डेब्यू के 7 साल बाद बना स्टार, पूर्व कप्तानों पर बड़ा आरोप लगा चुका है टीम इंडिया का ये गेंदबाज

Mumbai

टीम इंडिया तेज गेंदबाज जयदेव भले इस सीरीज में लाइमलाइट में आये हों, लेकिन उन्होने अपना डेब्यू करीब सात साल पहले किया था।

New Delhi, Dec 25 : टीम इंडिया और श्रीलंका के बीच तीन मैचों की सीरीज में मेजबान ने 3-0 से क्लीन स्वीप कर दिया, इस सीरीज में भारतीय गेंदबाज जयदेव उनाद्कट को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया, हालांकि उन्होने चहल, पांड्या और कुलदीप यादव से कम विकेट हासिल किये, लेकिन वो इस सीरीज के सबसे किफायती गेंदबाज रहे, इस सीरीज में उन्होने 3 मैचों में 9 ओवर बॉलिंग की, इस दौरान भले उन्हें विकेट चार मिले हों, लेकिन उनका इकॉनमी रेट सिर्फ 4.88 का रहा।

सात साल पहले किया था डेब्यू
तेज गेंदबाज जयदेव भले इस सीरीज में लाइमलाइट में आये हों, लेकिन उन्होने अपना डेब्यू करीब सात साल पहले किया था, unadkatउन्होने दिसंबर 2010 में टीम इंडिया के लिये पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था, उन्होने सेन्चुरियन में दक्षिण अफ्रीका के किलाफ एक मात्र टेस्ट मैच खेला है, इस मैच में वो कोई विकेट हासिल नहीं कर सके थे, इसके बाद उन्हें टेस्ट टीम में कभी मौका नहीं दिया गया।

तीन साल बाद दोबारा वापसी
2010 में एक मात्र टेस्ट के बाद तीन साल बाद उनकी सीमित ओवरों के क्रिकेट में वापसी हुई, 2013 में उन्हें जिम्बॉब्वे दौरे पर टीम इंडिया में शामिल किया गया, jaydev-mainइसी साल उन्हें जुलाई से लेकर नवंबर तक 7 एकदिवसीय मैच में मौका दिया गया, जिसमें वो 8 विकेट हासिल कर सके, लेकिन एक बार फिर से उनके करियर पर ब्रेक पर गया, फिर उन्हें अगला मौका जून 2016 में मिला।

जिम्बॉव्बे के खिलाफ खराब प्रदर्शन
जून 2016 में जिम्बॉब्वे दौरे पर फिर से उन्हें मौका दिया गया, उन्हें टी-20 टीम में शामिल किया गया था। लेकिन उन्होने टी-20 के डेब्यू मैच में ही 4 ओवर में 43 रन लुटा दिये थे, Jaydev-Unadkatइस दौरे पर टीम इंडिया यही एक मात्र मैच हारी थी, उम्मीद के अनुसार उन्हें फिर से टीम से बाहर कर दिया गया, हालांकि लगातार अंदर-बाहर होने के बावजूद जयदेव ने हार नहीं मानी, उन्होने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में लगातार मेहनत की।

कप्तानों पर लगाया आरोप
मध्यम तेज गति के गेंदबाज ने अपने कई कप्तानों पर उन्हें सपोर्ट नहीं करने का भी आरोप लगाया है, जयदेव उनादकट के अनुसार उन्होने हर मैच के साथ खुद में सुधार किया, Jaidev2लेकिन बावजूद इसके उन्हें जितने मौके मिलने चाहिये थे, उतने नहीं दिये गये। जयदेव ने पिछले दिनों पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की खूब तारीफ की थी।

जयदेव उनादकट का क्रिकेट करियर
जयदेव ने टीम इंडिया के लिये तीन प्रारुप में खेल चुके हैं, उन्होने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना एकमात्र इकलौता टेस्ट मैच खेला था, Title Jaidevइस मैच में वो कोई विकेट हासिल नहीं कर सके थे, अब तक उन्होने 7 एकदिवसीय मैच खेले हैं, जिसमें 8 विकेट उन्होने हासिल किया है, इसके अलावा टी-20 में वो 4 मैच खेलकर 4 विकेट ले चुके हैं।

धोनी की तारीफ
इसी साल जयदेव ने एक इंटरव्यू में कहा था कि पिछले कुछ सालों में घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें आईपीएल में मौके नहीं दिये गये, एक खराब मैच के बाद ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता था, jaidev dhoniजो कप्तान की तरफ से उन्हें सपोर्ट मिलना चाहिये थे, वो उनके कप्तानों ने नहीं किया। आपको बता दें कि 2017 में जयदेव पुणे की तरफ से खेले थे, ये सीजन उनके लिये अच्छा रहा, जिसके बाद उन्होने कोच फ्लेमिंग और कप्तान स्मिथ की खूब तारीफ की थी, उन्होने कहा था कि स्मिथ और धोनी भाई के साथ मेरा अनुभव शानदार रहा, प्रेशर सिचुएशन में माही भाई काफी सपोर्ट करते हैं, मालूम हो कि आईपीएल-10 में जयदेव ने हैट्रिक के साथ ही 12 मैचों में 24 विकेट लिये थे।

आईपीएल में इन कप्तानों के साथ खेला
साल 2010 में इस तेज गेंदबाज ने आईपीएल में डेब्यू किया था, 2010 से 2012 तक वो केकेआर की टीम में रहे, 2010 में कोलकाता के कप्तान सौरव गांगुली थे,ipl-match जबकि 2011 और 2012 में गौतम गंभीर, फिर 2013 में उन्हें विराट कोहली की कप्तानी वाली आरसीबी ने खरीद ली, अगले साल 2014 में वो दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में आ गये, तब केविन पीटरसन टीम के कप्तान थे, दो साल दिल्ली की टीम से खेलने के बाद वो 2016 में केकेआप की टीम में चले गये, फिर 2017 में पुणे सुपरजायंट्स ने उन्हें खरीदा।

आईपीएल प्रदर्शन
आईपीएल में जयदेव कुछ खास नहीं कर सके हैं, इस सीजन में उन्होने 12 मैचों में 24 विकेट हासिल किये, jaidev1जबकि इससे पहले साल 2013 में उन्होने 13 मैचों में 13 विकेट हासिल किये थे। बाकी के सालों में उन्हें ज्यादा मौके भी नहीं दिये गये और वो गेंद से कुछ खास प्रदर्शन कर भी नहीं सके।