सदी का सबसे लंबा ग्रहण, 103 मिनट तक देख सकेंगे भारतीय, पृथ्वी की सबसे काली छाया से गुजरेगा चांद

27 जुलाई, शुक्रवार को 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण लगने वाला है । इसे ब्‍लड मून नाम दिया गया है । ये चंद्रग्रहण बहुत ही प्रभावशाली बताया जा रहा है । क्‍या कुछ खास होगा इस बार आगे पढ़ें ।

New Delhi, Jul 25 : इस साल का पहला चंदग्रहण जनवरी में पड़ा था । ये एक बार फिर 27 जुलाई को  होने वाला है । इस बार होने वाले ग्रहण को प्रभाव पिछले ग्रहण से बहुत अधिक प्रभावी रहने वाला है । वैज्ञानिकों ने इस चंद्रग्रहण को ‘ब्लड मून’ का नाम दिया है । इस बार पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति 103 मिनट तक रहेगी । भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 27 जुलाई की रात 11 बजकर 54 मिनट से शुरू होगा ।

पूरा ढक जाएगा चांद
वैज्ञानिकों के अनुसर 27 जुलाई देर रात 1 बजे के करीब पृथ्वी की छाया से चांद पूरी तरह से ढक जाएगा । रात करीबन 3 बजकर 49 मिनट पर पृथ्वी की छाया से चांद बाहर आएगा । 28 जुलाई लगभग 5 बजे के करीब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की विरल छाया से बाहर निकल जाएगा । वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रग्रण को पूरा समय काल भारत में आसानी से देखा जा सकेगा ।

ऐसे लगता है चंद्रग्रहण
आइए आपको पूर्ण चंद्र ग्रहण के बारे में कुछ जरूरी जानकारी देते हैं । इस दौरान चांद पहले धरती की पेनब्रा यानी की उपच्छाया या हल्की छाया में प्रवेश करता है । यह काफी हल्की होती है, इसीलिए इसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता । लोग अक्सर ग्रहण के इस चरण की शुरुआत नहीं देख पाते । प्रतिछाया के इस चरण की प्रगति उस वक्त तक स्पष्ट हो जाती है जब आधे से ज्यादा चांद इससे ढक जाता है ।

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में अंतर
सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण में क्‍या अंतर है, अगर आपके मन में ये जानने की जिज्ञासा है तो आपको बताते हैं सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है । जबकि चंद्रग्रहण के समय पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है । पृथ्वी की छाया चंद्रमा की छाया से बहुत ज्यादा बड़ी होती है, इसी वजह से सूर्य ग्रहण के मुकाबले चंद्रग्रहण ज्यादा लंबे समय तक रहता है ।

वैज्ञानिकों के अनुसार
इस बार चंद्रग्रहण 103 मिनट का पड़ रहा है । 1 घंटे और 43 मिनट के इस लंबे चंद्रग्रहण के लिए चंद्रमा पृथ्वी की एकदम गहरी छाया के बिल्कुल मध्‍य भाग से होकर गुजरेगा । 31 जनवरी 2018 को पड़ा चंद्रग्रहण इतना लंबा इसलिए नहीं था क्योंकि ये पृथ्वी की छाया के दक्षिण से होकर गुजरा था । 27 जुलाई के बाद अगला चंद्रग्रहण 21 जनवरी 2019 को पड़ेगा । ये भी इतना लंबा नहीं होगा । वैज्ञानिकों के अनुसार यह लगभग 1 घंटे 2 मिनट का ही होगा क्योंकि यह छाया के केंद्र के उत्तर से होकर गुजरेगा ।

छोटा और दूर नजर आएगा चांद
इस बार फुल मून और जुलाई ल्यूनर एपोजी एक ही तारीख 27 जुलाई 2018 को पड़ रहे हैं । यानी कि पृथ्वी से सबसे दूरी पर स्थित चंद्रमा का आर्बिटल पॉइंट जिससे यह बहुत छोटा और दूर नजर आता है । 27 जुलाई का फुल मून साल भर में सबसे दूर और सबसे छोटा नजर आएगा । खगोलशास्त्री मैक्लोर के अनुसार पूर्ण चंद्रग्रहण की अधिकतम अवधि 1 घंटे 47 मिनट हो सकती है. 16 जुलाई 2000 को पड़ा चंद्रग्रहण एक घंटे 46.4 मिनट का था ।