अमृतसर हादसे का शिकार समझ बेटे को लाशों के ढेर में ढूंढते रहे माता-पिता, जब मिला तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा

जरा सोचिए उस मां-बाप के दिल का हाल जिनका 13 साल का मासूम जो अमृतसर हादसे में मरा हुआ समझा जा रहा था, उसकी अचानक से खबर आ गई कि वो सकुशल है । जी हां, खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा । आगे जानिए ये पूरी खबर ।

New Delhi, Oct 24 : अमृतसर हादसे ने कितने ही घर के चिराग बुझा दिए । कितने ही बच्‍चें को अनाथ कर दिया, कितने ही लोगों को मौत की नींद सुला दिया । ऐसा ही एक परिवार और भी थाख्‍ जिनका 13 साल का बेटा उस शाम अपने घर से तो निकला था लेकिन वापस लौटकर नहीं आया । परिवार को जब रावण दहन के कार्यक्रम के दौरान रे पटरी पर हुए हादसे का पता लगा तो उनका कलेजा मुंह को आ गया । पूरा परिवार बेटे को ढूंढने रेलवे ट्रैक पर निकल पड़ा । लेकिन लाशों के ढेर में भला बेटा इतनी आसानी से कहां मिलता ।

नाराज होकर निकला था बेटा
ये खबर है अमृतसर के गांव नौशहरा पन्नुआं निवासी फूल सिंह की, जिनका 13 साल का बेटा अर्शदीप 19 अक्‍टूबर की शाम घर से नाराजहोकर निकला था । फूल सिंह जोड़ा फाटक के पास ही रहता था, इसलिए जैसे ही उसने ट्रैक पर हादसे की खबर सुनी तो वह बेचैन और बदहवास सा रेलवे ट्रैक पर लाशों के ढेर में अपने 13 साल के बेटे को ढूंढने पहुंच गया । बहुत देर बाद भी जब कुछ हासिल नहीं हुआ तो परिवार अस्‍पताल भागा ।

अस्‍पताल में भी नहीं था अर्शदीप
रेलवे ट्रैक पर बेटा नहीं मिला तो मां-बाप उसे ढूंढने अस्‍पताल जा पहुंचे । कई घायलों को यहां लाया गया था । अस्‍पताल में भी कई लाशें थीं । कुछ कि शकल इतनी बिगड़ चुकी थीं कि उन्‍हें पहचानना भी मुश्किल था । ऐसे में अर्शदीप के माता-पिता को भी लगा कि उनका बेटा भी अब कभी लौटकर नहीं आएगा ।

सामाजिक कार्यकर्ता की ली मदद
रेहड़ लगाने वाले फूल सिंह करते भी तो क्‍या करते । लाशों के ढेर में अपने परिजनों को ढूंए़ रहे लोगों से भी अपने बेटे को देखा है जैसे सवाल कैसे करते । फूल सिंह के मुताबिक अस्‍पताल मेंउन्‍हें जब कुछ और नहीं सूझा तो उन्‍होने सामाजिक कार्यकर्ता मंजू गुप्ता को फोन कर अर्शदीप को ढूंढने में मदद करने को कहा ।

सोशल मीडिया पर डाली फोटो
मंजू गुप्ता और उनके वालंटियर्स हादसे के बाद से ही लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे थे । उन्होंने सोशल मीडिया पर अर्शदीप का एक फोटो अपलोड कर दिया । इसके बाद ऐसी खबर मिली कि पूरा परिवार खुशी से झूम उठा । परिवार की आंख में आंसू थे लेकिन खुशी के । जिस बेटे को मरा हुआ समझ लिया था वो दिल्‍ली में था वो भी सकुशल ।

नाराज होकर ट्रेन में बैठ गया था अर्शदीप
दिल्‍ली में एक संस्‍था ने अर्शदीप का फोटो देखा और उसकी तलाश शुरू की । वो एक रेलवे स्‍टेशन पर मिला । मंगलवार को ही अर्शदीप का  पता चला । उसने बताया कि वो नाराज होकर दिल्‍ली आने वाली ट्रेन में बैठ गया था । लेकिन दिल्‍ली आकर समझ नहीं आया कि वापस कैसे जाए । इसलिए वो रेलवे स्‍टेशन में ही रुक गया । बहरहाल, जोड़ा फाटक पर हुए हादसे ने इस परिवार को भी अपने बेटे के गम में डुबा दिया था, अब उसकी सलामती ने घरवालों को राहत की सांस दी है ।