फिल्म इंडस्ट्री के मेगास्टार का मास्टरस्ट्रोक, यहां कदम रखते ही कर दिया शंखनाद

फिल्म इंडस्ट्री के मेगास्टार रजनीकांत पर आजकल देशभर की नजरें टिकी हैं। अब रजनीकांत राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने बडा़ काम किया।

New Delhi, Mar 13: फिल्म इंडस्ट्री के मेगास्टार कहे जाने वाले रजनीकांत अब राजनीतिक करियर की शुरूआत करने जा रहे हैं। देशभर में इस बात की काफी चर्चाएं भी हो रही हैं। आपको बता दें कि सुपरस्टार रजनीकांत  तमिलनाडु की राजनीति में कदम रखने जा रहें है। वो पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनका राजनीति में आने का उद्देश जनसेवा है, ना कि पैसा।

आध्यात्म और ध्यान की तलाश
इस बीच लोगों में अपना जनाधार स्थापित करने के लिए सुपर स्टार रजनीकांत आध्यात्म और ध्यान की तलाश की में हैं। इसके लिए अब वो ऋषिकेश पहुंच चुके हैं। रजनीकांत ने कहा था कि वो यहां बतौर तीर्थयात्री आए हैं। ‘’यहां मुझे दैवीय शांति मिलती है और ये मेरे रोजाना की जिंदगी से बिल्कुल अलग और खास होता है। मैं इस दैवीय जगह पर राजनीति के मुद्दे पर कोई बात नहीं करूंगा’’।

अब यहां पहुंचे रजनीकांत
राजनीति में आने की बात साफ कर चुके सुपरस्टार रजनीकांत गंगा की शरण में ऋषिकेश पहुंचे। वो हिमाचल प्रदेश से होते हुए उत्तराखंड आए। ऋषिकेश में अपने आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मलीन संत स्वामी दयानंद सरस्वती की समाधि पर वो श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे और ध्यान लगाएंगे। रजनीकांत 1:30 बजे देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे।

दयानंद सरस्वती आश्रम में पहुंचे
इसके बाद वो यहां से ऋषिकेश के लिए रवाना हो गए। इसके बाद वो ढाई बजे के करीब आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मलीन संत स्वामी दयानंद सरस्वती के आश्रम पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए उनके फैंस की जबरदस्त भीड़ थी। इस बीच सुपरस्टार रजनीकांत दूसरे वीआइपी गेट से निकल गए। कारों के काफिले के साथ वो पुलिस की कड़ी सुरक्षा में ऋषिकेश की ओर गए।

ये है खास बात
खास बात ये भी है कि रजनीकांत जब भी कोई बड़ा काम शुरू करने वाले होते हैं तो वो देवभूमि जरूर आते हैं। ऋषिकेश के अलावा कुमाऊं के दूनागिरी क्षेत्र में एक आश्रम है, वहां भी वो अक्सर आते जाते रहते हैं। रजनीकांत यहां कितने दिन रहेंगे, इस बात की जानकारी नहीं है। आश्रम के प्रबंधक का ही कहना है कि रजनीकांत यहां काफी समय बिता चुके हैं।

प्रबंधकों ने बताई खास बात
रजनीकांत के बारे में प्रबंधक का कहना है कि वो निजी जीवन में बेहद धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृति के हैं। ऋषिकेश के आश्रम से रजनीकांत करीब 25 साल से जुड़े हैं। इसके अलावा खास बात ये है कि रजनीकांत बीते 20 साल से स्वामी दयानंद द्वारा स्थापित गंगाधरेश्वर ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं। इस महानायक की श्रद्धा का केंद्र देवभूमि है। खुद रजनीकांत कहते हैं कि देवभूमि की कृपा से उनके जीवन में काफी तरक्की हुई।

ये है जिंदगी का अहम हिस्सा
दरअसल रजनीकांत आध्यात्म और योग को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानते हैं। उनकी श्रद्धा का केंद्र द्वाराहाट का योगदा आश्रम भी है। अल्मोड़ा में स्थित इस आश्रम में स्वामी परमहंस ने भी योग की दीक्षा ली थी। रजनीकांत ने स्वामी परमहंस की बायोग्राफी पढ़ी थी। इस बायोग्राफी से रजनीकांत काफी प्रभावित हुए थे। इसके बाद इस मेगास्टार ने योग को ही अपनी जिंदगी का आधार बना लिया था।