ये वक्त आलोचना से ज्यादा कप्तान विराट कोहली के लिये आत्ममंथन का है, क्या उनकी जिद की वजह से टीम इंडिया दोनों टेस्ट मैच हार गई।
New Delhi, Jan 19 : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया को 135 रनों से हार का सामना करना पड़ा, भारतीय गेंदबाजों के साथ-साथ बल्लेबाज भी फीके नजर आए, दक्षिण अफीका की टीम ने चौथी पारी में 287 रनों का लक्ष्य रखा था, लेकिन विराट सेना सिर्फ 151 रनों पर ढेर हो गई, रोहित शर्मा ने दूसरी पारी में कुछ संघर्ष करने की कोशिश की, लेकिन वो भी 47 रन बनाकर आउट हो गये, दक्षिण अफ्रीका की टीम ने टेस्ट सीरीज 2-0 से जीत ली है, तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच 24 जनवरी से खेला जाएगा।
विराट की जिद जरुरत पर भारी
हालांकि ये वक्त आलोचना से ज्यादा कप्तान विराट कोहली के लिये आत्ममंथन का है, क्या उनकी जिद की वजह से टीम इंडिया दोनों टेस्ट मैच हार गई, हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी कप्तान के अड़ियल रवैये की चर्चा हो रही है। पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को भी जिद्दी कप्तान माना जाता था, फर्क ये है कि विराट फैसले के बाद उस पर अपनी सोच और बयान देकर चर्चा में रहते हैं।
बतौर बल्लेबाज सफल
सेंचुरियन टेस्ट की पहली पारी में अकेले विराट कोहली ही संघर्ष करते दिखे, बतौर बल्लेबाज उन्होने साबित किया, कि वो दुनिया के किसी भी मैदान पर कितने भी खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण के सामने रन बनाने में सक्षम हैं, लेकिन कप्तान के तौर पर उन्होने गलतियां कर दी, अगर विराट कोहली को लंबे समय तक कप्तानी करनी हैं, तो टीम की जरुरत और अपनी सोच के बीच के बारीक अंतर को समझना होगा, नहीं तो वो गलतियां करते रहेंगे और जीत के मौके खोते रहेंगे।
रहाणे टीम में क्यों नहीं ?
केपटाउन में मिली 72 रन से हार के बाद ही ये सवाल उठ रहे थे कि अजिंक्य रहाणे प्लेइंग इलेवन में क्यों नहीं हैं, वो टीम के उपकप्तान हैं, साथ ही विदेशी धरती पर उनका रिकॉर्ड शानदार है, हालांकि पहले टेस्ट में हार के बाद कप्तान कोहली ने कहा था कि उन्होने मौजूदा फॉर्म को देखते हुए प्लेइंग इलेवन चुनी थी, रोहित शर्मा पिछली कुछ सीरीज से लगातार रन बना रहे हैं, इसी वजह से उन्होने हिटमैन को प्राथमिकता दी। खैर विराट का ये तर्क समझ आता है, लेकिन दूसरे मैच में रहाणे को तो मौका दिया जाना चाहिये थे, लेकिन यहां फिर उन्होने गलती दुहरा दी।
भुवी को बाहर बैठा दिया
पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में धारदार गेंदबाजी करने वाले भुवनेश्वर कुमार को दूसरे टेस्ट मैच में बाहर बिठा दिया, इसके पीछे उन्होने तर्क दिया था कि सेंचुरियन की विकेट पर ज्यादा उछाल मिलेगी, इसलिये टीम में ईशांत शर्मा को होना चाहिये, हालांकि विराट के इस फैसले की खूब आलोचना हुई, पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सहवाग ने कहा कि विराट ने भुवी के आत्मविश्वास को तोड़ने का काम किया है, अगर उन्हें ईशांत को प्लेइंग इलेवन में लाना था, तो किसी और गेंदबाज को बाहर बिठा देते।
पार्थिव पटेल से करवा सकते थे ओपनिंग
सेंचुरियन में पार्थिव पटेल को साहा की जगह मौका दिया गया, इसके पीछे तर्क दिया गया कि साहा चोटिल हैं, हालांकि अब रिद्धिमान साहा सीरीज से ही बाहर हो चुके हैं। क्रिकेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब पार्थिव प्लेइंग इलेवन में थे, तो उनसे ओपनिंग क्यों नहीं करवाई, इस तरह से मिडिल ऑर्डर में एक जगह बनती, जहां पर रहाणे को टीम में लाया जा सकता था। लेकिन विराट ने के एल राहुल पर ज्यादा भरोसा दिखाया।
तेज गेंदबाजों के चयन पर सही फैसला नहीं
कई क्रिकेट समीक्षक विराट के गेंदबाजी आक्रमण को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं, अब तक दोनों टेस्ट मैचों में भारतीय गेंदबाजी उतनी अच्छी नहीं रही है, जितनी की उम्मीद की जाती है, तेज गेंदबाजी आक्रमण में भी कॉम्बिनेशन को लेकर विराट कोहली को और सोचने की जरुरत है। मौजूदा दौर में ईशांत शर्मा, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह बतौर तेज गेंदबाज टीम में शामिल है, अफ्रीकी पिचों के मिजाज को देखते हुए भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और मोहम्मद शमी की तिकड़ी शायद ज्यादा बेहतर विकल्प होती।
हार चुके हैं सीरीज
टीम इंडिया आज तक दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई है, इस बार जब विराट कोहली की अगुवाई में टीम अफ्रीका गई थी, तो क्रिकेट दिग्गज बड़ी उम्मीद भरी नजरों से उनकी तरफ देख रहे थे कि शायद इस बार ये टीम इतिहास रचे, लेकिन विराट कोहली की जिद की वजह से इस बार भी सीरीज हाथ से निकल चुकी है। अब 24 जनवरी से तीसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा, उम्मीद की जा रही है कि विराट अपनी जिद और टीम की जरुरतों के बीच के अंतर को समझेंगे।
बयान को लेकर सुर्खियां
इस दौरे से पहले से ही कप्तान कोहली अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं, दौरे से पहले उन्होने प्रैक्टिस मैच ना खेलकर सबको चौंका दिया था, फिर उनका दूसरा बयान चर्चा में था कि पिच कोई भी हो, मानसिक रुप से तैयार बल्लेबाज हर जगह रन बना सकता है, उनकी बातें बिल्कुल गलत नहीं थी, लेकिन जिस तरह से अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने भारतीय बल्लेबाजों ने आत्मसमर्पण किया, उससे तो यही लग रहा है कि अब उनसे लगातार सवाल किये जाएंगे।