चाचा तो गए अब बुआ की बारी, अकेले 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में मायावती ने कर दिया ये इशारा

अखिलेश यादव के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है चाचा के सेकुलर फ्रंट की घोषणा के बाद अब खबर मायावती से जुड़ी आ रही है । खबर है कि बीएसपी उत्तर प्रदेश में अकेले 80 सीट लड़ने की तैयारी कर रही हैं ।

New Delhi, Sep 01 : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अभी अपने परिवार की बगावत से भी नहीं उभरे हैं कि अब खबर आ रही है कि संभावित महागठबंधन की दूसरी बड़ी पार्टी बीएसपी यूपी में अकेले अपने दम पर 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी मे हैं । इस खबर के पीछे कारण ये माना जा रहा है कि अगर भविष्‍य में किसी भी सूरत में गठबंधन नहीं हो पाता तो पार्टी किसी आपातकालीन परिस्थिति से ना जूझे बल्कि इसके लिए तैयार रहे ।

80 सीटों पर अकेले लड़ने की तैयारी
खबर है कि मायावती ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को यूपी की सारी 80 सीटों पर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी रखने को कह दिया है । ऐसा इसीलिए क्‍योंकि किसी भी सूरत में मायावती आने वाले चुनाव में पीछे नहीं रहना नहीं चाहती । आगे चलकर गठबंधन ना भी हो पाए तो पार्टी की अपनी ओर से तैयारी पूरी होगी और किसी भी इमरजेंसी की सूरत में दल नहीं होगा ।

महागठबंधन की चर्चा
आपको बता दें लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सबसे ज्यादा 80 संसदीय सीटों वाले उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, मायावती की बहुजन समाज पार्टी, अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल और संभावित तौर पर राहुल गांधी की कांग्रेस के महागठबंधन की चर्चा है । इस बीच मायावती के अकेले 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की समांतर तैयारी की खबरों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है ।

बीजेपी के लिए राहत
हालांकि ये खबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के लिए राहत भरी हो सकती है । क्‍योंकि सीएम योगी आदित्यनाथ की खाली की गई गोरखपुर और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की खाली सीट फूलपुर पर लोकसभा उपचुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था । अगर ऐसे में गठबंधन से ये चुनाव नहीं लड़ा गया और पार्टियां अपने बलबूते मैदान में उतरीं तो बीजेपी एक बार फिर बड़ी जीत हासिल कर सकती है ।

बीएसपी की कार्यकर्ता मीटिंग
खबर आ रही है कि मायावती, प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर प्रखंड स्तर तक कार्यकर्ता मीटिंग करवा रही है और सभी मीटिंग में यही कहा जा रहा है कि अकेले दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी रखें । कार्यकर्ताओं को जमीनी स्‍तर से का करने को कहा जा रहा है । ग्राउंड रिपोर्ट पर काम शुरू कर दिया गया, जिसका फज्ञयदा बीएसपी को चुनाव की तैयारियों में जरूर होगा ।

अखिलेश गठबंधन के पक्ष में
वहीं दूसरी तरफ गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कई बार सामने आकर ये कह चुके हैं कि गठबंधन तो होकर रहेगा । इसके लिए चाहे उन्‍हें कम सीटों से ही संतोष क्‍यों ना करना पड़े । हालांकि ये राजनीति है यहां हर दल खुद को पहले से बेहतर के लिए तैयार करने की कोशिश में तजुटा रहता है । बसपा की तरह सपा और कांग्रेस ही नहीं दूसरे दल भी अपनी जमीन पक्‍की करने की कोशिश में जुटे हुए हैं ।