पहले किया बिलियन डॉलर निवेश, अब पाकिस्तानियों की पत्नियां चुरा रहा है चीन

Pak China

इकबाल ने बताया कि पिछले साल जुलाई में वो अपने परिवार की तलाश में चीन भी गये थे। लेकिन बॉर्डर से ही उन्हें वापस लौटा दिया गया।

New Delhi, Mar 30 : पाकिस्तान में इन दिनों व्यापारी एक नई मुश्किल का सामना कर रहे हैं। दरअसल हर साल सर्दी की शुरुआत में काराकोरम के जरिये पाकिस्तानी व्यापारी चीनी मूल की अपनी पत्नियों को सर्दियां बिताने के लिये शिनजियांग प्रांत में स्थित उनके घर चीन जाने के लिये विदा कर देते हैं। फिर वो फोन के जरिये अपने पत्नियों और बच्चों के संपर्क में रहते हैं। पिछले कई साल से ऐसा होता आ रहा है। पत्नियां सर्दियां बिता कर बसंत में वापस पाकिस्तान आ जाती थी।

पाकिस्तानी व्यापारी परेशान
पिछले कई सालों से ऐसा होता आ रहा था, लेकिन इस साल शिनजियांग गई यहां के व्यापारियों की पत्नियां और बच्चों के अब फोन ही कनेक्ट नहीं हो पा रहे हैं। Pak China1जिसकी वजह से पाक के व्यापारी चीन में गायब होती अपनी पत्नियों की वजह से खासे परेशान हैं। पत्नियों से किसी भी तरह का कांटेक्ट ना होने की वजह से उनकी परेशानियां और ज्यादा बढती जा रही है।

रि-एजुकेशन सेंटर बना बंदी गृह
पाकिस्तानी व्यापारियों को ये डर है कि चीन के उइगयूर में जहां पर मुस्लिमों की आबादी है, वहां पर रि-एजुकेशन सेंटर की आड़ में उनकी पत्नियों को बंदी बनाकर रखा गया है। china-flagपाक के एक बिजनेसमैन इकबाल ने कहा कि मेरी पत्नी और बच्चों को पिछले साल मार्च में चीनी अथॉरिटीज अपने साथ ले गई थी, उसके बाद से उनसे मेरा कोई संपर्क नहीं हो पाया है, मैं उनसे बात करने की हरसंभव कोशिश कर चुका हूं।

तलाश करने चीन तक गये
इकबाल ने आगे बोलते हुए कहा कि पिछले साल जुलाई में वो अपने परिवार की तलाश में चीन भी गये थे। लेकिन बॉर्डर से ही उन्हें वापस लौटा दिया गया। Pak China4तब उन्हें बताया गया था कि चीनी अथॉरिटीज की तरफ से उनकी पत्नी को ट्रेनिंग दी जा रही है। वहां की सरकार उनकी पत्नियों और बच्चों का ध्यान रख रहा है। इसलिये वो अभी उनसे बात नहीं कर सकते।

अथॉरिटी वाले नहीं सुनते
पाकिस्तान के व्यापारी इकबाल ने गुहार लगाते हुए कहा कि जिन्होने मुझे ये बताया कि मेरी पत्नी और बच्चियों को ट्रेनिंग दी जा रही हैं, Womenमैंने उनसे कहा कि कम से कम मुझे मेरी बेटी से बात करा दो, लेकिन अथॉरिटीज के लोगों ने मेरी एक ना सुनी और बॉर्डर से ही वापस पाक भेज दिया।

पाक में हो रहा विरोध प्रदर्शन
गिलगित बाल्टीस्तान के रहने वाले इकबाल भी उन दर्जन भर व्यापारियों में शामिल हैं, जो वीजा या अपने व्यापार की वजह से पाक लौटने को मजबूर हुए। Pak China3जब से वो वापस आये हैं, तब से ही चीन में अपनी पत्नियों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। शिनजियांग से सटी पाक बॉर्डर की स्थानीय परिषद के सदस्य जावेद हसन की ओर से इस बात की जानकारी दी गई, कि इस महीने की शुरुआत में परिषद में एक प्रस्ताव पास किया गया था, जिसके तहत यहां के व्यापारियों के परिवारवालों को गैर-कानूनी तौर पर रोकने का विरोध किया गया था।

दोस्ती पर पड़ सकता है असर
पाक के व्यापारी हुसैन कहते हैं कि चीनी अथॉरिटीज को कम से कम इन्हें इनकी पत्नियों और बच्चों से मिलने की मंजूरी तो देनी ही चाहिये थे। saudi_burqaहुसैन के अनुसार चीन पाक का दोस्त है, लेकिन ऐसी घटनाओं से दोनों देशों के रिश्ते पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। चीन विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि दोनों पक्षों की ओर से चीन-पाक के लोगों के बीच मौजूद समस्याओं पर बातचीत हो रही है।

सुलझाने की कोशिश
मामले पर पाक का कहना है कि इस मुद्दे को चीन की सरकार के साथ मिलकर सुलझाने की कोशिश की जा रही है, इकबाल का परिवार काश्गर में रहता है, pakistan_and_china_ये शहर चाइना-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का एक ट्रेड रुट है। काश्गर चीन को ग्वादर पोर्ट से जोड़ता है, पिछले कुछ सालों में चीन-पाक के रिश्ते सीपीईसी की वजह से और गहरे हो गये हैं। चीन ने इस प्रोजेक्ट के जरिये पाक में बिलियन डॉलर्स का निवेश किया है।

चीन ने लगाई मुसलमानों पर कई पाबंदियां
गिलगित सीपीईसी का एक अहम पड़ाव है, ये जगह शिनजियांग को 44 बिलियन डॉलर वाले प्रोजेक्ट से कनेक्ट करती है, Pak China2चीन के उत्तर-पश्चिम हिस्से में स्थित मुसलमानों की बढती आबादी से चीन परेशान हो गया है। यहां पर साल 2014 से कई तरह का आतंकवादी गतिविधियां भी संचालित हो रही है, यहां पर एक रेलवे स्टेशन पर एक शख्स ने नाइफ अटैक से 29 लोगों की जान ले ली थी। इस हमले के बाद सार्वजनिक स्थलों पर इस्लाम के किसी भी तरह के प्रदर्शन को प्रतिबंधितक कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति यहां लंबी दाढी नहीं रख सकता, ना ही कोई माता-पिता अपने बच्चों के माम मोहम्मद रख सकते हैं, सुरक्षा नीति के तहत उइगयूर मुसलमानों को रि-एजुकेशन कैम्पस में रखा जाता है, इस प्रांत के पुरुषों का कहना है कि उनकी पत्नियों को बंदी बनाकर रखा गया है, जो असल में एक डिटेंशन सेंटर है।