13 साल के लड़के ने एक आइडिया से खड़ी कर दी बड़ी कंपनी, 2 साल में 100 करोड़ कमाने का लक्ष्य

मुंबई के एक सबअर्बन इलाके में रहने वाले 13 वर्षीय इस छात्र का कहना है कि उसे कंपनी शुरु करने का आइडिया अपने पिता से मिला।

New Delhi, Jul 19 : आपने कई बड़े बिजनेसमैन की सक्सेस स्टोरी पढी और सुनी होगी, अकसर बड़े-बुजुर्गो को ये भी कहते हुए सुना होगा, कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, जी हां, इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है 13 साल के एक लड़के ने, इस लड़के ने छोटी सी उम्र में ना सिर्फ कंपनी खड़ी कर दी, बल्कि अगले दो साल में 100 करोड़ रुपये कमाने का भी टारगेट तय कर लिया है। एक बैंकर को इस लड़के का बिजनेस आइडिया इतना शानदार लगा कि वो अपनी नौकरी छोड़ इस कंपनी का सीईओ बनने को तैयार हो गया है।

कौन है ये लड़का ?
जी हां, आपके भी मन में ये सवाल उठ रहा होगा, कि आखिर कौन है ये लड़का, जो इतनी उम्र में ऐसे सपने देख रहा है। तो आपको बता दें कि 8वीं क्लास में पढने वाले छात्र तिलक मेहता ने लॉजिस्टिक कंपनी पेपर्स एन पार्सल्स की स्थापना की है, कम ही समय में ये कंपनी फेमस हो चुकी है, इस कंपनी ने अगले दो साल में 100 करोड़ रुपये कमाने का टारगेट रखा है।

कैसे मिला बिजनेस आइडिया ?
मुंबई के एक सबअर्बन इलाके में रहने वाले 13 वर्षीय इस छात्र का कहना है कि उसे बिजनेस शुरु करने का आइडिया अपने पिता से मिला। दरअसल कुछ दिन पहले उसे कुछ किताबों की जरुरत थी, जो शहर के दूसरे इलाके में मिलते हैं, लेकिन पिता काम से थके हुए लौटे, जिसके बाद वो अपने पिता से अपने काम की बात नहीं कर सका, साथ ही तिलक ने भी बताया कि कोई और नहीं था, जिससे वो इस काम के लिये कह सकते थे, इसी वजह से उन्हें ये आइडिया आया, कि क्यों ना ऐसी सर्विस शुरु की जाए।

बच्चे के आइडिया पर बैंकर ने छोड़ी नौकरी
पेपर्स एन पार्सल्स की शुरुआत करने वाले तिलक मेहता ने अपने बिजनेस आइडिया के बारे में एक बैंकर को बताया। बैंकर को ये आइडिया इतना जबरदस्त लगा, कि वो अपनी नौकरी छोड़ने के लिये राजी हो गये, नौकरी छोड़ने के बाद वो कंपनी के सीईओ बन गये। जिसके बाद उन्होने इस लड़के के साथ मिलकर ऐसी रणनीति बनाई कि कंपनी दिन दुनी- रात चौगुनी बढने लगी।

4 महीने रिसर्च के बाद शुरु किया बिजनेस
8वीं पास तिलक ने अपने बिजनेस की शुरुआत करने से पहले मार्केट में करीब 4 महीने तक रिसर्च किया। इस काम में उनके पिता ने ही भरपूर मदद की, दरअसल तिलक के पिता भी लॉजिस्टिक कंपनी में ही चीफ एक्जीक्यूटिव के पद पर हैं, तो उन्हें इस सेक्टर का अच्छा खासा अनुभव हैं, पिता से मिले अनुभव के बाद बेटे ने कंपनी शुरु कर दी।

तीन सौ डब्बावालों को बनाया पार्टनर
पार्सल की डिलीवरी करने के लिये तिलक मेहता ने तीन सौ डब्बा वालों को अपना पार्टनर बनाया, साथ ही दो सौ लोगों को काम पर रखा। अभी पेपर एन पार्सल्स रोजाना 1200 से ज्यादा पार्सल्स की डिलीवरी करती है। एप्प के जरिये कोई भी कस्टमर्स ऑर्डर दे सकता है। उसी दिन डिलीवरी कर दी जाती है। फास्ट सर्विस की वजह से ये कंपनी तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

पार्सल का चार्ज
तिलक मेहता की लॉजिस्टिक Company तीन किलो पार्सल तक की डिलीवरी करती है। कंपनी 40 से 180 रुपये तक वजन के अनुसार चार्ज करती है। बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद तिलक की कंपनी से सीईओ बने घनश्याम पारेख ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य लॉजिस्टिक मार्केट के बीस फीसदी हिस्से पर काबिज होना है। अगले दो साल में कंपनी ने 100 करोड़ रुपये रेवेन्यू का लक्ष्य रखा है।