पीएम मोदी के इन फैसलों से कंपनियों के शेयरों में 1300 फीसदी तक की तेजी आई, मतलब ये तो साफ है कि अगर किसी ने इन शेयरों में पैसा लगाया होता या होगा, तो वो मालामाल हो गया होगा।
New Delhi, May 28 : मोदी सरकार ने 26 मई 2018 को चार साल पूरे कर लिये। इस दौरान केन्द्र सरकार ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसे कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरु की। जीएसटी, बैंकरप्सी कानून जैसे कई बड़े सुधार करने की भी कोशिश की। इन फैसलों का असर शेयर बाजार और यहां लिस्टेड कंपनियों पर भी पड़ा। पीएम मोदी के इन फैसलों से कंपनियों के शेयरों में 1300 फीसदी तक की तेजी आई, मतलब ये तो साफ है कि अगर किसी ने इन शेयरों में पैसा लगाया होता या होगा, तो वो मालामाल हो गया होगा। आइये आपको बताते हैं कि किसने दिया बड़ा मुनाफे का मौका।
कोटक महिंद्रा
बैंकरप्सी कोड बड़े ही फायदे का सौदा साबित हुआ है, इसके जरिये एनपीए रिकवरी पर ज्यादा फोकस है। सरकारी बैकों ने कम कर्ज दिये हैं। कोटक, एचडीएफसी जैसे प्राइवेट बैंकों के लिये अच्छा अवसर दिख रहा है। इससे एसेट री-कंस्ट्रशन कंपनियों को भी फायदा मिलेगा। आपको बता दें कि एसेट री-कंस्ट्रक्शन कंपनियां बैकों से एनपीए खरीदती है।
बैंक को फायदा
मोदी सरकार के बैंकरपसी कोड और आधार जैसे सुधारों की वजह से कोटक महिंद्रा को जबरदस्त फायदा मिला। जिसका असर उनके शेयर में भी देखने को मिला। साल 2014 में इस बैंक का एक शेयर 325 रुपये का था, आज कोटक महिंद्रा का भाव करीब 1300 रुपये के करीब है। एक्सपर्ट्स के अनुसार आधार की वजह से लोन प्रक्रिया आसान हुई है।
स्टरलाइट टेक्नोलॉजी
स्मार्ट सिटी स्कीम के तहत सरकार का लक्ष्य देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाने का है, जिसके लिये 10 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, स्मार्ट सिटी पर संसदीय कमेटी की रिपोर्ट है, कि अभी तक आवंटित किये गये पैसे का सिर्फ 2 फीसदी ही खर्च हो पाया है। प्रदेश सरकारों ने भी सिर्फ 21 फीसदी ही खर्च किया है, इस क्षेत्र में काम बहुत ही धीमी रफ्तार से चल रही है। जबकि सरकार का दावा कुछ और ही है।
कंपनी को फायदा
स्मार्ट सिटी स्कीम से स्टरलाइट टेक्नोलॉजी कंपनी की चमक बढी है। ऑप्टिकल फाइबर बिछाने वाली इस कंपनी को जयपुर, गांधीनगर और काकीनाड़ा का ऑर्डर मिला है। कंपनी ने स्मार्ट सिटी के लिये अलग डिविजन भी बनाया है। साल 2014 में इस कंपनी के शेयर 28 रुपये था, वर्तमान में इसके एक शेयर की कीमत करीब 400 रुपये है।
सब्सिडी लिकेज बंद
केन्द्र में मोदी की सरकार बनते ही जेएमएम यानी जनधन- आधार- मोबाइल पर फोकस किया गया। इन तीनों का सरकारी सेवाओं की डिलीवरी में इस्तेमाल करने पर फोकस किया गया। तकनीक की मदद से पैसे और समय की बचत करने की कोशिश की गई। डीबीटी से सब्सिडी लीकेज पर अंकुश लगाई गई, अकेले सिर्फ पेट्रोलियम सब्सिडी 86 हजार करोड़ रुपये कम हुई।
टीवीएस इलेक्ट्रॉनिक्स
आईएमएफ ने भी भारत के डिजिटल इस्तेमाल की तारीफ की, डिजिटल इंडिया पर फोकस करने से टीवीएस इलेक्ट्रॉनिक्स को जोरदार फायदा मिला। नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा फायदा में ये कंपनी भी रही। आपको बता दें कि टीवीएस ग्रुप की ये कंरनी आईटी हार्डवेयर प्रोडक्ट बनाती है। नवंबर 2016 के बाद इस कंपनी के शेयरों में उछाल देखने को मिला। 2014 में इस कंपनी के शेयर की कीमत 27 रुपये थी, आज 360 रुपये के करीब है।