फैशन डिजायनिंग छोड़कर बकरी पाल रही है ये लड़की, लाखों में हो रही है कमाई

आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने फैशन डिजायनिंग छोड़ी और बकरी पालन का धंधा शुरू किया। अब लाखों में कमाई हो रही है।

New Delhi, Mar 21: रोजगार की तलाश में हर महीने हजारों लोग शहर की ओर पलायन करते हैं। जहां पलायन की समस्या एक चुनावी मुद्दा है और हर बार चुनाव से पहले इस समस्या से लड़ने के वादों की झड़ी सी लग जाती है। लेकिन कहते हैं जहां समस्या होती है वहीँ आस-पास ही उस समस्या से पार पाने का तरीका भी होता है। इस बात को एक फैशन डिजायनिंग की छात्रा ने साबित किया है।

नई सोच से बदला समाज
युवाओं ने अपनी नई सोच से पलायन की समस्या से पार पाने का तरीका सुझाया है। रोजगार के साधन पैदा किये हैं। गाँव में रोजगार के साधन नहीं हैं … इस धारणा को पूरी तरह से खत्म करने का जज्बा दिखाया है नई पीढ़ी के युवाओं ने। आए दिन हमें तरह-तरह की किस्से सुनने को मिलते हैं, जहाँ लोग शानदार शहरी जीवन को छोड़ कर गाँव की ओर रुख करते हैं।

युवाओं को दी नई प्रेरणा
युवा अब प्राकृतिक संसाधनों का सही इस्तेमाल कर अपना खुद का कारोबार शुरू कर रहे हैं। इन्हीं जिंदादिल युवाओं में एक नाम है श्‍वेता तोमर। श्‍वेता भानियावाला में रहती हैं। आज महानगरों में महज कुछ हजार रुपयों के लिए भटक रहे युवाओं के लिए श्‍वेता ने एक मिसाल कायम कर दी है। आज के स्टाइल-परस्त युग में बड़े शहर में फैशन डिजायनर बनना बड़ी बात है।

बकरी पालन का काम शुरू किया
लेकिन इस शानदार करियर को छोड़ कर श्वेता ने गांव में बकरी पालन शुरू किया। श्‍वेता ने अपने पिता के सपने को जिया… उसे साकार किया। श्‍वेता के पिता का हमेशा से यह सपना था कि गाँव में कोई ऐसा कारोबार हो जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। पिता कारोबार स्थापित करने में असफल रहे, लेकिन बेटी के जेहन में पिता के सपने को पूरा करने की ललक हमेशा रही।

अब लाखों में हो रही है कमाई
बचपन से ही श्‍वेता को फैशन में काफी रुची थी। विज्ञान में स्नातक और उसके बाद NIFT से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद उन्होंने नोएडा और दिल्ली में कुछ साल फैशन इंडस्ट्री में काम किया। डिजाइनिंग का काम करने के दौरान ही उनका मिस चंडीगढ़ के लिए भी सेलेक्‍शन हुआ। शादी के बाद उन्होंने बेंगलुरु में बुटीक चलाना शुरू किया।

पिता की ख्वाहिश पूरी की
श्‍वेता हर महीने अच्‍छी खासा कमाने लगी। लेकिन मन में हमेशा से अपने पिता की ख्‍वाहिश पूरी करने की इच्छा रही। एक दिन श्‍वेता के मन में गाँव में फार्म शुरू करने का आइडिया आया और उसने अपने पति से इसे साझा किया। आज श्‍वेता की फार्म में 400 से ज्‍यादा बकरियां हैं। उन्होंने डेयरी का बिजनेस भी इससे जोड़ दिया है। इतना ही नहीं अब वो मुर्गी और गौ-पालन भी कर रही हैं।

10 से 15 लाख का टर्नओवर
आज की तारीख में उनका सालाना टर्न-ओवर 10 से 15 लाख तक पहुँच गया है। आज श्‍वेता एक सफल किसान हैं, युवाओं के लिए एक मिसाल कायम करते हुए श्‍वेता तोमर एक ऐसे पायदान तक पहुँच चुकी हैं जहां उनके सामने शानदार भविष्य है। अपने राज्य में पलायन की समस्या से पार पाने का सरल उपाय बताते हुए जब उन्होंने गाँव में फ़ार्म की शुरुआत की, फैशन डिजायनिंग छोड़ी और कमाल कर दिया।