लेकिन ये पहचान अब जिंदा नहीं रही । 54 साल के नीरज वोरा का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया । नीरज वोरा उन कलाकारों में से एक थे जो यारों के यार कहे जाते थे । लोग उनके निभाए किरदारों को कभी भुला नहीं पाएंगे, फिल्‍मों के लिए लिखे उनके शब्‍द हमेशा याद किए जाएंगे । नीरज वोरा के पार्थिव शरीर को अस्‍पताल से उनके दोस्‍त के घर ले जाया जाएगा ।

10 महीने से कोमा में थे नीरज
अक्‍टूबर 2016 में नीरज वोरा को हार्ट अटैक और ब्रेन स्‍ट्रोक हुआ था, उनकी गंभीर हालत के चलते उन्‍हें एम्‍स भर्ती कराया गया । कुछ दिनों बाद ही नीरज कोमा में चले गए । उन्‍हें पिछले 10 महीनों से वेटिलेटर पर रखा गया था । लेकिन 14 दिसंबर की सुबह नीरज ने जिंदगी का साथ छोड़ दिया । अपने दोस्‍तों को वो हमेशा के लिए छोड़ गए ।

फिरोज नाडियाडवाला रहे सबसे करीबी
नीरज वोरा को जब एम्‍स में कोमा में चले गए थे तो उनके दोस्‍त फिरोज ही थे जो उनके साथ थे । डॉक्‍टर्स ने नीरज के पास ज्‍यादा समय ना होने की बात कही थी । नीरज के 12 साल पुराने दोस्‍त फिरोज में तब ये फैसला किया कि वो नीरज को मुंबई ले जाएंगे । वो उन्‍हें मरने के लिए नहीं छोड़ना चाहते थे । फिश्रोज ने एयर एंबुलेंस की और अपने दोस्‍त को अपने घर ले आए ।

फिरोज के बंग्‍लो का कमरा ही बना नीरज का घर
पिछले 10 महीने से नीरज फिरोज नाडियाडवाला के घर पर ही थे । फिरोज ने अपने घर के एक कमरे को आईसीयू में बदल दिया था । अपने दोस्‍त को जिंदगी में वापस लौटाने के कलए वो कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते थे । उनके साथ 24 घंटे अटेंडेंट रहते थे । नीरज के कमरे को उनकी फिल्‍मों, परिवार की फोटो से सजाया गया था ।

नीरज का कोई परिवार नहीं
नीरज के परिवार का कोई सदस्‍य उनके साथ नहीं रहा । उनकी पत्‍नी का पहले ही निधन हो चुका था और कोई बच्‍चे भी नहीं थे । फिरोज के

मुताबिक नीरज का एक छोटा भाई है लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि वो नीरज की देखरेख कर पाते । फिरोज ने नीरज की एक भाई, दोस्‍त , परिवार की तरह देखरेख की । लेकिन वो उन्‍हें ठीक ना कर सके । नीरज अपने दोस्‍त को अकेला छोड़कर चले गए ।

हालत में था सुधार
अक्‍टूबर 2016 में जहां नीरज के पास चंद घंटे होने की बात कही जा रही थी वहीं फिरोज ने अपने दोस्‍त की जिंदगी पर गिव अप नहीं किया । पिछले 10 महीनों से वो बस इसी उम्‍मीद में थे कि कब नीरज वोरा अपने बेड से उठ जाएंगे । पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत में सुधार महसूस किया गया था लेकिन गुरुवार सुबह वो जिदंगी से हार गए । 10 महीने का दर्द एक झटके में खत्‍म हो गया ।

इन फिल्‍मों का किया निर्देशन
नीरज वोरा ने साल 2000 में ‘खिलाड़ी 420’ और 2006 में ‘फिर हेराफेरी’ का निर्देशन किया था । 2016 तक नीरज कुल 5 फिल्‍में निर्देशित

कर चुके थे इनमें रन भोला रन, शॉर्टकट और फैमिलीवाला भी शामिल है । नीरज हेराफेरी 3 पर काम कर रहे थे जब उन्‍हें ब्रेन स्‍ट्रोक आया और इसके बाद वो कोमा में चले गए । फिल्‍म की शूटिंग का काम भी उनके ही साथ रुक गया ।

बेहतरीन एक्‍टर और राइटर भी थे नीरज
नीरज एक अच्‍छे एक्‍टर होने के साथ बेहतरीन राइटर भी थे । उन्‍होंने ‘रंगीला’, ‘अकेले हम अकेले तुम’, ‘ताल’, ‘जोश’, ‘बदमाश’, ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’, ‘आवारा पागल दीवाना’ जैसी फिल्‍मों के डायलॉग्‍स लिखे थ । रंगीला फिल्‍म के कई सीन आज भी यादगार हैं । 1984 से लेकर 2015 तक नीरज ने 25 से ज्‍यादा फिल्‍मों में अभिनय किया था । उनकी कॉमिक टाइमिंग के सब कायल हैं ।

बॉलीवुड ने दी श्रद्धांजलि
नीरज वोरा के निधन के बाद फिल्‍म इंडस्‍ट्री से जुड़े लोग, नीरज के जानकार और पुराने मित्र उन्‍हें याद कर गमगीन हैं । परेश रावल, तुषार

कपूर, तरण आदर्श, राहुल ढोलकिया सभी ने उन्‍हें याद किया है । एक्‍टर अक्षय कुमार ने नीरज वोरा को मिनि इंडस्‍ट्री कहते हुए संबोधित किया, अक्षय ने ट्वीट किया कि नीरज वोरा ही ऐसे शख्‍स थे जिनकी वजह वो खुद कॉमेडी में इतने आत्‍मविश्‍वास से उतर पाए ।