इस मुल्क में 39 भारतीयों की मौत से मचा मातम, परिवारवालों ने रो-रोकर सुनाई दास्तान

इराक के मोसुल में 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि के बाद से हर जगह मातम पसरा हुआ है। परिवारवालों ने रो-रोकर इसकी दास्तान बताई है। आप भी जानिए।

New Delhi, Mar 20: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने साफ कर दिया है कि मोसुल में 39 भारतीयों की मौत हुई है। इसके बाद से परिवारवालों की आखिरी उम्मीद टूट सी गई है। बीते तीन साल से इनके परिजनों को सरकार से अच्छी खबर की आस थी। लेकिन अब विदेश मंत्री के बयान के बाद से इन तमाम घरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।  

विदेश राज्यमंत्री की सफाई
इस बीच विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने मामले पर अपना बयान दिया है। उनका कहना है कि ‘हर चीज में वक्त लगता है। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज ने पहले ही कहा था कि जब तक ठोस सबूत नहीं होंगे उन्हें मृत घोषित नहीं किया जाएगा। वीके सिंह ने इसके साथ ही कहा है कि ‘सुषमा स्वराज ने अपना वादा रखा है और किसी को गुमराह नहीं किया है।

परिजनों का दर्द
विपक्ष पर वार करते हुए उन्होंने कहा है कि विपक्ष का काम है कि हर चीज को गलत नजरिए से देखें। उनके मुताबिक वो इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। आपको बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक के मोसुल में 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि की है। इसके बाद से मृतकों के परिवार की आखिरी उम्मीद भी टूट गई। खबर सुनते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

‘मेरे भाई को अगवा किया गया’
इस बीच इराक में मारे गए एक भारतीय के संबंधी ने मीडिया से बात की और बताया कि दो बार डीएनए टेस्ट लिया गया लेकिन उन्हें उनके भाई की कोई जानकारी नहीं दी गई। मृतक के भाई का कहना है कि ‘हमें जानकारी मिली थी कि हमारे भाई को आतंकियों ने अगवा कर लिया है। उसके बाद हमें उनके बारे में कुछ भी पता नहीं चला।

‘मेरे पति के बारे में कुछ नहीं बताया’
इराक में पंजाब के एक शख्स दविंदर सिंह की भी मौत हुई है। पति दविंदर सिंह की मौत की पुष्टि पर पत्नी मंजीत कौर रोते हुए बोलीं, ‘मेरे पति 2011 में इराक गए थे और मेरी उनसे आखिरी बार बात 15 जून 2014 को हुई थी। हमें हमेशा कहा गया कि वो जिंदा हैं। हमारी सरकार से कोई मांग नहीं है।’ इसके अलावा भी कई परिवारों का दर्द छलका है।

‘मेरा भाई चला गया’
इराक के मोसुल में मंजिंदर सिंह मारे गए हैं। उनके परिजन उनकी मौत की खबर मिलते ही बदहवास हो गए हैं। घर में मातम छाया हुआ है। मंजिंदर की बहन का कहना है कि, ‘पिछले चार साल से विदेश मंत्रालय कह रहा था कि वो जिंदा हैं, पता नहीं कि अब किस पर यकीन किया जाए। मैं उनसे बात करने के लिए इंतजार कर रही थी, हमें कोई जानकारी नहीं मिली।’

ये भी है बड़ी बात
इराक में बिहार के सिवान निवासी विद्या भूषण तिवारी की भी मौत हुई है। उनके चाचा पुरुषोत्तम तिवारी ने कहा, ‘मुझे नहीं पता क्या कहूं। 2014 से मैं सरकार से उसे किसी तरह वापस लाने की सिफारिश कर रहा था और आज वो कहते हैं कि वह अब नहीं रहा।’ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में इराक के मोसुल से अगवा किए 39 लोगों की मौत की पुष्टि की। परिवालों ने अपना दर्द बयां किया है।