दिल्ली में आधी रात को महिलाएं लगाती हैं बाजार, जानिए क्या बिकता है यहां

raghubir nagar

दिल्ली में आधी रात को महिलाएं लगाती हैं बाजार, यहां पर आने वाले टॉर्च की रोशनी में सामान खरीदते हैं। जानना चाहते हैं कहां है या बाजार और क्या बिकता है वहां

New Delhi, Nov 06: देश की राजधानी दिल्ली अपने बाजारों के कारण पूरे देश में मशहूर है। दिल्ली में कई तरह के बाजार लगते हैं। चोर बाजार का नाम तो आपने सुना ही होगा, उसी तरह से कई इलाकों में ऐसे बाजार लगते हैं जिनके बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता है। खास बात ये है कि इन बाजारों में सामान बहुत सस्ते दाम में मिल जाता है। इसलिए इन बाजारों में रौनक बनी रहती है। ध्यान देेने वाली बात ये है कि ये बाजार बहुत ज्यादा समय के लिए नहीं लगते हैं। कुछ ही घंटों में यहां से सारा सामान बिक जाता है। हम आपको ऐसे ही एक बाजार में ले चलते हैं, इस बाजार की खासियत ये है कि यहां पर आधी रात महिलाएं सामान बेचती हैं।

आधी रात को सजता है ये बाजार
हम जिस बाजार के बारे में बात कर रहे हैं वहां पर शाम से लेकर रात के 4 बजे तक सारा सामान औरते बेचती हैं। यहां पर ज्यादातर दुकानों पर औरतें ही बैठती हैं। सुबह के चार बजे से शुरू होने वाले इस बाजार की खासियत ये है कि इसमें लगने वाले हजारों दुकानों में 70 से 80 प्रतिशत विक्रेता औरते होती हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि ये बाजार दिल्ली के किस इलाके में है।

रघुबीर नगर में है ये बाजार
दिल्ली के पश्चिमी इलाके में रघुबीर नगर में ये बाजार है। यहां पर पुराने कपड़ों का बाजार लगता है। पांच एकड़ जमीन में फैले इस बाजार को उत्तर भारत का सबसे बड़ा पुराने कपड़ों का मार्केट माना जाता है। ये बाजार सुबह चार बजे शुरू होता है और सुबह के ग्यारह बजे तक खुला रहता है। इस मार्केट के ज्यादातर दुकानदार गुजरात के वाघरी समाज के हैं, जो काम की तलाश में गुजरात से दिल्ली आए थे।

टॉर्च की रोशनी में खरीदते हैं सामान
बता दें कि रघुबीर नगर के इस बाजार में लगभग 5 हजार से ज्यादा दुकानें लगती हैं. इन दुकानों में ज्यादातर महिलाएं ही बैठती हैं। वो सामान बेचती हैं, मोल भाव भी करती हैं, ये बाजार रात के अंधेरे में लगता है इसलिए यहां पर सामान खरीदने वाले लोग टॉर्च या फिर फोन की रोशनी में सामान खरीदते हैं। अक्सर बाजार आने वाले लोग खुद ही टॉर्च लेकर आते हैं। जिस से वो अच्छा सामान खरीद सकें।

पुराना कपड़ा लाते कहां से हैं
अब सवाल ये भी खड़ा होता है कि इतना बड़ा बाजार लगता है तो उसके लिए सामान कहां से आता है। पुराने कपड़ों का बाजार है ये तो पुराना कपड़ा आता कहां से है। दिन में औरतें दिल्ली के इलाकों में फेरी लगाकर पुराने कपड़ों के बदले नए बर्तन बेचती हैं। उन कपड़ों को जमा कर लिया जाता है। उसके बाद शुरू होती है उन कपड़ों को बाजार में लाने की प्रक्रिया ।

पुराने कपड़े सुधारकर बेचे जाते हैं
जो कपड़े औरतें दिन में इकट्ठा करती हैं, उन कपड़ों को सुधार कर, सिलाई वगैरह करके, अच्छे से धो कर उनको बाजार में पेश किया जाता है। ये कपड़े काफी कम दाम में मिलते हैं। जिस कारण यहां लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखी जाती है। यहां पर आपको 50 से 100 रुपयों में जूते, 10 से 30 रुपए में कमीज, 10 से 50 रुपए में पैंट, 20-30 रुपए में जींस, 10-50 रुपए में लेडीज टॉप और 20-40 रुपए में साड़ी मिल जाएगी।

आधी रात से ही जुटने लगते हैं दुकानदार
रघुबीर नगर का ये बाजार सुबह 4 बजे से खुलता है, लेकिन इस बाजार में दुकानदारों के आने का सिलसिला रात के 12 बजे से ही शुरू हो जाता है। इसका कारण ये है कि जो जितनी जल्दी आएगा वो उतनी ही अच्छी जगह पा सकेगा। सभी साड़ियों के जरिए अपनी जगह बुक करते हैं। इस मार्केट से सामान खरीदने दिल्ली के अलावा जयपुर, अलवर, फरीदाबाद, मेरठ, मथुरा, सिरसा, हिसार, चंडीगढ़, लुधियाना, पटियाला यानी राजस्थान, यूपी, हरियाणा, पंजाब और गुजरात के तमाम शहरों और कस्बों से लोग आते हैं।

बड़े व्यापारी भी आते हैं
इस बाजार में कई बड़े व्यापारी भी आते हैं, आप सोच रहे होंगे कि पुराने कपड़ों में बड़े व्यापारियों की क्या दिलचस्पी है, वो यहां पर आते हैं, और छांटकर कपड़े ले जाते हैं। उन कपड़ों को फिर से सिलकर वो नया बना देते हैं। फिर उन कपड़ों को ऊंची कीमत पर बेचते हैं। कुल मिलाकर इस बाजार के कारण कई परिवारों के घरों में चूल्हा जल रहा है। अगर आप अभी तक इस बाजार में नहीं गए हैं तो एक बार हो आइए, बेहद दिलचस्प जगह है ये।