सांसद बनने से पहले विनोद खन्ना यहां करते थे माली का काम, पत्नी ने विदेश से की है पढाई

Vinod Khanna

विनोद खन्ना हिंदी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के सम्मान से नवाजे जाने वाले 49 वें शख्स हैं।

New Delhi, Apr 15 : 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की शुक्रवार को घोषणा की गई। साल 2017 के लिये घोषित पुरस्कार में बॉलीवुड की फिल्मों में योगदान देने के लिये बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर विनोद खन्ना को दादा साहब फाल्के सम्मान दिया गया है। आपको बता दें कि विनोद खन्ना हिंदी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के सम्मान से नवाजे जाने वाले 49 वें शख्स हैं। एक्टर बनने से पहले बॉलीवुड स्टार ओशो के आश्रम में माली का काम करते थे।

पत्नी हैं वकील
विनोद खन्ना की पत्नी कविता ने विदेश से एलएलबी की है, उन्होने कुछ सालों तक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस भी की। Vinod Khanna11विनोद खन्ना ने एक बार फिर से फिल्मों में वापसी करने के 10 साल बाद पॉलिटिक्स में एंट्री ली। भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा सांसद बनें, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वो मंत्री भी रह चुके थे। जब उन्होने आखिरी सांस ली, तब भी वो पंजाब के गुरदासपुर सीट से लोकसभा सांसद थे।

ओशो से प्रभावित
70 के दशक में बॉलीवुड के हैंडसम हीरो ओशो से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होने अपनी पर्सनल लाइफ ही बदल ली। वो हर वीकेंड पुणे स्थित ओशो के आश्रम जाने लगे। Vinod Khanna4यहां तक कि उन्होने अपने कई शूटिंग शेड्यूल पुणे में रखवाए, ताकि उन्हें आश्रम जाने में कोई परेशानी ना हो। उन दिनों शटिंग सेट पर भी वो कुर्ता और माला पहनकर पहुंचने लगे थे। ओशो से प्रभावित बॉलीवुड एक्टर ने धीरे-धीरे प्रोड्यूसर्स को साइनिंग अमाउंट भी लौटाने लगे थे।

अपने सामान बांट दिये
ओशो के आश्रम जाने के बाद और उनसे दीक्षा लेने के बाद उन्होने अपने कई जोड़ी सूट, कप़ड़े, जूते और दूसरे लग्जरी सामान लोगों में बांटने शुरु कर दिये। Vinod Khanna3पहले वो गेरुआ वस्त्र पहनने लगे। फिर ओशो आश्रम का मरुन चोगा धारण करने लगे। साल 1975 में विनोद खन्ना ने अचानक से फिल्मों से ब्रेक ले लिया और सन्यासी बनने का फैसला लिया।

आश्रम में बिताये 5 साल
ओशो यूएस के ओरेगन शिफ्ट हो गये थे, तब बॉलीवुड स्टार भी वहीं चले गये थे, साल 1982 के बाद विनोद खन्ना ओशो के साथ रजनीशपुरम आश्रम में रहने लगे,Vinod Khanna2 एक इंटरव्यू में बॉलीवुड एक्टर ने खुद ही ये बात मानी थी, कि उन्होने वहां पांच साल बिताया। इस दौरान आश्रम में विनोद खन्ना माली का काम करते थे।

बीजेपी नेशनल एक्जीक्यूटिव की सदस्य थी कविता
विनोद खन्ना की पत्नी कविता उनके सांसद रहते हुए बीजेपी नेशनल एग्जीक्यूटिव की सदस्य रही हैं। बॉलीवुड स्टार के निधन के बाद गुरदासपुर सीट ने पार्टी ने उन्हें ही उम्मीदवार बनाया था, Vinod Khanna1हालांकि उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कविता के अनुसार वो साल 2000 में वाजपेयी जी के प्रधानमंत्री रहते देश में रोजगार बढाने के प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी हैं।

राजनीति में एंट्री
साल 1997 में बीजेपी की सदस्यता के साथ ही विनोद खन्ना नेता भी बन गये, वो गुरदास सीट से सांसद बने, फिर 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी ने उन्हें संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बनाया।Vinod Khanna3 फिर 2003 में वाजपेयी कैबिनेट में ही उन्हें विदेश राज्यमंत्री का अहम जिम्मा मिला। इस पद पर रहते हुए बॉलीवुड स्टार ने फिल्म इंडस्ट्री के जरिये भारत-पाक के बीच दूरियां कम करने की कोशिश की।