कैप्टन कूल महेन्द्र सिंह धोनी ‘माही’ का आज जन्मदिन है, दुनिया भर से उन्हें उनके फैंस विश कर रहे हैं, जानिए धोनी की जिंदगी से जुड़े उस लम्हे के बारे में जब उन्हें टीम इंडिया का कैप्टन बनाया गया था ।
New Delhi, Jul 07 : इंडियन क्रिकेट टीम के कूलेस्ट कैप्टन महेन्द्र सिंह धोनी ‘माही’ आज अपना 37वां जन्मदिन मना रहे हैं । पूरी दुनिया से उनके फैंस, फॉलोअर्स, उनके दोस्त, उनके रिलेटिव्स उन्हें बधाई संदेश भेज रहे हैं । धोनी इंडियन क्रिकेट टीम के लिए बहुत मायने रखते हैं, उनकी कैप्टनशिप में टीम इंडिया विश्व विजेता बनी । टीम ने उन बुलदियों को छुआ जहां पहुचंना बहुत मुश्किल भरा रहा । झारखंड के एक साधारण परिवार के लड़के का यहां तक का सफर आसान तो बिलकुल नहीं रहा ।
2007 में बने टीम इंडिया के कैप्टन
साल 2007 में टीम इंडिया को उसका नया कैप्टन मिला । महेन्द्र सिंह धोनी ‘माही’ , ये नाम तब नया नहीं था लेकिन इतना भी अनुभवी नहीं था इसलिए इस पर सवाल भी उठे । लेकिन बीसीसीआई ने प्रयोग के तौर पर टीम इंडिया की कमान उनके हाथ में दे दी । धोनी ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और उसी साल टीम इंडिया को टी-20 का चैंपियन बना दिया ।
कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा
2007 में सफलता के रथ पर सवार ‘माही’ ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा । उनकी कप्तानी का लोहा सभी ने माना । लेकिन साल 2007 में टीम में कई सीनियर प्लेयर होने के बावजूद ये कैप्टनशिप धोनी को कैसे मिली । बहरहाल ये स्टोरी भी धोनी ने सालों बाद खुद ही एक इंटरव्यू में सबको बताई थी । ये तो क्रिकेट प्रेमी जानते ही हैं कि 2007 में 50 ओवर के वर्ल्ड कन में टीम इंडिया का बुरा हाल हुआ था।
सीनियर खिलाडि़यों की क्षमता पर उठे सवाल
2007 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया पहले ही राउंड में बाहर हो गई थी । ऐसे देश में जहां क्रिकेट को पूजा जाता है वहां खेल प्रेमियों इससे बहुत निराशा हुई । टीम में बदलाव बहुत जरूरी हो गए । टीम के मौजूदा खिलाडि़यों पर सवाल उठने लगे । जिसके बाद ही महेन्द्र सिंह धोनी को कैप्टनशिप दी गई । ‘माही’ ने इस मौके का फज्ञयदा उठाया और वो कर दिखाया जिसके बाद क्रिकेट प्रेमी उनका गुणगान करने लगे ।
खुद ‘माही’ ने बताया कैसे बने कैप्टन
महेन्द्र सिंह धोनी को जब टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी गई तब टीम में युवराज सिंह, हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी कप्तान बनने की फेहरिस्त में शामिल थे । फिर उन्हें टीम का कैप्टन चुना गया । इस सवाल के जवाब में धोनी ने कहा था – ‘एक बार फिर से ये काफी मुश्किल सवाल है, क्योंकि उस समय कई सीनियर खिलाड़ियों ने मेरा साथ दिया था।’
सीनियर खिलाडि़यों ने दिया साथ
‘जब मुझे टीम का कप्तान बनाया तब मैं उस मीटिंग का हिस्सा नहीं था। मुझे महसूस होता है कि मेरी ईमानदारी और खेल के प्रति मेरी जानकारी को ध्यान में रखते हुए यह जिम्मेदारी सौंपी गई। मैच की परिस्थिति को पढ़ना काफी अहम होता है। हालांकि उस समय टीम में मैं एक युवा खिलाड़ी था और जब एक सीनियर खिलाड़ी ने मेरी राय पूछी तो मैंने खुलकर अपनी राय दी। शायद यही कारण रहा कि टीम के अन्य खिलाड़ियों के साथ मेरे अच्छे संबंध थे।’