दर्जी के बेटे को मिला इतने लाख का पैकेज, कभी भरपेट भोजन के लिये भी मोहताज था परिवार

Justin

छात्र के पिता दर्जी हैं और बचपन से ही उन्हें और उनके परिवार को बुनियादी जरुरतों को पूरा करने के लिये भी काफी मेहनत करना पड़ा है।

New Delhi, Apr 20 : एक गरीब परिवार से बिलांग करने वाले लड़के को एक निजी कंपनी ने 19 लाख रुपये का पैकेज दिया है, वो जिस संस्थान से पढाई कर रहा है, उस संस्थान में ये अब तक का सबसे बड़ा ऑफर है। आपको बता दें कि छात्र के पिता दर्जी हैं और बचपन से ही उन्हें और उनके परिवार को बुनियादी जरुरतों को पूरा करने के लिये भी काफी मेहनत करना पड़ा है। लेकिन उसके बावजूद उनके पिता ने उन्हें मोटिवेट किया और आज वो अपने परिवार एक अच्छा भविष्य देने में लगे हुए हैं।

कौन है ये लड़का ?
19 लाख पैकेज पाने वाले इस लड़के का नाम जस्टिन फर्नाडीज है, वो मूल रुप से नागपुर के रहने वाले हैं, उन्होने भारतीय प्रबंधन संस्थान नागपुर से पढाई की है, Justin2कहा जा रहा है कि अब तक इस संस्थान से इतने बड़े पैकेज पर किसी भी छात्र का प्लेटमेंट नहीं हुआ है। इसलिये संस्थान के दूसरे छात्र भी जस्टिन की सफलता से काफी उत्साहित हैं।

मुश्किल से होता था गुजारा
जस्टिन फर्नाडीज ने बताया कि उनके परिवार को अभी तक अपना खर्चा चलाने के लिये बहुत मेहनत करना पड़ता था, Urban-Tailorजब उन्होने पढाई के लिये संस्थान में एडमिशन लिया था, तको उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी, क्योंकि पिता ने पेट काटकर जो भी सेविंग्स किये थे, वो उन्होने बेटे को दे दिया था।

पहले भी नौकरी कर चुका है जस्टिन
आपको बता दें कि आईआईएम में एडमिशन से पहले जस्टिन ने बीटेक किया था, वो दो साल एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी भी कर चुके हैं, Justin1हालांकि वो प्रबंधन कर तरक्की करना चाहते थे, इसी वजह से उन्होने आईआईएम में एडमिशन लिया। उनके करीबियों का कहना है कि उन्होने बहुत मेहनत से पढाई की है, जिसके परिणामस्वरुप हैदराबाद की कंपनी वैल्यू लैब्स ने उन्हें ये पैकेज दिया है।

ऐसा था स्ट्रगल
जस्टिन फर्नाडीज के अनुसार उनके दादा जी भी दर्जी थे, उनके पिता भी यही काम करते हैं, ये उनका फैमिली बिजनेस है। diytailoringहालांकि वो दर्जी बनने के बजाय पढाई-लिखाई पर ज्यादा ध्यान देते थे, शायद इसी वजह से यहां तक पहुंच गये। जस्टिन अपने पुराने दिनों को याद कर भावुक हो जाते हैं, उनका कहना है कि वो पैसे कमा कर अपने घर वालों को सुख-सुविधाएं देना चाहते हैं।

ऐसे होता था पालन-पोषण
पिता की कमाई से घर का खर्च ज्यादा था, इस वजह से उनके परिवार को अपनी जरुरतों को भी कम करना पड़ता था, pdsजस्टिन के अनुसार पीडीएस (पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन कंट्रोल) से मिलने वाले राशन से उनके परिवार का पालन-पोषण होता था, नहीं तो शायद भरपेट भोजन भी मिल पाना मुश्किल होता । हालांकि जल्द ही उनके घर के हालात बदलने वाले हैं।

स्कॉलरशिप से की पढाई
जस्टिन ने बताया कि उनकी आंटी ने उन्हें और उनकी बहन को 12वीं तक पढाया था, इसके बाद उनका त्रिवेंद्रम स्थित गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग में एडमिशन हो गया, shikshaजहां उन्हें स्कॉलरशिप मिल गई थी, जिससे पढाई से साथ-साथ उनका खुद का भी खर्च निकलने लगा था।