देश में कई ऐसे हिस्से हैं जो अब तक रहस्यमयी हैं, एक ऐसा ही गांव अजमेर जिले में हैं जहां लोग आज भी कच्ची छत के मकानों में रहते हैं और ताला भी नहीं लगातो हैं ।
New Delhi, Dec 22: राजस्थान के अजमेर जिले में है एक ऐसा गांव, जहां आज भी कच्चे मकान हैं, पक्की छत कोई बनाना नहीं चाहता और तो और कोई अपने घर में ताला भी नहीं लगाता । जी हां, बीते कई दशकों में ना तो यहां कोई चोरी हुई है, ना ही लोगों के बीच कोई भी विवाद । क्या है यहां की कहानी, आप जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे । एक बात और इस जगह पर कुछ चीजों पर सख्त प्रतिबंध भी है । जानें अजमेर के अनोखे देवमाली ग्राम के बारे में ।
भगवान के नाम है पूरा गांव
दरअसल देवमाली नाम के इस ग्राम की कहानी ये है कि यहां के लोग भगवान देवनारायण को विष्णु का अवतार मानते हैं, और इस गांव की सारी जमीन भी भगवान देवनारायण के नाम पर ही मानी जाती है । गांव के किसी भी व्यक्ति के नाम जमीन का एक भी टुकड़ा नहीं है । यानी लड़ाई की कोई वजह ही नहीं क्योंकि यहां सब एक समान हैं और भगवान के स्थान पर रह रहे हैं ।
एक ही गोत्र के हैं सभी निवासी
ऐसी मान्यता है कि गांव के पूर्वज के वचनों के कारण इस गांव में उसी परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है । यहां चार चीजों पर प्रतिबंध लगा हुआ है, पक्का मकान, शराब और मांस का सेवन, साथ ही केरोसीन के प्रयोग पर भी बैन है । देवमाली में लावड़ा गोत्र के गुर्जर समाज के लोग रहते हैं । समाज के आराध्य देव भगवान देवनारायण का मंदिर एक पहाड़ी पर बना हुआ है । यहां एक ही गोत्र के लोग रहते हैं, सभी भगवान देवनारायण की पूजा करते हैं।
2000 की आबादी
इस गांव में 300 परिवार रहते हैं, करीब 2000 लोगों की बसावट है । गांव में बिजली चली जाए तो केरोसिन का उपयोग नहीं कर सकते । तिल्ली के तेल से दीपक जलाया जाता है । देवमीली की तमाम जमीन भगवान देवनारायण के नाम अंकित है । बताया जाता है कि यहां सभी ग्रामीण सुबह-सुबह पहाड़ी के चारों तरफ नंगे पैर परिक्रमा करते हैं, उनकी इस पर गहरी आस्था है । ऐसा कहा जाता है कि जब देवनारायण यहां आए तो ग्रामीणों के सेवा भाव से खुश होकर वरदान मांगने को कहा । ग्रामीणों ने उनसे कुछ नहीं मांगा, तो भगवान प्रसन्न होकर चले गए और कह गए कि सुकून से रहना है तो पक्की छत का मकान मत बनाना ।
तमाम सुविधाएं लेकिन घर कच्चे
हैरानी की बात है कि इस ग्राम में बाकी सभी सुविधाएं हैं लेकिन पक्के घर आपको नहीं मिलेंगे । देवमाली के 25 वर्ष तक सरपंच रहीं भागी देवी गुर्जर ने मीडिया से बताचीत में बताया कि हमारी पौराणिक मान्यता व देवनारायण भगवान की आस्था के होने के कारण हम मिट्टी व पत्थर से कच्चा मकान बनाते हैं और उनमें रहते हैं । संपन्न लोग भी मिट्टी के बने कच्चे घरों में ही रहते हैं । हमारा मानना है कि पक्की छत बनाने से गांव में आपदा आ सकती हैं । इसीलिए घरों में टीवी, फ्रिज, कूलर और महंगी लग्जरी गाड़ियां होने के बावजूद मकान कच्चे ही हैं ।