चंद्रग्रहण: पहली बार दिखा सुपरमून, ब्लूमून और ब्लड मून, देखिए तस्वीरें

दुनियाभर में साल का पहला चंद्रग्रहण दिख गया। इसके बाद लोगों को सुपरमून, ब्लूमून और ब्लड मून देखने का शानदार मौका मिला। देखिए ये तस्वीरें

New Delhi, Jan 31: दुनियाभर में साल का पहला चंद्रग्रहण हुआ। एशिया में 35 सालों बाद ऐसा संयोग बना जब ब्लू मून, ब्लड मून और सुपर मून एक साथ दिखाई दे रहा है। भारत में कोलकाता, भुवनेश्वर समेत दूसरी जगहों पर भी टोटल लूनर एक्लिप्स देखा गया। ये पूर्ण चंद्र ग्रहण है, यानी इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया से कुछ देर के लिए पूरी तरह ढक गया था। कुछ खास बातें जानिए।

ये है बेहतरीन नजारा
इस दौरान चंद्रमा 30 फीसदी से भी ज्यादा चमकदार और 14 फीसदी से भी ज्यादा बड़ा भी दिखाई दिया। ये एक शआनदार खगोलीय घटना है, जिसे देखकर हर कोई खुश हो गया। अब आप ये भी जानिए कि आखिर सुपर मून क्या होता है। चंद्रमा का अपने सामान्य आकार से ज्यादा बड़ा दिखाई देना सुपर मून कहलाता है। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक होता है।

ये हैं खास बातें
इसके अलावा भी सुपरमून के बारे में कुछ खास बातें हैं, जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं। सुपर मून का आकार सामान्य से 10 से 14 फीसदी बड़ा होता है। ये 30 फीसदी ज्यादा चमकदार भी दिखाई देता है। ये एक बेहतरीन नजारा है, जिसे लोगों ने देखकर जिंदगी भर के लिए यादगार बना दिया। खगोलीय घटना में इस बारे में काफी बड़ी बातें बताई गई हैं।

ब्लू मून के बारे में जानिए
अब आपको ब्लू मून के बारे में भी बता देते हैं। ब्लू का मतलब चांद के रंग से नहीं है। दरअसल, एक महीने में जब दो पूर्णिमा पड़ती हैं तो इस स्थिति को ब्लू मून कहते हैं। इस बार 2 जनवरी को पूर्णिमा थी और दूसरी 31 जनवरी को। नासा का कहना है कि ब्लू मून हर ढाई साल में एक बार नजर आता है। तो ढाई साल के बाद लोगों ने ने ये बेहतरीन नजारा भी देख लिया।

ब्लड मून ऐसा दिखता है
अब आपको बल्ड मून के बारे में भी बता देते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में होंते है तो ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। हालांकि, इस दौरान सूर्य की कुछ किरणें पृथ्वी के वातावरण से होकर चंद्रमा पर पड़ती हैं। इस दौरान वो हल्का भूरे और लाल रंग में चमकता है। कुछ लोग इसे ब्लड मून भी कहते हैं। लोगों ने इस नजारे को भी कैद कर लिया।

शाम 5.20 पर शुरू हुआ
ये चंद्र ग्रहण शाम 5.20 बजे शुरू हुआ। हालांकि, ये ठीक ढंग से सूर्यास्त के बाद 6:25 बजे से नजर आया। शाम 8.43 बजे तक ये रहा। भारत के अलावा यह एशिया, रूस, मंगोलिया, जापान, आस्ट्रेलिया और कई मुल्कों में चंद्रमा के उदय के साथ ही शुरू हो गया। नॉर्थ अमेरिका, कनाडा और पनामा के कुछ हिस्सों में चंद्रमा के अस्त होते वक्त दिखाई दिया।

19 साल बाद अद्भुत नजारा
इस साल 2 चंद्र ग्रहण और 3 सूर्यग्रहण होंगे। भारत में दोनों चंद्र ग्रहण दिखाई देंगे, लेकिन सूर्यग्रहण नहीं दिखाई देगा। इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 27 जुलाई को है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ब्लड-ब्लू मून की स्थिति इससे पहले 1982 में बनी थी। अब 31 जनवरी 2037 को भी सुपर ब्लू-ब्लड मून नजर आएगा। कुल मिलाकर 19 साल बाद ऐसा चंद्रग्रहण देखने को मिला।