अपनी गायें बेचने जा रही है भारतीय सेना, इस वजह से 1 लाख की गाय सिर्फ एक हजार में देने को तैयार

अब सेना ने फैसला लिया है कि उम्दा नस्ल की इन गायों को स्टेट डेयरी को-ऑपरे़टिव्स और अन्य दूसरे सरकारी विभागों को सिर्फ एक हजार रुपये प्रति गाय की कीमत पर दे दिया जाएगा।

New Delhi, Jul 03 : भारतीय सेना करीब एक लाख की कीमत वाली उम्दा नस्ल की गायों को महज एक हजार रुपये में बेचने जा रही है, आपको बता दें सेना के पास फ्रिसवाल नस्ल की करीब 25 हजार गायें हैं, दरअसल सेना अपने 39 फॉर्म को बंद कर रही है, ये फैसला पिछले साल अगस्त में ही लिया गया था, फॉर्म बंद करने के फैसले की वजह से इन गायों को बेची जा रही है, मगर इतनी महंगी गायों का कोई खरीददार ही नहीं मिल पाया।

अब 1000 में देने की तैयारी
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार अब सेना ने फैसला लिया है कि उम्दा नस्ल की इन गायों को स्टेट डेयरी को-ऑपरे़टिव्स और अन्य दूसरे सरकारी विभागों को सिर्फ एक हजार रुपये प्रति गाय की कीमत पर दे दिया जाएगा। इसके अलावा गायों को ले जाने का खर्च भी गाय खरीदने वाले को ही उठाना पड़ेगा।

ताजा दूध के लिये गाय रखे गये थे
आपको बता दें कि एक फ्रिसवाल गाय औसत 3600 ली. दूध (लेकटेशन पीरियड) में देती है, जबकि राष्ट्रीय औसत करीब दो हजार लीटर है, चुनिंदा फ्रिसवाल गाय सात हजार लीटर तक दूध देती है, सेना के पास कुल 39 सैन्य फार्म हैं, जिन्हें बंद किया जाना है, मगर इन गायों की वजह से ये काम अटका हुआ है, पूरे देश में मिलिट्री फार्म सन 1889 में स्थापित किये गये थे, इनका मकसद जवानों को ताजा दूध और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट उपलब्ध कराना था।

नीलाम करने की योजना
मालूम हो कि फार्म हाउस बंद हो जाने की वजह से करीब 57 हजार जवान फ्री हो जाएंगे, जो फिलहाल इनके कामकाज में लगे हुए हैं, पहले सरकार की योजना इन गायों को नीलाम करने की थी, लेकिन तब उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी, जिसके बाद ये फैसला लिया गया है, कि इन गायों को मामूली कीमत में ही बेच दिया जाएगा।

तीन पहले पहले बंद करने के फॉर्म
मालूम हो कि पिछले साल अगस्त में ही ये आदेश जारी हुआ था, कि तीन महीने के भीतर इन फॉर्म को बंद कर दिया जाएगा, मगर गायों की वजह से ही ऐसा संभव नहीं हो पाया। हालांकि अब भारतीय सेना जल्द से जल्द कोशिश कर रही है, कि इन गायों को बेच दिया जाए।

दुधारु नस्ल है फ्रिसवाल
आपको बता दें कि फ्रिसवाल गाय नीदरलैंड की टॉप नस्ल की गाय मानी जाती है, ये भारतीय नस्ल साहिवाल के क्रॉस से तैयार की गई है, ये बेहद दुधारु मानी जाती है, लेकिन इस नस्ल की गायों को बेहद देख-भाल की जरुरत भी होती है। देखभाल ना होने पर इनके दूध कम होने लगते हैं।

20 हजार एकड़ जमीन होगी मुक्त
इस बात को लेकर भी चिंता जताई जा रही थी कि अगर इन गायों को किसानों या फिर प्राइवेट डेयरी मालिकों को बेचा गया, तो कहीं ऐसा ना हो, Indian Armyकि वो उसे कसाईघऱ भेज दें, क्योंकि इन गायों के रख-रखाव और देखभाल में अच्छा खासा खर्च आता है, अब ये चिंता भी दूर हो गई है। सेना के इस कदम से मेरठ, अंबाला, श्रीनगर, झांसी और लखनऊ जैसे शहरों में मौजूद अपने फार्म हाउस में बंद करीब 20 हजार एकड़ जमीन मुक्त हो जाएगी।