जब अटल जी ने प्रणब दा से कहा था, ‘आप ही का बच्चा है साथ दीजिए’

अटल जी ने राज्यसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष मनमोहन सिंह से बिल पास कराने में सहयोग की अपील की थी, साथ ही मुझसे कहा था, प्रणब दा आप ही का बच्चा है, फिर आप क्यों समर्थन नहीं कर रहे हैं?

New Delhi, Aug 17 : भारत रत्न और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से देशभर में शोक की लहर है, राजनीतिक जगत से लेकर दूसरे क्षेत्र की भी चर्चित हस्तियां अनोखे ढंग से उन्हें याद कर रहे हैं और श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने टाइम्स ऑफ इंडिया के लिये लिखे एक संस्मरण में कहा है कि वैचारिक विरोधी रहे अटल जी ने पीएम पद पर रहते हुए पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव और तत्कालीन फाइनेंस मिनिस्टर डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा शुरु किये गये आर्थिक सुधारों को जारी रखा था, साथ ही उन्होने भरोसा दिया था, कि देश की इकॉ़नमी 6 फीसदी की वार्षिक दर से आगे बढती रहेगी।

आर्थिक सुधार की कोशिशें
मालूम हो कि नरसिम्हा राव की सरकार में डॉ. मनमोहन सिंह ने देश में आर्थिक उदारीकरण और सुधार की कोशिशें साल 1991 में शुरु की थी। प्रणब मुखर्जी ने उस वाकये को याद करते हुए अखबार में लिखा है कि वो तत्कालीन सरकार में वाणिज्य मंत्री थे। साल 1995 में उन्होने विश्व व्यापार संगठन के साथ एक समझौता किया था, उस समझौते के अनुसार भारत को पेटेंट एक्ट में एक संशोधन करना था, लेकिन वाम दलों और बीजेपी की विरोध की वजह से वो बिल राज्यसभा में संशोधन के साथ पास नहीं हो सका।

बदल गई सरकार
प्रणब दा ने लिखा है कि उस बिल को दोबारा संसद में लाया गया, लेकिन निर्धारित 5 साल की अवधि में उसे सरकार पास नहीं करवा सकी। जिसके बाद डब्लयूटीओ ने भारत के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी। उसके कुछ समय बाद दिल्ली में सत्ता बदल गई, नरसिम्हा राव के बाद अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बनें, मुरासोली मारन को उन्होने वाणिज्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी।

आप ही का बच्चा है प्रणब दा
वाजपेयी सरकार ने फिर से उस बिल को संशोधन के साथ संसद में पेश किया। पूर्व राष्ट्रपति ने लिखा है कि अटल जी ने राज्यसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष मनमोहन सिंह से बिल पास कराने में सहयोग की अपील की थी, साथ ही उन्होने मुझसे मजाकिया लहजे में कहा था, प्रणब दा आप ही का बच्चा है, फिर आप क्यों समर्थन नहीं कर रहे हैं? जिसके बाद उन्होने इसे लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की थी।

अटल जी ने कहा था थैंक्यू
जब प्रणब दा ने इस बिल को पास कराने के लिये सोनिया गांधी से बात की थी, तो कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें इस बिल के बारे में पार्टी नेताओं को बताने के लिये कहा था, प्रणब दा ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में करीब 2 घंटे तक नेताओं को समझाते रहे, कि उनका बिल और मौजूदा बिल में कोई अंतर नहीं है, उन्होने जैसा ड्राफ्ट किया था, वही बिल है, सिर्फ साल बदल गया है, और वाणिज्य मंत्री का नाम बदला हुआ है। प्रणब मुखर्जी के कहने के बाद कांग्रेस ने राज्यसभा में बिल का समर्थन किया, जिससे बिल पास हो गया। बिल पारित होने के बाद तत्कालीन पीएम अटल जी ने प्रणब मुखर्जी को धन्यवाद कहा था।