सबसे बड़े साइबर संकट में हिंदुस्तान, खतरे में आपके एटीएम कार्ड, पासवर्ड बदल लीजिए

हिंदुस्तान पर एक बड़ा साइबर संकट मंडरा रहा है। इस बार हैकर्स के निशाने पर आपके क्रेटिड कार्ड और डेबिट कार्ड हैं। इसलिए आप भी जरा सावधान रहें।

New Delhi, Dec 20: हिंदुस्तान पर एक बार फिर से साइबर संकट मंडरा रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ हैकर्स एक अज्ञात बैंक के पेमेंट स्विच सर्वर में सेंध लगा चुके हैं। इसके बाद से पेमेंट सिक्योरिटी फर्म सिसा ने सभी बैंकों और पेमेंट दाताओं को अडवाइजरी भेजी है। बैंकों को सावधान रहने के लिए अलर्ट किया गया है। सभी बैंकों को सावधान करते हुए कहा गया है कि कर्मचारियों के पेमेंट सर्वर पासवर्ड को तुरंत बदला जाए।

बताई गई हैं खास बातें
इसके अलावा कहा गया है कि पेमेंट सर्वर को एक्सेस करने के लिए दो लेवल के वैरिफिकेशन का इस्तेमाल करें। सिसा के प्रवक्ता ने कहा है कि कि पेमेंट स्विच एप्लिकेशन सर्वर से एक वाइरस जोड़ दिया गया था। ये वाइरस पेमेंट कार्ड डेटा की जानकारी चुरा सकता है। इसमें कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट, सीवीवी और ग्राहकों की दूसरी जानकारियां मौजूद होती हैं।

हैकर्स ने किया है बड़ा हमला
बताया जा रहा है कि हैकर्स इन जानकारियों का इस्तेमाल करने के साथ ही कार्ड्स की क्लोनिंग करके ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। कार्ड की क्लोनिंग का मतलब क्या है, जरा ये भी जान लीजिए। दरअसल हैकर्स के हाथ आपका कार्ड नंबर, सीवीवी और पिन लग जाता है। इसके आधार पर वो कार्ड का ही डुप्लीकेट तैयार कर लेते हैं। इसके बाद अपनी मर्जी से ट्रांजेक्शन करते हैं।

एक वायरस तैयार किया है
खास बात ये है कि हैकर्स ने जो वायरस तैयार किया है, ये वायरस कार्ड के बारे में भुगतान नेटवर्क को फर्जी प्रतिक्रिया भी भेजने में कारगर साबित हो रहा है। फर्जी प्रतिक्रिया द्वारा ये सुनिश्चित किया जाता है कि इनकमिंग ट्रांजैक्शन रिक्वेस्ट या ऑउटगोइंग ट्रांजैक्शन रिस्पॉन्स की कोई भी डीटेल स्विच ऐप्लिकेशन लॉग में नहीं होगी। फिलहाल इस वायरस की पहचान कर दी गई है।

आपको भी नुकसान हो सकता है
इसके बाद भी अभी ये साफ नहीं है कि ग्राहकों के खातों को कोई नुकसान हुआ है या नहीं। सिसा ने पिछले साल ही भारत के बड़े डेबिट कार्ड सेंध की जांच की थी। इस कंपनी के प्रवक्ता ने कहा था कि उन्होंने पेमेंट कार्ड इंडस्ट्री को सुरक्षित करने के लिए अडवाइजरी SISA PFI लैब की ताजा शोध के आधार पर भेजी है। अब सवाल ये है कि आगे क्या होगा।

क्या कहता है नियम ?
भारत में बैंकों के लिए डेटा सेंध की जानकारी सार्वजनिक करना या इसकी सूचना ग्राहकों को देना कानूनन जुर्म है। कर्ज देने वाले बैंक इसकी जानकारी अपने सहयोगी बैंकों को भी नहीं देते। हालांकि दो साल पहले आरबीाई ने इस तरह की सेंध की जानकारी देना जरूरी कहा था । खैर इस वायरस के आने के बाद से आपको भी सावधान रहने की काफी जरूरत है।

कार्डधारक जरा सावधान रहें
इतना जरूर है कि तमाम बैंकों के एटीएम कार्ड्स धारकों को भी सावधान रहने के लिए कहा गया है। हो सकता है कि आपके अकाउंट से भी पैसा डिटक्ट हो सकता है। इसलिए हो सके तो अपना एटीएम पासवर्ड भी बदलने की कोशिश करें। वैसे भी कहा गया है कि एटीेम का पासवर्ड बार बार बदलते रहना चाहिए। इससे साइबर संकट से निपटने में काफी आसानी होती है।