बड़ा खुलासा : राफेल सौदे को लेकर अनिल अंबानी की ओर से आया बड़ा बयान, खोला सौदे से जुड़ा ये बड़ा राज

राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है । इस बीच रिलायंस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं । अनिल अंबानी ने मामले में राहुल गांधी को पत्र लिखकर स्‍पष्‍टीकरण दिया था ।

New Delhi, Aug 31 : राफेल सौदे में कांग्रेस के सवाल लगातार मोदी सरकार की परेशानी बने हुए हैं । इससे पहले अनिल अंबानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर इस सौदे में अपनी कंपनी रिलांयस की भूमिका पर सफज्ञई दी थी । इंडियन एक्‍सप्रेस की खबर के अनुसार अंबानी ने इस पत्र में लिखा था कि राफेल जेट्स का निर्माण रिलायंस या DRAL द्वारा नहीं किया जाएगा । ये एक बड़ी जानकारी है जो अब तक सामने नहीं आर्ठ थी ।

राफेल सौदे को लेकर नई जानकारी
इस लेटर में अंबानी ने रिलायंस की ओर से सफाई पेश करते हुए एक नई जानकारी सामने लाई है । बताया जा रहा है 2016 में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद गणतंत्र दिवस से दो दिन पहले दिल्‍ली आए थे । उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग 36 राफेल एयरक्राफ्ट की डिलीवरी के एमओयू पर दस्‍तखत किए गए थे । तभी अनिल अंबानी की रिलायंस एंटरटेनमेंट ओलांद की पार्टनर और एक्‍ट्रेस जूली गाए के साथ एक फिल्‍म बनाने के लिए पार्टनरशिप में उतरी थी।

2016 में मिली डीआरएएल को हिस्‍सेदारी
उसी साल, दसॉल्‍ट रिलायंस एयरोस्‍पेस लिमिटेड यानी कि DRAL के जरिए अंबानी की रिलायंस डिफेंस कपंनी को 59,000 करोड़ रुपये के राफेल सौदे की हिस्‍सेदारी दी गई । जो करीब 51 फीसदी है जबकि राफेल को बनाने वाली फ्रांसीसी कपंनी दसॉल्‍ट एविएशन की DRAL में 49 फीसदी की पार्टनरशिप है । 24 जनवरी, 2016 को रिलायंस एंटरटेनमेंट की ओर से घोषणा की गई थी कि उसने गाए की फर्म जिसका नाम  रूग इंटरनेशनल है के साथ एक फ्रेंच फिल्‍म बनाने को लेकर समझौता किया है।

36 राफेल की खरीद के एमओयू पर हुए दस्‍तखत
इंडियन एक्‍सप्रेस की ओर से दी गई जानकारी में आगे बताया गया है कि – 26 जनवरी, 2016 को दोनों देशों ने 36 राफेल एयरक्राफ्ट की खरीद के एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए। इस सौदे पर ओलांद के दौरे के समय ही हस्‍ताक्षर होने थे, लेकिन ‘कुछ वित्‍तीय दिक्‍कतों’ के चलते तब ऐसा नहीं हो सका।रिलायंस ने जो फिल्‍म (Tout La-Haut) बनाने में मदद की, वह 20 दिसंबर, 2017 को रिलीज हुई पर भारत में नहीं।

DRAL की निर्माण इकाई का शिलान्‍यास
इस एमओयू के साइन होने से ठीक 8 हफ्ते पहले ही दसॉल्‍ट एविएशन के चेयरमैन इरिक ट्रैपिएर और अंबानी ने फ्रांसीसी रक्षामंत्री फ्लोरेंस पर्ली की मौजूदगी में नागपुर स्थित DRAL की निर्माण इकाई का शिलान्‍यास किया था। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्‍ट्र सीएम देवेंद्र फणनवीस भी मौजूद थे । जानकारी के अनुसार राफेल सौदे की घोषणा ओलांद के कार्यकाल में ही हुई, तब वह गाए के साथ ही रह रहे थे। द इंडियन एक्‍सप्रेस की ओर से रूग इंटरनेशनल को फोन किया गया, ईमेल भेजा गया लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है ना ही रिलायंस रिलायंस एंटरटेनमेंट की ओर से भी इस फिल्‍म और यूरोपियन फर्मों में उसके निवेश से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया गया है।

कांग्रेस ने लगाया है ये आरोप
दरअसल कांग्रेस का आरोप है कि उनकी सरकार के समय 126 राफेल विमानों का सौदा किया था । इनमें 18 विमान तैयार अवस्था में थे, बाकी 108 का विनिर्माण दसॉल्ट एविएशन के साथ मिलकर भारत में बेंगलुरू स्थित हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा होना था । लेकिन 2014 में यूपीए के सरकार से बाहर होने के बाद एनडीए की सरकार बनी और पीएम मोदी ने 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस के अपने आधिकारिक दौरे के दौरान 36 राफेल विमान की खरीद का करार करने की घोषणा कर दी ।

अंबानी का स्‍पष्‍टीकरण
अनिल अंबानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर इस सौदे में रिलांयस की भूमिका पर सफज्ञई दी थी । अंबानी की ओर से लिखा गया था कि राफेल जेट्स का निर्माण रिलायंस या DRAL द्वारा नहीं होगा । अंबानी के मुताबिक सभी 36 लड़ाकू विमानों का पूरा, 100 फीसदी उत्पादन फ्रांस में ही किया जाएगा । इसके बाद उन्‍हें भारत आयात किया जाएगा।