ये हैं देश के सबसे कम उम्र के सेल्फ मेड अरबपति, पिता की सीख से खड़ी कर दी 6 हजार करोड़ की कंपनी

करीब दो दशकों की मेहनत के बाद खड़ी की गई कंपनी के दम पर ही दिव तुरखिया 2016 में भारत के सबसे युवा सेल्फ मेड अरबपति बन गये थे।

New Delhi, Aug 02 : 16 साल की उम्र वैसे तो पढने लिखने की होती है, हालांकि कुछ लोगों को इस उम्र में ये भी पता नहीं होता, कि आखिर उन्हें करना क्या है, लेकिन 16 साल के एक लड़के ने पिता से 35 हजार रुपये लेकर बिजनेस की शुरुआत की, ये बिजनेस इतना सफल रहा, कि उसकी कीमत हजारों करोड़ रुपये में आंकी जाने लगी। चीन की एक कंपनी ने इसे करीब 6 हजार करोड़ रुपये (90 करोड़ डॉलर) में खरीद लिया। जी हां, हम युवा अरबपति दिव तुरखिया की बात कर रहे हैं, जिन्होने कम उम्र में ही एड टेक स्टार्टअप मीडिया डॉट नेट की शुरुआत की थी।

25 करोड़ रुपये रेवेन्यू
करीब दो दशकों की मेहनत के बाद खड़ी की गई कंपनी के दम पर ही दिव तुरखिया 2016 में भारत के सबसे युवा सेल्फ मेड अरबपति बन गये थे। उन्होने चीन की कंपनी बीजिंग मिटेनो कम्युनिकेशन को अपनी कंपनी बेचकर ये उपलब्धि हासिल की थी। एक समय इस कंपनी का सलाना रेवेन्यू 25 करोड़ डॉलर तक पहुंच चुका था।

पिता से कर्ज लेकर शुरु की थी कंपनी
आपको बता दें कि इस कंपनी की सफलता में दिव के बड़े भाई भाविन तुरखिया की भी अहम भूमिका रही, दोनों ने साल 1998 में जब इस कंपनी की शुरुआत की, तो उनकी उम्र 16 और 18 साल थी। उन्होने अपने पिता के घर से ही वेब होस्टिंग बिजनेस के तौर पर डायरेक्टी की स्थापना की। दिव तुरखिया ने एक इंटरव्यू में बताया कि कंपनी के लिये उन्होने पिता से करीब 35 हजार रुपये का कर्ज लिया था। इस कंपनी का रेवेन्यू चार साल के भीतर ही 10 लाख डॉलर हो गया था।

पिता से मिला था एक सबक
दिव तुरखिया ने बताया कि पिता ने पैसे देते समय एक सवाल तक नहीं पूछा था, लेकिन उन्होने कहा कि जो तुम करने जा रहे है, उसमें सफल भी हो सकते हो और नहीं भी। तुम कोशिश करना चाहते हो, तो कोशिश करो, और अगर नाकाम हो गये, तो भी कोई बात नहीं। पिता ने कहा कि अगर तुम नाकाम होगे, तो तुम्हें सीखने को बहुत कुछ मिलेगा। दिव ने इसी इंटरव्यू में बताया था कि उन्होने 7-8 साल की उम्र से ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखनी शुरु कर दी थी।

कंपनियों के वेबसाइट बनाये
साल 1995 में इंटरनेट की पहुंच बढने तक उन्हें कंप्यूटर का अच्छा खासा अनुभव हो चुका था, तब उनकी उम्र 13 साल थी, इसी अनुभव के दम पर उन्होने कुछ स्थानीय कंपनियों को सर्विसेज देना शुरु कर दिया था, वो बताते हैं कि 14 से 16 साल की उम्र के बीच उन्होने कुछ कंपनियों को वेबसाइट बनाने, उनकी सिक्युरिटी आदि सेवाएं देनी शुरु कर दी थीं, हालांकि इसके लिये उन्हें ज्यादा पैसे नहीं मिलता था।

इंटरनेट से बढी संभावनाएं
फिर दोनों भाइयों ने अपने बिजनेस को बढाने के लिये वेबसाइट होस्टिंग के क्षेत्र में कदम रखा, तब इंटरनेट शुरुआती दौर में था, इसलिये इस क्षेत्र में खूब संभावनाएं बताई जा रही थी। दोनों भाइयों ने डोमेन नेम क्रिएट करने के साथ ही बिजनेस शुरु कर दिया और तब तक दिव की उम्र 23 साल हो चुकी थी, तब उनकी कंपनी का सलाना रेवेन्यू 1 करोड़ डॉलर के आस-पास पहुंच गई, दोनों भाइयों ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा इसी बिजनेस में लगा दिया।

2015 में 23 करोड़ डॉलर पहुंचा रेवेन्यू
साल 2005 में दिव ने नई कंपनी स्केंजो की शुरुआत की, जो अनयूज्ड डोमेन को ऊंची कीमत पर खरीदकर बेचा करता था, बाद में साल 2010 में ये कंपनी मीडिया डॉट नेट में बदल गई, उनकी कंपनी ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग मार्केट में अच्छी पैठ बना लगी। 2015 में ऐसी भी दौर आया, जब याहू जैसी कंपनी भारत में कमाई के लिये जूझ रही थी, और मीडिया डॉट नेट का रेवेन्यू 23.2 करोड़ डॉलर के पार चला गया।