100 साल की उम्र में भी युवाओं को फेल कर रहा है ये बुजुर्ग, फुटबॉल का शौक आज भी

100 साल की उम्र पार हो चुकी है। हौसला अभी भी जवानों वाला है। देशभर में इस बुजुर्ग के बारे में काफी चर्चाएं हो रही हैं, जिन्हें आज भी फुटबॉल का शौक है।

New Delhi, Mar 19: कहते हैं कि अगर आपका शरीर स्वस्थ है, तो आपने हर बीमारी पर विजय हासिल कर ली। जीवन में स्वस्थ रहने के लिए लोग कई तरह के काम करते हैं, रुपया पानी की तरह बहा लेते हैं। लेकिन एक बुजुर्ग ऐसे हैं जिनकी उम्र 100 साल को पार कर गई है लेकिन उनके हौसले आज भी युवाओं की तरह ही हैं। इन बुजुर्ग का नाम है जगतराम।

100 साल की उम्र में जवां हौसला
उम्र 100 साल और स्वास्थ्य युवाओं की तरह। जगतराम ने रविवार को अपनी जिंदगी के 100 साल पूरे कर लिए हैं। इस खास जश्न में ना सिर्फ उनके बेटे बल्कि 21 पोते और पड़पोते भी शामिल हुए। जगतराम बेहद ही शांत और सरल स्वभाव के हैं। उनकी जिंदगी का रुटीन भी बेहद नॉर्मल है। जब जगतराम सिर्फ 5 साल के थे, तो उन्होंने व्यायाम करना शुरू कर दिया।

ये है फिटनेस का राज
अब ये भी जान लीजिए कि आखिर उनके स्वस्थ रहने का राज क्या है। जगतराम बेहद ही साधारण भोजन और मौसमी फलों का सेवन करते हैं। सोड़ा सरौली गांव के रहने वाले जगतरात ने अपनी जिंदगी के बारे में कुछ खास बातें बताई हैं। उनका कहना है कि बचपन में उनका स्कूल घर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर था। वो रोजाना डेढ़ किलोमीटर पैदल चलते थे।

हर काम में सुपरहिट
जगतराम जी के मुताबिक उन्हें तैराकी, घुड़सवारी और फुटबाल का शौक था। फुटबॉल से उन्हें बेहद प्यार है। उनके मुताबिक वो नौवीं कक्षा में फुटबाल टीम का कैप्टन बन गए थे। जगतराम कहते हैं कि उन्हें फुटबॉल खेलने का ऐसा शौक था कि वो श्रीनगर मैच खेलने जाते थे। अब जरा ये भी जान लीजिए कि जगतराम जी का रूटीन क्या है।

योग और व्यायाम हर दिन
जगतराम हर दिन सुबह 5 बजे उठ जाते हैं। नित्य क्रिया से निपटने के बाद 6.30 बजे तक वो पूजा करते हैं। इसके बाद सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे तक वो योग करते हैं। ठीक साढ़े बजे के करीब चार रोटी, सब्जी, दाल,  चावल खाते हैं। इसके बाद 11 बजे एक गिलास दूध में घी डालकर उसे पी जाते हैं। इसके अलावा भी उनकी फिटनेस के और भी राज हैं।

स्वस्थ खाना है लंबे जीवन का राज
सुबह 11 बजे दूध पीने के बाद वो दोपहर 2 बजे मौसमी फलों का सेवन करते हैं। इसके बाद शाम 6 बजे वो भोजन करते हैं और इसके बाद मिठाई खाते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को बातें याद नहीं रहती, लेकिन जगतराम जी की याददाश्त शानदार है। उन्हें अपनी जिंदगी की हर बातें तारीखवार याद हैं। इस बारे में भी जानिए।

याददाश्त आज भी जबरदस्त
जगतराम के मुताबिक 7 जुलाई 1944 को आर्डिनेंस फैक्ट्री में उनकी नौकरी लगी थी। इसके बाद 34 साल तक के लंबे कार्यकाल के बाद 31 मार्च 1978 को वो ऑफिसर सुपरिटेंडेंट के पद से रिटायर हुए थे। 17 अगस्त 1959 को सोड़ा सरौली में उन्होंने जमीन ली थी। 100 साल की उम्र में भी जगतराम कहते हैं कि वो मांसाहार पर विश्वास नहीं रखते और सिर्फ शाकाहारी भोजन खाते हैं।