यूपी में मोदी के ताबड़तोड़ दौरे, महागठबंधन के खिलाफ बीजेपी अपनाएगी दो फॉर्मूले

बीजेपी को अच्छी तरह से पता है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है, यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं।

New Delhi, Jul 15 : पीएम मोदी ने शनिवार को यूपी के आजमगढ में 342 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया, 2019 में सबसे ज्यादा सीटों वाले उत्तर प्रदेश के नतीजों का सीधा असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। ऐसे में सपा-बसपा और कांग्रेस के महागठबंधन से निपटने के लिये बीजेपी ने रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है। राजनीतिक विशलेषकों के अनुसार बीजेपी की नई रणनीति दो चीजों पर आधारित है, विकास का जोर और ब्रांड मोदी पर अधिक विश्वास।

महागठबंधन से लड़ने की तैयारी
अगर यूपी में महागठबंधन बना, तो बीजेपी के लिये राह आसान नहीं होगा। इसीलिये चुनाव से पहले ही बीजेपी ने कमर कस लिया है। हाल के दिनों में ये साफ हो गया है कि महागठबंधन के अस्तित्व में आने से बीजेपी की जीत की संभावनाओं पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। गोरखपुर फूलपुर में हुए लोकसभा उपचुनाव के नतीजों ने एक तरफ जहां इस संभावित खतरे की तरफ सभी का ध्यान खींचा है, तो वहीं कैरान उपचुनाव में विपक्ष ने संयुक्त प्रत्याशी देकर बीजेपी को सचेत कर दिया है।

बीजेपी ने बदल ली रणनीति
संयुक्त विपक्ष के खिलाफ बीजेपी की रणनीति की पहली झलक तब देखने को मिली, जब प्रधानमंत्री संत कबीर को श्रद्धांजलि अर्पित करने यूपी के मगहर गये थे। Narendra Modi5कबीर में दलित, पिछड़ी जातियों और मुसलमान सभी वर्गो में समान रुप से श्रद्धा है। मगहर से कबीर को मानने वालों को एक बड़ा राजनीतिक संदेश देते हुए पीएम ने विकास को लेकर अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होने अखिलेश यादव और मायावती पर गरीबों को धोखा देने का आरोप लगाया।

विकास के एजेंडे पर चुनाव
आजमगढ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण से साफ हो गया, कि बीजेपी 2019 के चुनाव अभियान में विकास के एजेंडे पर ज्यादा फोकस करेगी, Modi3इसके लिये पीएम मोदी सबसे आगे रहकर प्रचार करेंगे। इस तरह पार्टी ब्रांड मोदी का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहती है, अभी चुनाव में करीब दस महीने के समय है, पहले ही बीजेपी कमर कस कर तैयार है।

जातिगत राजनीति पर चोट
इसमें कोई शक नहीं है कि विकास का एजेंडा लेकर आगे बढते हुए BJP और पीएम सपा और बसपा को अलग-थलग करने की कोशिश करेंगे, यूपी में लंबे समय से जातिगत व्यवस्था ने राजनीति को प्रभावित किया है। हालांकि ये भी एक बड़ी सच्चाई है कि मायावती का मुख्य वोट बैंक में बीजेपी ने सेंधमारी कर दी है। लेकिन इस लोकसभा चुनाव में खुद मायावती चुनाव लड़ने वाली है, ताकि उनके कार्यकर्ता एक बार फिर से जोश-खरोश के साथ मैदान में आए।

हर राज्य के लिये अलग रणनीति
2019 लोकसभा चुनाव के लिये BJP ने हर राज्य के लिये अलग रणनीति तैयार करने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को रोकने के लिये योजना तैयार की है। Amit Shahपिछले दिनों मुस्लिम समुदाय के स्कॉलर्स के राहुल गांधी से मुलाकात का बीजेपी पूरा फायदा उठाने के फिराक में है। BJP कांग्रेस पर मुस्लिमों के तुष्टिकरण का आरोप लगा रही है, इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय में भी लिंग के आधार पर एक लकीर खींच दी है। इससे पार्टी को उम्मीद है कि तीन तलाक और निकाह हलाला पर बीजेपी के रुख का फायदा उन्हें चुनाव में मिलेगा, मुस्लिम महिलाएं उन्हें समर्थन करेगी।

यूपी में पीएम की ताबड़तोड़ रैली
BJP को अच्छी तरह से पता है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है, यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं, ऐसे में बीजेपी के विकास और ब्रांड मोदी की रणनीति के तहत इस साल पीएम मोदी राज्य में कई और दौरे कर सकते हैं। modi-phoneपीएम शनिवार 21 जून को मिर्जापुर दौरे पर रहेंगे, वहीं 29 जुलाई को शाहजहांपुर में वो किसान रैली को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही वो लखनऊ में 50 हजार करोड़ की विकास योजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे।