आजादी के बाद भारत के इस गांव में पहली बार पहुंची बिजली, लालटेन के सहारे थे लोग

आजादी के बाद हिंदुस्तान के इस गांव में पहली बार बिजली पहुंची है। लोग खुशी से फूले समा नहीं पा रहे थे। अब तक यहां लोग लालटेन से जी रहे हैं।

New Delhi, Feb 05: क्या आप बिना बिजली के आम जिंदगी की कल्पना कर सकते हैं ? शायद नहीं, क्योंकि आज के दौर में बिना बिजली के कई काम रुक से जाते हैं। फोन की चार्जिग से लेकर, हर जरूरी सामान तक बिजली जरूरी होती है। इसलिए आज के दौर में लोग बिना बिजली के रहने के कल्पना भी नहीं कर पाते लेकिन भारत के एक गांव में आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची है।

पहली बार पहुंची बिजली
आज हम आपको एक गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां स्वतंत्रता के बाद पहली बार बिजली पहुंची है। उत्तराखंड में मौजूद गंगी गांव की हम बात कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि इस गांव के लोग अब तक लालटेन के ही सहारे जी रहे थे। अब सौर ऊर्जा की मदद से ये गांव जगमगा उठा है। उत्तराखंड के टिहरी जिले में गंगी गांव पड़ता है।

ऐसे खिल रही थी बड़े दावों की पोल
इस गांव में बिजली ना होने से ये विकास के दावों की पोल खोल रहा था। अब सौर ऊर्जा की मदद से गंगी गांव जगमगा उठा है। गांव के लोगों के लिए ये बड़ी खुशखबरी है, लोग जश्न मना रहे हैं और पूरा गांव खुशी में डूबा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक यहां हर कोई सूरज के ढलने के बाद लालटेन के ही सहारे जी रहा था।

ऐसे की गई रोशनी की व्यवस्था
अब आपको बताते हैं कि आखिर कैसे यहां रोशनी की व्यवस्था की गई । गंगी गांव उत्तराखंड के सीमांत इलाके में पड़ता है। दरअसल, दीनदयाल उपाध्याय कुटीर ज्योति योजना के तहत 2016 में गांवभर में सौर ऊर्जा की आपूर्ति शुरू की गई। इसके बाद धीरे धीरे पूरा गांव रोशनी की तरफ आगे बढ़ने लगा। गांव के लोग अब ऊर्जा विभाग का धन्यवाद दे रहे हैं।

ऊर्जा निगम ने किया कमाल
ऊर्जा निगम के ईई राकेश कुमार का कहना है कि बिजली विभाग के द्वारा ये काम किया गया है। अभी 15 घरों में ऊर्जा निगम ने बिजली की फिटिंग की है और सौर ऊर्जा से आपूर्ति शुरू की है। इसके अलावा इस महीने के आखिर तर बिजली फिटिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा। साल 2016 में तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने इस गांव को बिजली देने का ऐलान किया था।

पहली बार पहुची बिजली
गंगी गांव पहुंचकर हरीश रावत ने दीनदयाल उपाध्याय कुटीर ज्योति योजना के तहत बिजली लाने की घोषणा की थी। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने गांव में सौर ऊर्जा लाइट लगाने के लिए 60 लाख का बजट स्वीकृत किया था। ये गांव सड़क से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां घोड़े और खच्चरों की मदद से पैनल और बैटरी पहुंचाई गई है।

लोगों के चेहरे पर खुशी
आखिरकार आजादी के बाद पहली बार इस गांव तक बिजली पहुंची है। लोगों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है। आज के दौर में बिना बिजली के जीना हर किसी के लिए बेहद ही मुश्किल है। हर जरूरी सामान में बिजली की जरूरत पड़ती है। जरा सोचिए ना जाने कितने वक्त से इस गांव के लोग बिना बिजली के जी रहे थे। आखिरकार ये सपना पूरा हो रहा है।