अपने जीवन का सबसे बड़ा धमाका करने वाले हैं अमर सिंह, इतने करोड़ में हुई डील

आखिर प्रकाशक भी उनकी जीवनी में दिलचस्पी क्यों ना लें, राजनेता से लेकर बॉलीवुड और उद्योपतियों के साथ उठने-बैठने वाले अमर सिंह के सीने में कई राज दफ्न हैं।

New Delhi, Aug 22 : वो ना तो किसी बड़ी पार्टी के शीर्ष राजनेता हैं, ना ही बॉलीवुड के चर्चित सितारे, और ना ही उनकी गिनती देश के अमीर उद्योगपतियों में होती है। इसके बावजूद वो सुर्खियों में बने रहते हैं। इन दिनों कई प्रकाशकों में राजनेता अमर सिंह की जीवनी छापने की होड़ लगी है। राज्यसभा सांसद ने एक विदेशी प्रकाशक से करार किया है, वो अपने जीवन से जुड़े राज किताब के रुप में सार्वजनिक करेंगे, जिसके बदले में उन्हें पांच करोड़ रुपये दिये जाएंगे। इतना ही नहीं एक वरिष्ठ पत्रकार उस किताब को लिखेंगे, जिस पर फिल्म भी बनेगी, इस फिल्म का नाम अभी से तय हो गया है ‘हरफनमौला’

क्यों है इतनी दिलचस्पी ?
आखिर प्रकाशक भी उनकी जीवनी में दिलचस्पी क्यों ना लें, राजनेता से लेकर बॉलीवुड और उद्योपतियों के साथ उठने-बैठने वाले अमर सिंह के सीने में कई राज दफ्न हैं। अमिताभ बच्चन कभी अमर सिंह को छोटा भाई मानते थे, तो मुकेश और अनिल अंबानी बड़े भाई कहते थे। पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा और चंद्रशेखर से लेकर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खासमखास रहे। अमर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जीवन में वो कभी अपनी आत्मकथा नहीं लिखेंगे, नहीं तो कईयों को आत्महत्या करना पड़ जाएगा।

अमिताभ को दीवालिया होने से बचाया
अमर सिंह के बारे में कहा जाता है, कि उन्होने अमिताभ बच्चन को दीवालिया होने से बचाया था, तो अनिल अंबानी को यूपी में पावर प्रोजेक्ट लगाने में राजनीतिक रुप से मदद दिलाई। मनमोहन सिंह की सरकार न्यूक्लियर डील पर गिर रही थी, वाम दलों ने समर्थन वापस ले लिया था, तब अमर सिंह ने सरकार को बचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। हालांकि पिछले कुछ सालों से वो लाइमलाइट से दूर रहे, सपा की अंदरुनी लड़ाई का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा, उन्हें अखिलेश यादव ने पार्टी से बाहर कर दिया।

पीएम ने सुर्खियों में ला दिया
राज्यसभा सांसद हाशिये पर पड़े थे, तभी मंच से पीएम मोदी ने उनका एक बार नाम लिया, इसके साथ ही वो सुर्खियों में आ गये, राजनीतिक एक्सपर्ट के अनुसार मोदी ने उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता को बहाल कर दिया। लखनऊ के एक कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम ने कहा था कि हम लोग उनमें नहीं है, जो उद्योगपतियों के बगल में खड़े होने से डरते हैं, वरना कुछ लोग तो ऐसे हैं, जिनकी एक फोटो आप उद्योगपति के साथ नहीं निकाल सकते, लेकिन वो उद्योगपतियों के घर जाकर साष्टांग दंडवत किये रहते हैं। यहां अमर सिंह जी बैठे हैं, जो सारी हिस्ट्री निकाल देंगे।

अमर सिंह को फोन करने लगे लोग
अमर सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के नाम लेने के बाद उनके पास राजनेताओं, उद्योगपतियों, नौकरशाहों और फिल्मी सितारों का फोन आने की संख्या बढ गई, नहीं तो गुर्दे के प्रत्यारोपण और सपा से निष्कासन के बाद से कई करीबी लोगों और दोस्तों ने उनसे बेरुखी अपना ली थी, खास कर मनमोहन सरकार को बचाने के लिये कैश फॉर वोट मामले में जेल जाने के बाद उन्हें बेरुखी का सामना करना पड़ा था।

दलाल कहलाने पर ऐतराज नहीं
राज्यसभा सांसद ने कहा कि उन्हें ना तो राजनीतिक दलाल कहलाने पर कभी कोई ऐतराज रहा, ना जातिवादी की संज्ञा मिलने पर। अमर सिंह का बहुत सारे ऑडियो टेप भी सार्वजनिक हुए, लेकिन उससे उनकी राजनीतिक और सामाजिक सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। अब उनकी किताब आने वाली है, तो निश्चित रुप से उस पर कई विवाद होंगे, क्योंकि वो कई उद्योगपतियों से लेकर फिल्म सितारों और राजनेताओं के बेहद करीब रहे हैं।