इस राज्य में धर्म परिवर्तन किया तो गैर जमानती वारंट, होगी 5 साल की जेल

धर्म परिवर्तन को लेकर देश में एक अलग ही बहस छिड़ी थी। इस बीच इस राज्य में एक बड़ा फैसला लिया गया है। यहां ऐसा काम गैर जमानती वारंट होगा।

New Delhi, Mar 13: आपको याद होगा कि देशभर में धर्म परिवर्तन के कई किस्से सुनने को मिले थे। लेकिन अब एक राज्य में इसके खिलाफ एक कड़े एक्ट पर मुहर लगा दी है। इस राज्य में धर्म परिवर्तन कराना गैर जमानती वारंट होगा। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में करीब 4 घंटे की बैठक चली। इस बैठक में 45 प्वॉइंट्स पर चर्चा की गई है।

शिकायतों पर गंभीर रुख
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में धर्म परिवर्तन की शिकायतों पर गंभीर रुख अपनाया गया है। इसके साथ ही सीएम त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में धर्म स्वतंत्रता विधेयक के मसौदे पर मुहर लगा दी। अब ये भी जान लीजिए कि इसमें क्या क्या बातें हैं। अगर धोखे से धर्म परिवर्तन कराया गया तो ये अपराध घोषित होगा। ऐसे मामलों में मां-बाप या भाई-बहन की ओर से केस दर्ज कराया जा सकेगा।

ये है सजा का प्रावधान
खास बात ये भी है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में धोखे से धर्म परिवर्तन कराया तो करीब दोगुनी सजा का प्रावधना किया गया है। इतना जान लीजिए कि राज्य में अब जबरन, बहला-फुसलाकर, जानबूझकर या फिर किसी गुप्त एजेंडे के जरिये धर्म परिवर्तन कराना गैर जमानती अपराध होगा। उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई है।

10 साल तक की कैद
अब ये भी जानिए कि सजा का प्रावधान क्या है ? इसके मुताबिक धर्म परिवर्तन कराने के मामले में पकड़े जाने पर पांच साल तक की कैद होगी। अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के मामले में दोगुनी सजा का प्रावधान है। अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के मामले में न्यूनतम दो साल और अधिकतम 10 साल की कैद हो सकती है।

परिवार भी एक्ट के दायरे में
इसके अलावा धर्म परिवर्तन में साथ देने वाले परिवार के लोगों को भी इसी एक्ट के दायरे में लाया जाएगा। अगर आरोप साबित हुआ तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। अगर धर्म परिवर्तन के मकसद से ही शादी की गई है तो शादी अमान्य घोषित की जाएगी। अगर ऐसा नहीं है तो एक महीने पहले ही जिला मजिस्ट्रेट को इस बारे में सूचित करना होगा।

डीएम को देनी होगी खबर
अगर इस बारे में जिला मजिस्ट्रेट को खबर नहीं दी गई, तो शादी अमान्य घोषित होगी। बिना आवेदन के अगर ऐसा किया गया तो सजा हो सकती है। इस नियम का उल्लंघन करने पर तीन महीने से एक साल तक की सजा होगी। अगर एससी, एसटी से बिना इजाजत धर्म परिवर्तन कराया गया तो छह महीने से दो साल की जेल होगी और ये गैर जमानती अपराध होगा।

ये भी है खास बात
आपको बता दें कि देशभर में धर्म परिवर्तन के मामलों के बीच उत्तराखंड भी अछूता नहीं रहा है। उधमसिंह नगर में एक किशोर ने कुछ दिन पहले किछ ऐसी ही शिकायत भी की थी। 17 वर्षीय किशोर ने अपनों पर ही धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश का आरोप लगाया था। खैर अब सरकार के इस बड़े फैसले से साफ हो गया है कि जबरन धर्म परिवर्तन पर गैर जमानती वारंट निकलेगा।