नौकरी से ऊबकर इस शख्स ने शुरु किया ये काम और बन गया 6 हजार करोड़ का मालिक

पटू केशवानी ने एक बार एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें कर्मचारी के तौर पर बोरियत होने लगी, तो उन्होने फैसला लिया, कि अब वो नौकरी नहीं करेंगे।

New Delhi, Jul 08 : अगर आप अपने दिल की सुनेंगे, तो नाकामयाबी भूल जाएंगे, ये शब्द पटू केशवानी के हैं, साल 2002 में नौकरी से ऊबकर इन्होने अपनी कंपनी की शुरुआत की, आज 6 हजार करोड़ से ज्यादा के मालिक बने हुए हैं। मालूम हो कि पटू केशवानी देश के मशहूर होटल चेन ‘लेमन ट्री’ के मालिक हैं। ‘लेमन ट्री’ 2-4 स्टार होटल चलाती है, आइये आपको बताते हैं कि कैसे उन्होने खड़ी कर ली कंपनी।

नौकरी से बोर होकर खोल ली कंपनी
पटू केशवानी ने एक बार एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें कर्मचारी के तौर पर बोरियत होने लगी, तो उन्होने फैसला लिया, कि अब वो नौकरी नहीं करेंगे, केशवानी ने कुछ अलग करने की ठानी और होटल बिजनेस में उतरने की तैयारी शुरु की। हालांकि जब उन्होने बिजनेस करने का आइडिया अपने घर वालों को बताया तो उनके माता-पिता ने उसमें रुचि नहीं दिखाई, उनकी पत्नी शरानीता (तब केएफसी में मार्केटिंग डायरेक्टर थी) ने उन्हें पूरा सपोर्ट किया, फिर बाद में नौकरी छोड़ वो भी उनके साथ जुड़ गई।

बिजनेस मॉडल
होटल इंडस्ट्रीज की समझ बढने से शुरुआती परेशानी धीरे-धीरे दूर होने लगी, केशवानी के बिजनेस का प्रमुख मॉडल पांच सितारा होटल और गेस्ट हाउस के बीच का भारी अंतर को कम करना था। उन्होने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो एक ऐसा होटल बनाना चाहते हैं, जहां फाइव स्टार होटल की 60 फीसदी सुविधाएं आधी कीमतों में मिले।

कंपनी का नाम
इसी बिजनेस मॉडल पर काम करते हुए पटू केशवानी ने दिल्ली-एनसीआर के गुरुग्राम में 1.5 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी, उन्होने कहा कि गुरुग्राम को उन्होने इसलिये चुना था, क्योंकि यहां ज्यादातर कॉरपोरेट आते हैं, उन्होने ताज ग्रुप में काम कर रहे अपने कुछ मित्रों से संपर्क किया और उन्हें अपने साथ जोड़ा, अब कंपनी के नाम पर चर्चा होने लगी, सभी का विचार था कि नाम नया यूथफुल होना चाहिये, इसलिये कंपनी का नाम ‘लेमन ट्री’ तय किया गया ।

पहले पांच साल में कंपनी का मुनाफा 1 करोड़
मई 2004 तक कंपनी के पोर्टफोलियो में पांच सितारा जैसी सुविधा वाले 50 कमरे थे, जिनमें एक रात का खर्च सिर्फ 1600 रुपये प्रति व्यक्ति था। कंपनी के शुरुआती एक महीने में उनकी आक्युपेंसी 40 प्रतिशत रही। जबकि तब तक उन्होने कोई विज्ञापन नहीं दिया था। कंपनी डायरेक्टर मार्केटिंग करती थी। ये कॉन्सेप्ट चल गया और पहले पांच साल में उनकी कंपनी का मुनाफा एकर करोड़ रुपये पहुंच गया।

आसान नहीं था सफर
पटू केशवानी ने कहा कि ये सब बहुत आसान नहीं था, क्योंकि उनके दोस्त बड़ी-बड़ी नौकरियां छोड़कर आये थे, हालांकि एक अच्छी मैनेजमेंट टीम बेहतर काम करना जानती है, इसलिये बिजनेस तेजी से आगे बढने लगा। इसके बाद प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबग पिनकस ने कंपनी में 210 करोड़ का निवेश किया। फिर कोटक महिंद्रा रियल्टी ने 32 करोड़ रुपये लगाये, दिसंबर 2006 तक कंपनी के 125 रुम्स हो गये। ऑक्यूपेंसी 90 फीसदी तक पहुंच गई।

लेमन ट्री
केशवानी की कंपनी लेमन ट्री के पास फिलहाल चार ब्रैंड्स हैं, लेमन ट्री प्रीमियर (उच्च वर्ग रेंज), लेमन ट्री रिसॉर्ट्स (लग्जरी सेग्मेंट), लेमन ट्री होटल्स (मध्य वर्ग रेंज) और रेड फॉक्स होटल्स (बजट रेंज)। आपको बता दें कि कंपनी देश के 24 शहरों में 40 होटल चलाती है, जिसमें 4200 कमरे हैं।