महज 44 दिन में इकठ्ठा हुए 3 हजार 500 करोड़, राम मंदिर निर्माण के लिए हो रही धनवर्षा, गिनती जारी

अयोध्‍या में हो रहे राम मंदिर निर्माण के लिए देश विदेश से चंदा जुटाया गया है, भक्‍तों ने दिल खोलकर दान दिया है । ये धनराशि कितनी हैं, चंपत राय ने इस बारे में जानकारी दी ।

New Delhi, Apr 03: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि राममंदिर निर्माण के लिए चलाए गए 44 दिन के निधि समर्पण अभियान में कल्पना से भी अधिक की धनराशि का अर्पण हुआ है । राय ने कहा कि हमने इस अभियान से एक हजार करोड़ रुपये तक के अर्पण की उम्मीद की थी, लेकिन अब तक के आंकड़ों में यह तीन हजार 500 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि इकट्ठी हुई है, जबकि अब भी अभियान से आई राशि की गिनती जारी है, अभी इसमें विदेशी मुद्रा शामिल नहीं है।

15 जनवरी से शुरू किया गया था अभियान
चंपत राय ने बताया कि इस अभियान में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) फंड के साथ ही श्रीलंका व नेपाल जैसे देशों के लोगों से भी समर्पण नहीं लिया गया है। आपको बता दें यह अभियान 15 जनवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक चला था। चंपत राय छतरपुर में आयोजित विश्व शांति महायज्ञ में शामिल साधु-संतों व श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। इसे विश्व हिंदू परिषद, अशोक सिंघल फाउंडेशन व नमो सद्भावना समिति की ओर से ऑर्गनाइज किया गया था । उन्होंने मंदिर निर्माण के प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि पांच से छह माह में नींव भरने का काम पूरा हो जाएगा, जबकि तीन साल में इस ‘राष्ट्र मंदिर’ का निर्माण पूरा हो जाएगा।

भरतपुर से मंगाया जा रहा लाल पत्‍थर
चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के भरतपुर से लाल पत्थर मंगाया जा रहा है । उन्‍होंने आगे बताया कि इस कार्य में एक अड़चन आ रही थी, दरअसल उस क्षेत्र को राज्य सरकार ने वन क्षेत्र घोषित किया हुआ है, ऐसे में मंदिर ट्रस्ट के विशेरू आग्रह पर राज्य सरकार ने उस क्षेत्र को वन क्षेत्र से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, उम्मीद है कि यह बाधा भी जल्द हट जाएगी।

भक्‍तों के हाथ में हो संचालन का जिम्‍मा
चंपत राय ने यहां देश के प्रतिष्ठित मंदिरों का संचालन सरकार की ओर से होने पर चिंता जताते हुए कहा कि मंदिर के संचालन का जिम्मा मंदिर के भक्तों के हाथों में होना चाहिए। इस मौके पर राय ने आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ स्थित यज्ञ परिसर का भ्रमण कर संतों से आशीर्वाद भी लिया। यह यज्ञ शनिवार को समाप्‍त होगा, इसमें दक्षिण भारत के ब्राह्माण भी हिस्‍सा ले रहे हैं ।