कितनी संपत्ति छोड़ गये अटल बिहारी वाजपेयी, अब इस प्रॉपर्टी पर किसका होगा अधिकार ?

साल 2004 में दायर एक हलफनामे के अनुसार तब वाजपेयी के पास करीब 58 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति थी। 

New Delhi, Aug 17 : भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने कल एम्स में अंतिम सांस लिया, आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। करण थापर को दिये एक इंटरव्यू में वाजपेयी ने कहा कि साल 1987 के दौरान उन्हें किडनी की बीमारी से जूझना पड़ा, लेकिन उनके पास तब अमेरिका जाकर इलाज कराने लायक पैसे नहीं थे, जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उनकी मदद की, इसके लिये उन्होने सार्वजनिक रुप से उनका आभार भी जताया ।

वाजपेयी जी की संपत्ति
एक लीडिंग वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार निधन के समय वाजपेयी जी की संपत्ति करीब 14.05 करोड़ रुपये की थी, हालांकि साल 2004 में दायर एक हलफनामे के अनुसार तब उनके पास करीब 58 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति थी। पिछले 14 सालों में राजनीतिक रुप से वो ज्यादा सक्रिय नहीं रहे हैं।

क्या कहता है 2004 का हलफनामा ?
वाजपेयी जी ने साल 2004 में लखनऊ सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, उस दौरान उन्होने संपत्ति का जो ब्यौरा चुनाव आयोग को दिया था, उसके अनुसार उनके पास करीब 58 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति मौजूद थी, इस हलफनामे के अनुसार उनके दो बैंक खातों में 20 हजार रुपये और 3,82,886.42 रुपये मौजूद थे, साथ ही एक और खाते में 25,75,562.50 रुपये थे।

दिल्ली में एक फ्लैट
इसके साथ ही अटल जी के पास 1,20,782 यूनिट बांड्स भी थे, जो 1991 और 1993 की नेशनल सेविंग स्कीम के तहत जारी किये गये थे। वाजपेयी जी के पास 22 लाख रुपये की कीमत का दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में एक फ्लैट है, साथ ही ग्वालियर में मौजूद उनके पैतृक आवास की कीमत 6 लाख रुपये आंकी गई थी। शिक्षा के कॉलम में पूर्व पीएम ने खुद को डीएवी कॉलेज कानपुर से राजनीतिक विज्ञान में एमए बताया था।

वर्तमान में कितनी संपत्ति ?
हालांकि इस बारे में कोई प्रमाणिक जानकारी फिलहाल जारी नहीं की गई है, लेकिन एक लीडिंग वेबसाइट का दावा है कि निधन के समय वाजपेयी जी की कुल संपत्ति करीब 14.05 करोड़ रुपये की थी। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिये उनके दिल्ली आवास पर रखा गया है, आज उनका अंतिम संस्कार दोपहर एक बजे किया जाएगा।

किसे मिलेगी संपत्ति ?
आपको बता दें कि अभी तक अटल जी की कोई वसीयत सामने नहीं आई है, लेकिन कहा जा रहा है कि ये संपत्ति उनकी दत्तक पुत्री नमिता और दामाद रंजन भट्टाचार्य को मिलने की उम्मीद है। साल 1998 में जब पीएम बनने के बाद वाजपेयी जी 7 रेस कोर्स रहने पहुंचे थे, तो उनकी दोस्त राम कुमारी कौल अपनी बेटी नमिता और दामाद रंजन भट्टाचार्य के साथ रहने पहुंचे थे, राजकुमारी कौल के बारे में कहा जाता है, कि वो वाजपेयी जी के परिवार की सदस्य थी, उनके निधन के बाद जो प्रेस रिलीज जारी की गई है, उसमें उन्हें परिवार का सदस्य कहा गया है।