यहां पहली बार पहुंचा इंटरनेट कनेक्शन, तो बच्चों ने मुख्यमंत्री से की लाइव चैटिंग

इन गांवों में लोगों ने पहली बार इंटरनेट कनेक्शन देखा, तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यहां के बच्चों ने मुख्यमंत्री से इस दौरान लाइव चैटिंग भी की।

New Delhi, Mar 13: आज आपके हाथ में मोबाइल है और इंटरनेट है। लेकिन कुछ सुदूर जगहें ऐसी भी हैं, जहां इंटरनेट पहुंचना बेहद ही मुश्किल काम था। खुशी की बात ये है कि ये बदलती तस्वीर बहुत कुछ कह रही है। चमोली से सीमांत गांव घेस और हिमनी के लोगों के चेहरों पर मुस्कान खिल उठी। यहां पहली बार इंटरनेट कनेक्शन पहुंचा तो छात्रों ने मुख्यमंत्री से ही लाइव चैटिंग कर दी।

यहां पहली बार पहुंचा इंटरनेट कनेक्शन
चमोली जिले के सीमांत गांव घेस और हिमनी में हाल ही में इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध करवाया गया। यहां बच्चों के चेहरों की खुशी देखने लायक थी। बच्चों ने अपनी कक्षाओं में प्रोजेक्टर स्क्रीन पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से बातचीत की। इस दौरान सीएम ने तमाम बच्चों से उनके गांव की समस्याओं के बारे में जानकारी भी ली।

छात्रों ने बताई परेशानी
इस बीच एक छात्र ने बताया कि बिजली की व्यवस्था नहीं होने की वजह से वो घर में होम वर्क नहीं कर पाते। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत जवाब दिया कि तीन महीने के भीतर ही गांव में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। सीएम ने इस काम को पूरा करने के लिए तुरंत ही ऊर्जा विभाग को निर्देश भी दिए। साल 2013 में यहां आपदा आई थी, जिसके बाद यहां विद्युत आपूर्ति ठप हो गई थी।

ये है खास बातें
अब आपको इस बारे में कुछ खास बातें बताते हैं। कहा जाता है कि घेस गांव से आगे देश भी नहीं है। घेस और हिमनी गांव के स्कूलों में के-यान पोर्टेबल मल्टीफंक्शनल डिवाइस भेजी गई है। ये डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट होकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी प्रदान करता है। खास बात ये है कि इसकी मदद से बाहर के केंद्रों के शिक्षक भी यहां के बच्चों को पढ़ा सकेंगे।

इंटरनेट के के माध्यम से शिक्षण सामग्री
के-यान पोर्टेबल मल्टीफंक्शनल डिवाइस में एनसीईआरटी द्वारा शिक्षण सामग्री डाली गई है। इसे पहले से ही रिकॉर्ड करके डाला गया है। इसे कक्षाओं के वक्त या फिर कक्षाओं के बाद जरूरत के हिसाब से बच्चों को दिखाया जा सकेगा। छुट्टियों के दिनों में इस डिवाइस के माध्यम से बच्चों को सामान्य ज्ञान से संबंधित बातें भी सिखाई जा सकती हैं।

ऐसे आकार लेगा प्रोजक्टर
इसकी खास बात ये है कि के-यान डिवाईस की मदद से क्लास रूम की दीवार को ही प्रोजेक्टर स्क्रीन में तब्दील कर दिया जाता है। इस डिवाईस की मदद से दो अलग-अलग गांवों के बच्चे आपस में वीडियो चैट कर सकेंगे। इसके साथ ही अब घेस और हिमनी गांवों के इन स्कूलों में सोलर पैनल के जरिए बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी।

बिजली के जरिए पोर्टेबल डिवाइस
इसी बिजली  के जरिए के-यान पोर्टेबल डिवाईस को चार्ज किया जाएगा। आपको बता दें कि एक हफ्ते पहले ही आइटी विभाग की समीक्षा बैठक में घेस गांव को आइटी इनेबल्ड गांव बनाने के निर्देश दिये गए थे। इसके बाद अब इस गांव में इंटरनेट कनेक्शन पहुंचाया गया। इंटरनेट पहुंचने के साथ ही गांव में कॉमन सर्विस सेंटर भी खोला गया है।