जब गंगा में प्यास बुझाने उतरे गजराज, तो दो घंटे तक देखनेवालों की सांसें थम गईं

जब गंगा नदी में गजराज अपनी प्यास बुझाने के लिए उतरे, तो देखने वालों की सांसें दो घंटे तक के लिए थम गई। फिर शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन।

New Delhi, Mar 15: राजाजी नेशनल पार्क में एक बड़ा हादसा होते होते बचा। तारीफ तो उस रेस्क्यू टीम की भी करनी होगी, जिसने हिम्मत ना हारते हुए और सूझबूझ से काम लेते हुए एक बेजुबान को नई जिंदगी दे दी। आज हम आपको ऐसी ही एक दिलचस्प बात बताने जा रहे हैं। जब गंगा नदी में गजराज अपनी प्यास बुझाने के लिए उतरे तो, उसकी तेज धार में बह गए। इसके बाद घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला।

गंगा में उतरा था हाथी
रात में एक हाथी राजाजी नेशनल पार्क से उतरकर गंगा में प्याज बुझाने के लिए आ गया। लेकिन पानी इतना तेज बहाव में था कि हाथी को अपने आगोश में ले लिया। तेज बहाव की वजह से हाथी अपना संतुलन खो बैठा। इसके साथ ही हाथ तेज बहाव में बहने लगा था। इसके बाद इस बात की खबर चिल्ला रेंज परिसर को दी गई, जिससे हड़कंप मच गया।

रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया
इसके बाद दो घंटे तक हाथी का रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। चिल्ला रेंज परिसर को जब इस बात की खबर मिली तो रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वन विभाग और जल विद्युत विभाग के कर्मचारियों को खबर की गई। बताया जा रहा है कि हाथी देर रात करीब 3 बजे गंगा नदी में पानी पीने के लिए उतरा था। यहां राजाजी नेशनल पार्क से अक्सर हाथी आते रहते हैं।

वन विभाग के छूटे पसीने
इसके बाद वन विभाग और जल विद्युत निगम के कर्मचारियों ने काफी देर तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। बताया जा रहा है कि नदी का बहाव इतना तेज था कि हाथी सही ढंग से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। रेस्क्यू टीम को डर इस बात का था कि हाथी कहीं नदी का ही शिकार ना बन जाए। खैर काफी देर तक कोशिशें की गई लेकिन एक के बाद एक, हर कोशिश फेल हो रही थी।

पहली कोशिश नाकाम रही
रेस्क्यू टीम को हाथी को निकलने के लिए काफी परेशानियां हो रही थीं। इसके बाद हाथी को बाहर निकालने के लिए जेसीबी से 8 फिट गहरा गड्ढा खोदा गया। इसके बाद हाथी को बाहर निकलने की कोशिश की गई। हालांकि इस कोशिश के बाद भी लोगों को कोई सफलता हाथ नहीं लग पाई। अब करें तो करें क्या ? उधर हाथी की जान खतरे में और इधर एक के बाद एक कोशिश फेल।

फिर लिया गया ये फैसला
आखिरकार एक और फैसला किया गया। बैराज का ही गेट खोल दिया गया। इसके बाद जाकर पानी कम हो कसा। लंबी कोशिश के बाद हाथी तो बाहर निकला, लेकिन बाहर निकलते ही वो रिहायशई इलाकों की तरफ भागने लगा। ये देखकर हर कोई दंग रह गया। अगर हाथी रिहायशी इलाकों की तरफ जाता, तो कई तरह के नुकसान हो सकते थे।

फिर भी आफत बरकरार
हाथी वहां की तरफ भागने लगा, तो वन विभाग के पसूने छूट गए। विभाग ने इसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद हाथी को लाइट्स और गाड़ी की मदद से जंगल में भेजने की कोशिश की। पहले तो हाथी गुस्सा दिखाने लगा, लेकिन इसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने इसमें सफलता पाई और गजराज को वापस जंगल भेजने में कामयाबी हासिल कर ही ली।