हम बात कर रहे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के उस नायक की जो नाम नहीं अपने आप में एक फैशन ट्रेंड था, एक ऐसा एक्टर जिसने करोड़ों के दिल पर राज किया । देव आनंद …
New Delhi, Dec 04 : देव आनंद, ये नाम नहीं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को वो सुनहरा अध्याय है जिसे लोग बार-बार पलटना चाहेंगे । देव साहब 50 और 60 के दशक के उन चुनिंदा अभिनेताओं में से एक थे जिन्होने अपनी अमिट पहचान बनाई । उस दौर की फिल्मों को लोगों के दिलों तक उतारा । अपनी खास अभिनय शैली की वजह से जाने जाने वाले देव आनंद अब भले इस दुनिया में ना हों लेकिन उनकी यादें उनके चाहने वालों के दिलों में हमेशा जिंदा रहने वाली है । देव साहब से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जिन्हें सुनकर शायद आप हैरान रह जाएं ।
बॉलीवुड के सबसे हसीन एक्टर
देव आनंद उस दौर के सबसे खूबसूरत अभिनेता माने जाते थे । उनकी अदाएं, उनका अभिनय का अंदाज सभी के दिल तक उतर जाता था । ऐसा निराला अंदाज तब के किसी भी अभिनेता में नजर नहीं आता था । उनकी डायलॉग डिलीवरी, तिरछी नजरों से देखना, एक्ट्रेस का उन पर फिदा होना सब कुछ बहुत खास था । 50 और 60 का दशक पूरी तरह से देव साहब के नाम था ।
काले कोट पर लगा था बैन
देव आनंद इतने खूबसूरत थे कि लड़कियां उन पर मर मिटने को तैयार थीं । इनके काले कोट से जुड़े किस्से हैरान करते हैं । कहा जाता था कि जब देव साहब काले कोट और सफेद शर्ट में निकलते थे तो लड़कियां खुदकुशी तक करने को तैयार हो जाती थीं । ऐसी हालत देखकर कोर्ट ने देव साहब के काले कोट पहनने पर ही बैन लगा दिया था । उनका ये अंदाज तब का ट्रेंडिंग फैशन बन गया था ।
1923 से 2011 तक का सुनहरा सफर
26 सितंबर 1923 को जन्मे देव आनंद का फिल्मी सफर बहुत ही खूबसूरत रहा । अपने जमाने की हर एक्ट्रेस के साथ उन्होने काम किया । नरगिस से लेकर हेमा मालिनी तक, वहीदा रहमान से लेकर जीनत अमान तक हर किसी के साथ उनका अंदाज देखने लायक था । लड़कियां उनके रोमांटिक अंदाज की दीवानी हुआ करती थीं, वो विश करती थीं कि कोई उनकी जिंदगी में भी देव साहब की तरह प्यार करने वाला आए ।
अंकाउटेंट की नौकरी
बहुत कम लोग ही ये जानते हैं कि फिल्मों में आने से पहले देव साहब एक साधारण सी अकाउंटेंट की जॉब किया करते थे । इनका पूरा नाम देव आनंद उर्फ र्ध्मदेव पिशोरीमल आनंद था । देव साहब बचपन से अभिनय के शौकीन रहे हैं । 1946 में पहली बार देव साहब हम एक हैं में नजर आए । तब फिल्में यथार्थ से परे एक काल्पनिक दुनिया हुआ करती थीं । वो दौर बहुत संघर्ष भरा था, देव साहब अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए ।
कई फिल्में रहीं यादगार
देव साहब की यादगार फिल्मों को उंगलियों पर गिनना आसान नहीं । उनके अभिनय से सजी ऐसी कई फिल्में है जो आज भी लोग देखना पसंद करते हैं । देव साहब ने 1949 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की, जिसका नाम नवकेतन फिल्म््स रखा था । 1970 में फिल्म प्रेम पुजारी से देव साहब निर्देशन की दुनिया में उतरे । उनके डायरेक्शन में बनी फिल्म हरे राम हरे कृष्णा सुपरहिट रही । इसके बाद उन्होने कई फिल्में निर्देशित की जिसमें कुछ अतरंगी भी थीं ।
सुरैया से की बेपनाह मोहब्बत
देव आनंद, जिन पर पूरे हिंदुस्तान की लड़कियां मर मिटती थीं उन्हें अपनी को एक्ट्रेस सुरैया से प्यार हो गया था । एक फिल्म की शूटिंग के दौरान सुरैया नाव पलटने से पानी में गिर गईं । देव साहब ने उन्हें बचा लिया । दोनों के बीच बेपनाह मोहब्बत का दौर भी देखा गया । लेकिन सुरैया को उनके परिवार ने देव साहब से करीबियों की इजाजत नहीं दी ये रिश्तो वहीं खत्म हो गया । 2004 में जब सुरैया ने दुनिया को अलविदा कहा तो देव साहब उनके जनाजे में मौजूद थे ।
1954 में की शादी
सुरैया से रिश्ता टूटने के बाद देव साहब ने अपने जमाने की मशहूर एक्ट्रेस कल्पना कार्तिक से शादी कर ली । कल्पना एक पंजाबी क्रिश्चियन परिवार से थीं । उनकी शादी की ये डोर दो बच्चों के साथ और मजबूत हुई । देव साहब और कल्पना के दो बच्चे हैं । अपने बेटे सुनील आनंद को फिल्मों में स्थापित करने की उन्होने बहुत कोशिश की लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाए ।
याद रहेंगे देव आनंद
3 दिसंबर 2011 को देव साहब हार्ट अटैक के चलते दुनिया को अलविदा कह गए । उनके बेहतरीन अभिनय और फिलमी दुनिया में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरुस्करों से नवाजा गया । 2001 में भारतीय सिनेमा के योगदान के लिए पद्म भूषण से नवाजा गया । 2002 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया । देव साहब हिंदी सिनेमा के वो नाम हैं जो ना मिट सकते हैं ना ही धूमिल हो सकते हैं ।