गजब का दरबार, आस्था का सबसे बड़ा केंद्र जहां अगले 100 साल की बुकिंग हो चुकी है

ये एक ऐसा दरबार है, जिसे आस्था का सबसे बड़ा केंद्र कहा जा सकता है। एक मान्यता है कि इस दरबार में जाने के लिए 100 सालों की बुकिंग हो चुकी है।

New Delhi, Feb 21: क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि किसी धार्मिक स्थल में आने वाले 100 सालों तक के लिए पहले से ही बुकिंग हो चुकी है ? अगर आपने नहीं सुना है, तो आज इस बात को जान भी लीजिए। आज हम आपको दरबार साहिब के बारे में बताने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सिखों के इस पवित्र धाम में आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा है कि आने वाले 100 सालों के लिए बुकिंग हो चुकी है।

हर साल उमड़ता है सैलाब
बताया जाता है कि यहां हर साल आस्था का सैलाब उमड़ता है। दरबार साहिब दून घाटी में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आप दिल्ली से सीधे ट्रेन से आ सकते हैं, इसके अलावा दिल्ली से सीधे बस और विमान सेवा भी दून के लिए है। इस दरबार के प्रति लोगों की जबरदस्त भावना है। ये सैलाब कुछ ऐसा है कि एक बार के लिए आंखों पर भी यकीन नहीं होता।

गुरु राम राय ने की थी स्थापना
बताया जाता है कि इस दरबार साहिब की स्थापना श्री गुरु राम राय ने की थी। कुछ लोगों का कहना है कि औरंगजेब गुरु राम राय को भी गुरु मानते थे। औरंगजेब ने ही गुरु राम राय को हिंदू पीर की उपाधि दी थी। बताया जाता है कि गुरु राम राय ने सदियों पहले दून घाटी में डेरा डाला था। तबसे इसे डेरा दून के नाम से भी जाना जाता है।

यहां बना है दरबार साहिब
दरबार साहिब भी इसी जगह पर बना हुआ है। इसके बाद यहां झंडे की स्थापना की की गई। इसका महत्व कुछ ऐसा है कि पूरी दुनिया इसे प्रणाम करती है। कहा ये भी जाता है कि यहां मन से मुराद मांगने पर मन की हर इच्छा पूरी हो जाती है। यहां फाल्गुन मास की पंचमी तिथि को झंडा मेला का आयोजन किया जाता है। जो कि भारत के सबसे बड़े मेलों में से एक है।

विदेशों से आते हैं श्रद्धालु
इस मेले में सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं और अपने मन की मुराद मांगते हैं। बताया जा रहा है कि इस बार दून में इस सुप्रसिुद्ध झंडे मेले का आयोजन 6 मार्च से किया जाएगा। अब आपको बताते हैं कि इस मेले में सबसे खास बात क्या है। बताया जाता है कि इस मेले में इसमें सबसे ज्यादा महत्व दर्शनी गिलाफ का होता है।

2116 तक के लिए बुकिंग
बताया जाता है कि साल 2116 तक के लिए दर्शनी गिलाफ की बुकिंग हो चुकी है। इसके साथ ही यहां शनील गिलाफ की भी मान्यता है। बताया जाता है कि शनील गिलाफ चढ़ाने की बुकिंग साल 2041 के बाद के लिए शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि इस बार लुधियाना के अर्जुन सिंह झंडा मेला में दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे। इस बारे में जानकर आपको हैरानी होगी।

30 साल बाद अर्जुन सिंह का नंबर
बताया जाता है कि दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए अर्जुन सिंह के पिता ने 30 साल पहले बुकिंग की थी। 30 साल बाद उनका नंबरद आया है। सबसे पहले झंडे जी का दूध, दही, शहद से अभिषेक किया गया। इसके बाद पुराने गिलाफ उतारे जाते हैं। इसके बाद सबसे पहले सूती गिलाफ, फिर शनील गिलाफ और आखिर में दर्शनी गिलाफ चढ़ाए जाते हैं।