कमरे में भरे हैं तरह-तरह के पकवान, तो कुंए में खीर और सब्जी, हो रही खूब चर्चा

Gwalior

इस साल इस समारोह की तैयारी में प्रसाद के रुप में करीब 151 टन खीर-मालपुए और सब्जी तैयार की जा रही है, जिसे इन श्रद्धालुओं के बीच बांटा जाएगा।

New Delhi, Feb 04 : मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास करहधाम में 8 दिनों का सीता-राम मिलन समारोह चल रहा है, इस कार्यक्रम में यहां रोजाना 60 से एक लाख श्रद्धालु आ रहे हैं, इन श्रद्धालुओं को इस आयोजन में मालपुए को प्रसाद के रुप में परोसा जाता है। आपको बता दें कि इस साल इस समारोह की तैयारी में प्रसाद के रुप में करीब 151 टन खीर-मालपुए और सब्जी तैयार की जा रही है, जिसे इन श्रद्धालुओं के बीच बांटा जाएगा।

भोजन के इंतजाम
बड़ी मात्रा में तैयार की जाने वाली भोजन सामाग्री के भंडारण के लिये बी विशाल इंतजाम इस साल किये गये हैं, जमीन में 6 फीट गहरे गड्ढे खोदकर 4 हौद बनाये गये हैं, Gwalior3ताकि इन छोटे कुंओं के आकार के इन हौद में रखी गई सब्जी और खीर को निकालने के लिये रस्सी में बाल्टी बांधकर प्रयोग किया जाता है।

मालपुए के लिये कमरे
इस खास कार्यक्रम में प्रसाद के रुप में मालपुए का वितरण किया जाता है, मालपुओं को रखने के लिये 300 स्क्वेयर फीट के कमरे का इस्तेमाल किया जा रहा है, Gwalior7यहां पर मालपुओं को रखा गया है, फिर उन्हें निकाल-निकालकर श्रद्धाओं को बांटा जा रहा है।

यूपी से आई है स्पेशल टीम
पिछले कई साल से इस आयोजन में भोजन तैयार करने की जिम्मेदारी संभालने वाले 65 साल के हलवाई राम भगत सेवादार ने बताया किGwalior2 इस महाभोज में भोजन तैयार करने के लिये 150 लोगों की टीम रोजाना 12 घंटे काम कर रही है, सिर्फ मालपुए तैयार करने के लिये 90 लोगों की टीम काम कर रही है।

400 युवाओं की टीम
इतना ही नहीं श्रद्धालुओं को खाना परोसने की जिम्मेदारी 400 युवाओं की टीम को सौंपा गया है, मालपुए बनाने के लिये विशालकाय परातों का उपयोग किया जा रहा है, Gwalior4फिर उन्हें भंडार घर में रखा जाता है, वहां से निकाल-निकाल कर श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया जाता है।

इसलिये होता है आयोजन
आपको बता दें कि ये आयोजन ग्वालियर से करीब 30 किमी दूर स्थित करहधाम में हो रहा है, इसे स्थानीय लोग पटिया वाले बाबा का मंदिर भी कहते हैं, Gwalior1दरअसल रामरतन दासजी या पटिया वाले बाबा की 60वीं जयंती पर इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

कौन उठा रहा है खर्चा ?
इस समारोह में लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, करहधाम के बाबा दीनबंधु ने बताया कि इस पूरे आयोजन में होने वाला खर्च श्रद्धालु अपनी स्वेच्छा से उठा रहे हैं, Gwalior5इसके लिये कोई बाध्यता नहीं है, जिसकी जितनी श्रद्धा और हैसियत है, वो उस अनुसार इस आयोजन में मदद कर रहे हैं।

भंडारे में मदद
करहधाम के बाबा दीनबंधु के अनुसार आस-पास के 70-80 ग्राम पंचायतों ने इस आयोजन में मदद की है, इन लोगों ने भंडारे के लिये तन-मन और धन से मदद की है, Gwalior6जिस परिवार का जितना सामर्थ्य है, वो उस अनुसार उतनी मदद कर रहे हैं, जो लोग दान नहीं दे सकते, वो भी यहां आकर श्रम दान कर रहे हैं।

गांव वालों ने रोकी दूध की बिक्री
आस-पास के गांव वालों ने इन दिनों दूध की बिक्री रोक दी है, बाबा दीनबंधू के अनुसार गांव वाले सारा दूध भंडारे में दे रहे हैं, ताकि जो भी श्रद्धालु इसमें आएंगे, उन्हें प्रसाद के रुप में खीर परोसा जा सके। ट्रस्ट से सचिव रवि गुप्ता के अनुसार इस समारोह में करीब 10 लाख लोग पहुंचेंगे।