अपनी रणनीति से मोदी को मुरीद बनानेे वाले प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री, इस पार्टी से जुड़ेंगे

प्रशांत किशोर गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी से मिले, उन्होने मोदी को उनका चुनावी कैम्पेन संभालने का ऑफर दिया, मोदी उनकी तैयारी से काफी प्रभावित थे।

New Delhi, Sep 16 : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब सक्रिय राजनीति में हाथ आजमाने जा रहे हैं, जी हां, अब तक परदे के पीछे रहकर रणनीति बनाने वाले पीके आज नीतीश कुमार की मौजूदगी में जदयू ज्वाइन करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आज ही वो पार्टी की सदस्यता ग्रहन करेंगे। इसके लिये पूरी तैयारियां हो चुकी है। पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक से पहले वो मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार खुद उन्हें पार्टी में शामिल करवाएंगे।

नीतीश कुमार से खास लगाव
आपको बता दें कि मूल रुप से बिहार के रहने वाले प्रशांत किशोर के बारे में पिछले कुछ दिनों से कहा जा रहा था कि जल्द ही वो राजनीति में एंट्री ले सकते हैं, पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर को एक समय चुनाव में जीत की गारंटी माना जाता है, उन उन्होने लगातार तीन चुनावों में रणनीति बनाई और हर बार सफल रहे। कहा जाता है कि पीके का नीतीश कुमार से खास लगाव है, इसी वजह से उन्होने जदयू में शामिल होने का फैसला लिया।

गुजरात विधानसभा चुनाव से शुरुआत
प्रशांत किशोर गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी से मिले, उन्होने मोदी को उनका चुनावी कैम्पेन संभालने का ऑफर दिया, मोदी उनकी तैयारी से काफी प्रभावित थे, उन्होने प्रशांत किशोर को गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की कैम्पेनिंग संभालने का मौका दिया। पीके पहली परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास हुए, हालांकि तब तक वो एक राज्य में सीमित थे, उन्हें कोई खास नहीं जानता था।

लोकसभा चुनाव में मोदी लहर
उसके बाद सितंबर 2013 में जब बीजेपी ने मोदी को पीएम उम्मीदवार घोषित किया, तो नरेन्द्र मोदी ने फिर पीके पर भरोसा जताया, उन्होने लोकसभा चुनाव में कैम्पेनिंग की पूरी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी। पीके ने फिर से एक बार अपनी कार्य कुशलता और क्षमता दिखाते हुए बीजेपी के प्रचार को मोदी लहर में बदल दिया। नतीजा बीजेपी की बंपर जीत हुई, इस बार प्रशांत किशोर देश-विदेश में चर्चित हो गये, हालांकि कुछ समय बाद अमित शाह से मतभेद होने के बाद उन्होने बीजेपी का खेमा छोड़ दिया।

2015 में नीतीश के साथ
बीजेपी छोड़ने के बाद उन्होने नीतीश कुमार का हाथ थामा, नीतीश ने उन्हें चुनावी की रणनीति का पूरा जिम्मा सौंप दिया। एक बार फिर से पीके की रणनीति काम कर गई और बिहार में जदयू की सरकार बनी। जीत के बाद सुशासन बाबू ने पीके को गले लगाकर कैबिनेट रैंक का दर्जा दिया, हालांकि प्रशांत किशोर अपने अगले अभियान में लग गये। 2017 में उन्होने यूपी बीजेपी की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी ली, लेकिन कुछ कारणों की वजह से चुनाव से पहले ही उन्होने कांग्रेस का खेमा छोड़ दिया, अब वो नीतीश के साथ नई पारी की शुरुआत कर रहे हैं। देखना होगा, कि चुनावी रणनीति की तरह ही वो यहां कितने सफल हो पाते हैं।