दिनेश लाल यादव से कैसे बने निरहुआ, दिलचस्प है जुबली स्टार की कहानी

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दिनेश लाल यादव ने एक इंटरव्यू में खुद ही अपने इस सफर के बारे में बताया, इस दौरान उन्होने अपने गाजीपुर से मुंबई की जर्नी के बारे में भी खुलकर बात की।

New Delhi, Nov 24 : भोजपुरी के जुबली स्टार कहे जाने वाले एक्टर दिनेश लाल यादव आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, वो एक एक्टर होने के साथ-साथ सिंगर तथा बीजेपी नेता भी हैं, उन्होने भोजपुरी इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत सिंगिंग से की थी, आज सिनेमा जगत में लोग उन्हें दिनेश लाल यादव नहीं बल्कि निरहुआ के नाम से जानते हैं, ऐसे में आपको बता रहे हैं कि वो दिनेश से निरहुआ फिर जुबली स्टार कैसे बने, आपको उनके इस सफर के बारे में बता रहे हैं, इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है।

अपने सफर के बारे में बताया
दरअसल दिनेश लाल यादव ने एक इंटरव्यू में खुद ही अपने इस सफर के बारे में बताया, इस दौरान उन्होने अपने गाजीपुर से मुंबई की जर्नी के बारे में भी खुलकर बात की, उन्होने कहा कि जब हम छोटे थे, तो भोजपुरी फिल्मों तथा गानों को देखा करते थे, रवि किशन, मनोज तिवारी की फिल्मों को खूब पसंद किया जाता था, उनका बहुत ही ज्यादा क्रेज था, हम उनकी फिल्मों को देखते थे, वहीं से एक प्रेरणा मिली और मैदान में कूद पड़े, चूंकि घर में थोड़ा सपोर्ट था, हमारे बड़े भइया प्यार लाल यादव और विजय लाल यादव बिरहा गायक हैं, उनसे गायिकी सीखी, एक दिन गाना गाते फिल्मों से ऑफर आ गया, ये फिल्म का ऑफर ससुरा बड़ा पइसावाला बनाने वाले निर्देशक सुधाकर पांडेय ने दिया।

निरहुआ शब्द कैसे जुड़ा
एक्टर से सवाल पूछा गया कि आपके साथ निरहुआ शब्द कैसे जुड़ गया, ज्यादातर लोग आपको रियल नाम से नहीं बल्कि निरहुआ से जानते हैं, ये टाइटल आपको कैसे मिला, इस पर उन्होने बताया कि जब मैं अपनी पहली फिल्म चलत मुसाफिर मोह लियो रे गोरखपुर में कर रहा था, तो उसी समय मेरा एक एलबम निरहुआ नाम ह आया था। उसी समय इस एलबम से लोगों के मन में बैठ गया कि इसका नाम निरहुआ है, इससे पहले 2003 में एलबम निरहुआ सटल रहे तो वहीं से लोग मुझे निरहुआ बुलाना शुरु कर दिये थे।

दर्शकों का प्यार है
इसके साथ ही एक्टर ने कहा ये दर्शकों का प्यार है, जब कभी उस नाम से मैंने या किसी और ने कुछ भी बना दिया, वो भी सुपरहिट हो गया, निरहुआ से इस दौरान उनके राजनीतिक ट्रैक के बारे में भी पूछा गया, तो उन्होने कहा कि मैंने कभी राजनीति में जाने का नहीं सोचा था, लेकिन 2019 में जो स्थिति बनी थी, पूरा देश चाह रहा था कि नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री बनें, इसी समय में हमारे राज्य यूपी में 3-4 पार्टियों का मिलकर कहना था कि हम उन्हें नहीं बनने देंगे, फिर मैंने देखा उसमें कोई है, जो पीएम बनना चाहता है, तो देखने के लिये मिला, कि ये सभी जुटे हैं बस उन्हें रोकने के लिये हम इनको नहीं बनने देंगे। फिर मैं भी राजनीति में कूद पड़ा।