हैरत में दुनिया, 14 मिनट में चीन से अमेरिका पहुंच जाएगा ये एयरक्राफ्ट

दुनिया इस वक्त हैरत में है। दरअसल चीन ने एक ऐलान किया है। वो ऐसा एयरक्राफ्ट बना रहा है, जो 14 मिनट में चीन से अमेरिका पहुंच जाएगा।

New Delhi, Nov 17 : ये बात हैरान भी करती है और लोग दांतों तले उंगली दबाने के लिए तैयार हैं। आखिर कोई कैसे सोच सकता है कि सिर्फ 14 मिनट में कोई इंसान चीन से अमेरिका पहुंच जाएगा ? लेकिन चीन का कहना है कि वो एक ऐसा एयरक्राफ्ट तैयार कर रहा है, जो सिर्फ 14 मिनट में चीन से अमेरिका पहुंच जाएगा। चीन के इस बयान से पूरी दुनिया हैरान भी है और परेशान भी।

रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट में ये बड़ा खुलासा किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन एक ऐसा एयर क्राफ़्ट बना रहा है जो परमाणु हथियारों को साथ लेकर सिर्फ 14 मिनट में ही अमेरिका के तट पर पहुंच जाएगा। आपको इस विमान की स्पीड बताएंगे तो आप और भई ज्यादा हैरान रह जाएंगे। इसकी रफ्तार आवाज की रफ्तार से 35 गुना ज्यादा है।

27 हजार मील प्रति घंटे की रफ्तार
जी हां बताया जा रहा है कि इस विमान की रफ्तार 27 हजार मील प्रति घंटे होगी। 27 हजार मील को अगर आप किलोमीटर में नापेंगे तो सिर्फ एक घंटे में ये विमान 43,200 किलोमीटर का सफर तय कर लेगा। ऐसी स्पीड को हाइपसोनिक स्पीड कहा जाता है। यानी साउंड की रफ्तार से 35 गुना ज्यादा इस विमान की रफ्तार होगी। इसके बारे में और भी बातें हैं. जो आपको हैरान कर देंगी।

विंड टनल का निर्माण जारी
एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि 2020 तक दुनिया की सबसे तेज हाइपरसॉनिक फसिलटी यानी चीन के विंड टनल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद इस विमान का परीक्षण किया जाएगा। मौजूदा वक्त में दुनिया की सबसे ताकतवर विंड टनल न्यू यॉर्क की LENX-X फसिलटी है। ये टनल 22 हजार मील प्रति घंटे यानी 36,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर काम करती है।

ऐसे तैयार होती है विंड टनल
यहां आपको खास बात बता दें कि हाइपरसोनिक विमान तैयार करने के लिए ही विंड टनल का इस्तेमाल किया जाता है। इन टनल में आवाज की स्पीड से 5 गुना रफ्तार पर काम किया जाता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर चीन का ये प्रयोग सफल रहा, तो वो दुनिया के किसी भी हिस्से में बस चंद मिनटों में ही अटैक कर सकता है। इसमें मिसाइल और परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होगा।

छिपकर काम कर रहा है चीन
चीन में इस टनल पर गोपनीय तरीके से काम हो रहा है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. झाओ वी ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को इस बारे में जानकारी दी है। उनका कहना है कि 2020 तक इस टनल का काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस टनल के बनने से हाइपरसोनिक हथियारों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। इसके अलावा उन्होंने कुछ और भी खास बातें बताई हैं।

वैज्ञानिक ने बताई बड़ी बातें
उनका कहना है कि लैबोरेटरी में टेस्ट करने के दौरान प्लेन उड़ नहीं सकते। इस वजह से वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स को विंड टनल की जरूरत होती है। विंड टनल में एयरक्राफ्ट की रफ्तार के बराबर हवा पैदा कर सकते हैं। इस तरह से उड़ान का इनवायरमेंट तैयार हो जाता है। चीन और अमेरिका के बीच इसे एक तरह से हाइपरसोनिक रेस भी कहा जा सकता है।