जमीन पर सोती है ये महिला अधिकारी, मनचलों ने की थी छेड़खानी तो लाइफ में आया यू-टर्न

sheshta thakur

बहराइच सीओ पद पर तैनात श्रेष्ठा सिंह ने बताया कि वो जमीन पर सोना पसंद करती हैं, सो कर उठने के बाद वो अपने बिस्तर को इस तरह लपेट कर रख देती हैं।

New Delhi, Dec 28 : सड़क से संसद तक मशहूर हो चुकी पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर को कोई लेडी सिंघम कहता है, तो कोई आयरन लेडी, खुद लड़की होने की वजह से पढाई के दौरान मनचलों के फब्बतियों का शिकार हो चुकी श्रेष्ठा अब जहां भी जाती है, वहां सड़क पर चलती हुई लड़की असुरक्षित महसूस ना करे, इसके लिये काम शुरु कर देती है, शायद आपको जानकर हैरानी होगी, कि अधिकारी होने के बावजूद वो जमीन पर सोना पसंद करती हैं, फिलहाल वो यूपी के बहराइच में सीओ पद पर तैनात हैं।

ऐसे आई थी चर्चा में
पिछले दिनों बुलंदशहर में बीजेपी विधायक से तूतू-मैं मैं के बाद वो चर्चा में आई थी, हालांकि उनका बुलंदशहर से ट्रांस्फर हो गया और उन्हें बहराइच भेज दिया गया, sheshta thakur5वो वहां सीओ पद पर तैनात हैं, बीजेपी विधायक से भिड़ने की वजह से वो रातों-रात मशहूर हो गई थी, इसके साथ ही श्रेष्ठा सिंह अपनी सादगी और लाइफस्टाइल, ड्यूटी के प्रति अपने समर्पण के लिये जानी जाती है।

जमीन पर सोती हैं पीपीएस अधिकारी
बहराइच सीओ पद पर तैनात श्रेष्ठा सिंह ने बताया कि वो जमीन पर सोना पसंद करती हैं, सो कर उठने के बाद वो अपने बिस्तर को इस तरह लपेट कर रख देती हैं, sheshta thakur6कि अगर उसी दिन उनका तबादला हो जाए, तो उन्हें वहां जाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिये। इसके साथ ही उनके ज्यादा आडंबर कर दिखावा करने का शौक भी नहीं है, वो सादगी से जीना चाहती हैं।

महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा
कानपुर की रहने वाली श्रेष्ठा ने कहा कि वो महिला सुरक्षा को लेकर हमेशा सचेत रहती हैं, वो इस बात का ध्यान रखती है कि लड़कियों को कानून तौर पर मजबूत किया जा सके, sheshta thakur71इसके साथ ही उन्हें शारीरिक रुप से भी मजबूत करने के लिये ताइक्वांडे की ट्रेनिंग देती है, ताकि अगर सड़क पर कोई मनचला उनके साथ दुर्व्यवहार करे, तो वो उसे सड़क पर ही मजा चखा सके।

लाइफ में ऐसे आया यूटर्न
श्रेष्ठा ठाकुर ने बताया कि जैसे चर्चित आईपीएस अधिकारी नवनीत सिकेरा को जिस तरह न्याय ना मिलने के कारण उन्होने आईटी की नौकरी छोड़ सिर्फ न्याय पाने के लिये आईपीएस की पढाई की, sheshta thakur4फिर वो एग्जाम क्वालिफाई कर एक न्यायमित्र अधिकारी के रुप में चर्चित हुई, कुछ ऐसा ही उनके जीवन में भी हुआ, वो नवनीत सिकेरा से बहुत प्रभावित थी।

मनचलों ने की थी छेड़खानी
श्रेष्ठा ने बताया कि जब वो कानपुर में पढाई कर रही थी, तो उनके साथ दो बार मनचलों ने छेड़खानी की, sheshta thakur1उस समय उन्हें लगा कि इस प्रकरण में पुलिस को जिस तरह से अपनी कार्रवाई करनी चाहिये थी, नहीं की, जिसके बाज उन्होने पुलिस अधिकारी बनने की ठान ली, साल 2012 में मैंने अपनी चाहत को हकीकत बनाकर पीपीएस एग्जाम क्वालिफाई किया।

भाई का है बड़ा योगदान
श्रेष्ठा अपने पिता एस बी भदौरिया और माता मिथलेश भदौरिया की सबसे छोटी संतान हैं, उनके सपनों को उड़ान देने में उनके बड़े भाई मनीष प्रताप का बड़ा योगदान है, sheshta thakur2पीपीएस जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी में जब श्रेष्ठा का मन ऊबने लगा था, तो उनके बड़े भाई ने ही उनका मनोबल बढाया था, वो दोनों भाइयों की लाडली है, आपको बता दें कि पीपीएस अधिकारी के पिता बिजनेस मैन हैं।

लोग मारते थे ताने
श्रेष्ठा ठाकुर ने बताया कि उनकी पढाई ग्रेजुएशन तक कानपुर में ही हुई है, जब वो ग्रेजुएशन की पढाई कर रही थी, तो आस-पास के लोग बातें करते थे कि बेटी बड़ी हो गई है, sheshta thakurअब इसे अकेले घर से बाहर नहीं आना-जाना चाहिये, हालांकि मेरे बड़े भाई ने इन सब तानों को अनसुना कर मुझे पढाई पर ध्यान लगाने को कहा, वो हर कदम पर मेरे साथ खड़े होते थे।

लाचार-जरुरतमंद की मदद
सीओ बहराइच ने एक वाकया याद करते हुए बताया कि एक दिन वो कॉलेज जा रही थी, तभी सड़क किनारे एक 9-10 साल का लड़का भीख मांग रहा था,sheshta thakur21 उसे मैंने अपने टिफिन का सारा खाना दे दिया, मैं ऐसे बच्चों की मदद जरुर करती हूं, जो लाचार और जरुरतमंद होते हैं, इसके साथ ही वो रोजाना खाना बनवाकर कुत्तों को खिलाती है।