IPL : दीपक ने मुंबई इंडियंस के सलामी बल्लेबाज इविन लुईस के लिये एलबीडल्लयू की अपील की, जिसे अंपायर ने आउट करार दिया।
New Delhi, Apr 11 : IPL -11 में पहली बार डीआरएस का इस्तेमाल हो रहा है। मुंबई और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच खेले गये पहले मुकाबले के तीसरे ओवर में ही डीआरएस का इस्तेामल हो गया। इस मैच में तीसरे ओवर की पहली गेंद पर सीएसके के दीपक चाहर को विकेट मिला। दीपक ने मुंबई इंडियंस के सलामी बल्लेबाज इविन लुईस के लिये एलबीडल्लयू की अपील की, जिसे अंपायर ने आउट करार दिया। हालांकि बल्लेबाज अंपायर के फैसले से संतुष्ट नहीं थे, जिसके बाद उन्होने डीआरएस ले लिये लेकिन थर्ड अंपायर ने भी उन्हें आउट करार दे दिया। आज हम आपको इस युवा गेंदबाज दीपक चाहर के पर्सनल लाइफ के बारे में बताते हैं।
चैपल ने कर दिया था रिजेक्ट
राजस्थान के लिये घरेलू क्रिकेट खेलने वाले दीपक चाहर मूल रुप से यूपी के आगरा के रहने वाले हैं। वो आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स और राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स की तरफ से खेल चुके हैं। इस साल उन्हें चेन्नई सुपरकिंग्स ने खरीदा है। 2010 में रणजी डेब्यू से दो साल पहले दीपक को 2008 में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन एके़डमी के तत्कालीन डायरेक्टर ग्रेग चैपल ने रिजेक्ट कर दिया था।
लाइफ का सबसे बुरा दिन
दीपक चाहर उस दिन को अपनी जिंदगी का सबसे बुरा दिन मानते हैं, एक इंटरव्यू में गेंदबाज ने कहा था कि चैपल ने मुझे फाइनल 50 में भी नहीं चुना था। तब इस प्रतिभाशाली क्रिकेटर ने ग्रेग चैपल से इसकी वजह भी पूछी थी, तो उन्होने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि आप हायर लेवल तक क्रिकेट खेल सकते हैं, इसके साथ ही उन्होने ये भी कहा था आप क्रिकेटर नहीं बन सकते ।
दो साल में रणजी टीम में बना ली जगह
एक इंटरव्यू में इस गेंदबाज ने बताया था कि उस दिन मुझे बहुत बुरा लगा था, पूरे करियर में सिर्फ वही एक दिन था, जब मेरी हालतक रोने जैसी हो गई थी, हालांकि उस दिन मैंने अपने आप पर काबू करने की भरपूर कोशिश की, अपने आंसू नहीं निकलने दिये। दीपक चाहर के अनुसार उस दिन के बाद मैंने नये सिरे से मेहनत करनी शुरु की दी। दो साल के बाद ही राजस्थान की तरफ से मैं रणजी खेलने लगा।
धांसू था डेब्यू
दीपक चाहर का डेब्यू धांसू था, उन्होने नवंबर 2010 में राजस्थान की ओर से खेलते हुए पहली पारी में ही 10 रन देकर 8 विकेट हासिल किया था। दीपक के जबरदस्त परफॉरमेंस की बदौलत राजस्थान की टीम ने हैदराबाद को सिर्फ 21 रन पर ऑलआउट कर दिया था। जो कि घरेलू क्रिकेट में रिकॉर्ड है, उस मैच में उन्होने 12 विकेट हासिल किये थे, साथ ही सीजन में 30 विकेट के साथ दूसरे हाइएस्ट विकेट टेकर गेंदबाज बने थे।
इन्होने दिया दूसरा मौका
चैपल के रिजेक्ट करने के बाद दीपक चाहर को दूसरा मौका तारक सिन्हा ने दिया, चैपल के रिटायर होने के बाद वो राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े, वो नये क्रिकेट टैलेंट की खोज में हनुमानगढ जिले पहुंचे थे, जहां पर उन्होने दीपक को पहली बार गेंदबाजी करते हुए देखा। पहली ही मुलाकात में दीपक ने अपनी गेंदबाजी से उन्हें इंप्रेस कर दिया, जिसके बाद उन्होने इस गेंदबाज को जयपुर आने को कहा।
तारक सिन्हा बनें कोच
जब दीपक चाहर ने उन्हें बताया कि वो जयपुर गये थे, लेकिन ग्रेग चैपल ने उन्हें नकार दिया, तो तारक सिन्हा ने उनसे कहा कि वो जयपुर आकर प्रैक्टिस करना शुरु करें, जिसके बाद जल्दी ही उन्हें राजस्थान रणजी टीम में जगह मिल गई। इसके बाद फिर पलट कर उन्होने नहीं देखा। हालांकि चोट की वजह से कई बार वो मैदान से बाहर हुए, लेकिन हर बार वापसी की है।